यह चेतावनी ऑनलाइन क्यूरेटेड कंटेंट पब्लिशर्स (OTT प्लेटफॉर्म्स) और OTT प्लेटफॉर्म्स के स्व-विनियामक निकायों को जारी की गई है।
- OTT एक मीडिया सेवा है, जो इंटरनेट के माध्यम से फिल्मों और टेलीविजन कंटेंट तक पहुंच प्रदान करती है।
मुख्य निर्देशों पर एक नजर
- सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दायित्व और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 (IT नियम, 2021) के भाग III के तहत OTT प्लेटफॉर्म्स के लिए आचार संहिता का पालन करना अनिवार्य है।
- इस आचार संहिता में प्रावधान किया गया है कि OTT प्लेटफॉर्म्स ऐसे किसी भी कंटेंट को प्रसारित नहीं करेंगे, जो कानून द्वारा निषिद्ध है। साथ ही, इनके लिए आयु के अनुसार कंटेंट का वर्गीकरण करना जरूरी है।
- इनके तहत शिकायतों के निवारण के लिए त्रि-स्तरीय संस्थागत तंत्र बनाया गया है-
- स्तर- I: प्रकाशकों द्वारा स्व-नियमन;
- स्तर- II: प्रकाशकों के स्व-विनियमन निकायों द्वारा स्व-विनियमन;
- स्तर- III: निरीक्षण तंत्र।
- OTT प्लेटफॉर्म्स के लिए कानूनों के उन प्रावधानों का अनुपालन करना अनिवार्य है, जो घृणित या अश्लील कंटेंट के प्रकाशन पर रोक लगाते हैं। इन कानूनों में शामिल हैं-
- महिलाओं का अशिष्ट चित्रण (प्रतिषेध) अधिनियम, 1986;
- लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण (पॉक्सो/ POCSO) अधिनियम, 2012;
- सूचना प्रौद्योगिकी (IT) अधिनियम, 2000; तथा
- भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023.
