यह दुनिया की पहली ऐसी क्वांटम चिप है, जो नए टोपोलॉजिकल कोर आर्किटेक्चर द्वारा संचालित होती है।
- यह क्वांटम कंप्यूटर के विकास में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी, क्योंकि इसमें अधिक स्थिर और स्केलेबल क्वांटम कंप्यूटिंग घटक शामिल होते हैं।
मेजराना 1 के बारे में
- इसमें पहली बार टोपोकंडक्टर (टोपोलॉजिकल सुपरकंडक्टर) का उपयोग किया गया है।
- टोपोकंडक्टर एक विशेष श्रेणी का पदार्थ है, जो पदार्थ की एक पूरी तरह से नई अवस्था बना सकता है। यह अवस्था ठोस, तरल या गैस नहीं बल्कि एक टोपोलॉजिकल अवस्था होती है।
- यह पदार्थ इंडियम आर्सेनाइड (एक अर्धचालक) और एल्यूमीनियम (एक अतिचालक/ Superconductor) से बना है।

- इसमें कणों का निरीक्षण करने के लिए एक अतिचालक नैनोवायर का उपयोग किया जाता है और इसे मानक कंप्यूटिंग उपकरणों से नियंत्रित किया जा सकता है।
- यह मेजराना फर्मिऑन नामक एक उप-परमाण्विक कण पर निर्भर करता है।
- मेजराना फर्मिऑन एक ऐसा फर्मिऑन है, जो एक कण और इसके प्रतिकण दोनों का व्यवहार दर्शाता है। दोनों ही रूपों में इसके गुण समान होते हैं और सैद्धांतिक रूप से इसके अस्तित्व का पहली बार 1930 के दशक में वर्णन किया गया था।
मेजराना 1 एक बड़ी उपलब्धि क्यों है?
- इसमें प्रतिद्वंद्वी चिप्स की तुलना में कम क्यूबिट (या क्वांटम बिट) की आवश्यकता होती है। साथ ही, इसमें त्रुटि दर भी अन्य प्रतिद्वंद्वी चिप्स, जैसे- गूगल (विलो), IBM आदि की तुलना में कम है।
- क्यूबिट क्वांटम कंप्यूटिंग में सूचना की मूल इकाई होती है।
- AI के साथ संयोजन से परिवर्तनकारी और वास्तविक दुनिया के समाधान मिल सकते हैं, जैसे- माइक्रोप्लास्टिक को हानिरहित उपोत्पादों में तोड़ना आदि।