खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) ने 'कृषि विकास और खाद्य सुरक्षा के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग' शीर्षक से रिपोर्ट जारी की | Current Affairs | Vision IAS
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खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) ने 'कृषि विकास और खाद्य सुरक्षा के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग' शीर्षक से रिपोर्ट जारी की

Posted 10 Feb 2025

8 min read

यह रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र बाह्य अंतरिक्ष मामलों से संबंधित कार्यालय के सहयोग से जारी की गई है।

कृषि के लिए अंतरिक्ष क्षेत्रक के विविध खंडों से जुड़ी चुनौतियां और अवसर

अंतरिक्ष क्षेत्रक के खंड

चुनौतियां

अवसर

अपस्ट्रीम (अंतरिक्ष अवसंरचना विकास पर केंद्रित)

  • उपग्रह के विकास के लिए बाह्य सहायता पर निर्भरता।
  • सुदूर संवेदन नवाचार में ठहराव की स्थिति।

सभी की अंतरिक्ष तक पहुंच और बर्ड्स परियोजना जैसी क्षमता-निर्माण पहलें मिशन की योजना बनाने और उपग्रह विकास में राष्ट्रीय क्षमताओं के विकास में मदद करती हैं। ये पहलें विशेष रूप से कृषि हेतु उपयोग पर केंद्रित मिशनों के लिए समर्थन प्रदान करती हैं।

मिडस्ट्रीम (डेटा प्रसंस्करण, भंडारण और प्रबंधन करना)

  • भू पर्यवेक्षण और GNSS  डेटा तक सीमित पहुंच।
  • प्लेटफॉर्म्स के मध्य समन्वय के अभाव से डेटा में असंगतियां आदि उत्पन्न होती हैं।

EAS  के कोपरनिकस ओपन एक्सेस हब और नासा की अर्थ डेटा जैसी पहल डेटा साझाकरण दक्षता में सुधार करती हैं। साथ ही, समन्वय को सुनिश्चित करते हुए दोहराव को भी कम करती हैं।

डाउनस्ट्रीम (फसल और भूमि की स्थिति की निगरानी सहित व्यावहारिक कृषि उपयोग)

  • कृषि संबंधी निगरानी में खामियां, जैसे फसली मौसम, मौसम संबंधी आंकड़े, फसली  भूमि के मानचित्र आदि का अभाव।

GEOGLAM और ESA की विश्व अनाज कार्यक्रम जैसी पहलें डेटा साझाकरण व मानकीकरण को बढ़ावा देती हैं।

GNSS: ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम

EAS: यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी

GEOGLAM: ग्रुप ऑफ अर्थ ऑब्जर्वेशन ग्लोबल एग्रीकल्चर मॉनिटरिंग इनिशिएटिव 

 

 

 

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  • FAO
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  • कृषि विकास
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