नए वर्गीकरण में, CPCB ने कुल 419 क्षेत्रकों को रेड (125), ऑरेंज (137), ग्रीन (94), व्हाइट (54) और ब्लू (9) श्रेणी में वर्गीकृत किया है।
- CPCB ने जल, वायु और खतरनाक अपशिष्ट प्रदूषण के आधार पर दिए जाने वाले अंकों को समान भारांश देते हुए प्रदूषण सूचकांक पर आधारित एक संशोधित पद्धति का पालन किया है। प्रदूषण सूचकांक को 2016 में उद्योगों के वर्गीकरण के लिए मानदंडों को सुसंगत बनाने हेतु तैयार किया गया था।
नए वर्गीकरण की मुख्य विशेषताएं
- ब्लू श्रेणी: इसमें घरेलू/ सामुदायिक गतिविधियों से उत्पन्न अपशिष्ट के प्रबंधन के लिए आवश्यक पर्यावरणीय सेवाओं को शामिल किया गया है।
- आवश्यक पर्यावरणीय सेवाएं वे सुविधाएं हैं- जो घरेलू और औद्योगिक गतिविधियों से उत्पन्न प्रदूषण को नियंत्रित करने, कम करने एवं निपटाने के लिए जरूरी होती हैं।
- संपीडित बायोगैस संयंत्रों (CBP) का वर्गीकरण: जो CBG प्लांट्स नगरपालिका ठोस अपशिष्ट, कृषि-अवशेष, ऊर्जा फसलें/ घास/ खरपतवार जैसे विविध फीडस्टॉक पर आधारित हैं तथा जिनसे अपशिष्ट उत्पन्न होने की संभावना है, उन्हें ब्लू श्रेणी के तहत रखा जाएगा।
- औद्योगिक या प्रक्रिया अपशिष्ट पर आधारित CBG प्लांट्स रेड श्रेणी में बने रहेंगे।
- प्रोत्साहन: पर्यावरणीय प्रबंधन के नियमों का सफल पालन करने वाले उद्योगों को परमिट की अवधि बढ़ाकर प्रोत्साहन दिया जाएगा।
