इस मिशन का उद्देश्य भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में विनिर्माण की हिस्सेदारी को मौजूदा 17% से बढ़ाकर 25% करना है। लक्ष्य वर्ष 2025 रखा गया है। केंद्रीय बजट 2025-2026 में विनिर्माण क्षेत्रक के लिए अन्य पहलों की भी घोषणा की गई।
राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन के बारे में
- मिशन का उद्देश्य: "मेक इन इंडिया" पहल के तहत लघु, मध्यम और बड़े उद्योगों का समर्थन करना।
- मेक इन इंडिया: इसे 2014 में लॉन्च किया गया था। इसका उद्देश्य भारत को डिजाइन और विनिर्माण के लिए एक वैश्विक केंद्र में बदलना है।
- अधिदेश: इस मिशन में मुख्य रूप से पांच फोकस क्षेत्र शामिल होंगे-
- व्यापार करने में सुगमता और लागत,
- मांग वाली नौकरियों के लिए कौशल उन्नयन,
- सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME),
- प्रौद्योगिकी की उपलब्धता और
- गुणवत्तापूर्ण उत्पाद।
- उद्देश्य: केंद्रीय मंत्रालयों और राज्यों के लिए नीतिगत समर्थन, निष्पादन रोडमैप तथा गवर्नेंस फ्रेमवर्क प्रदान करना।
- स्वच्छ तकनीक आधारित विनिर्माण:
- यह मिशन सतत विकास के लिए भारत की प्रतिबद्धता के हिस्से के रूप में स्वच्छ तकनीक आधारित विनिर्माण का समर्थन करेगा।
- उद्देश्य: घरेलू मूल्य संवर्धन में सुधार करना तथा सौर PV सेल, EV बैटरी, मोटर व नियंत्रक, इलेक्ट्रोलाइजर, पवन टरबाइन, हाई वोल्टेज ट्रांसमिशन उपकरण और ग्रिड स्केल बैटरी के लिए इकोसिस्टम का निर्माण करना।
- महत्त्व:
- स्वच्छ तकनीक क्षेत्रक में चीन के प्रभुत्व को प्रतिसंतुलित करने में मदद मिलेगी;
- वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं के साथ भारत की अर्थव्यवस्था का एकीकरण होगा आदि।
