सूक्ष्म और लघु व्यवसायों को वित्तीय सहायता देने के लिए शुरू की गई प्रधान मंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के 10 वर्ष पूरे हुए।
प्रधान मंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के बारे में
- इसे गैर-कॉर्पोरेट व गैर-कृषि लघु/ सूक्ष्म उद्यमों को ऋण (अर्थात मुद्रा/MUDRA ऋण) प्रदान करने के लिए 2015 में प्रारंभ किया गया था।
- PMMY यह सुनिश्चित करता है कि सदस्य ऋणदाता संस्थानों (MLIs) द्वारा 20 लाख रुपये तक का जमानत-मुक्त संस्थागत ऋण प्रदान किया जाए।
- MLIs में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां और सूक्ष्म वित्त संस्थान शामिल हैं।
- ऋण के प्रकार
- शिशु: 50,000 रुपये तक का ऋण;
- किशोर: 50,000 रुपये से 5 लाख रुपये तक का ऋण;
- तरुण: 5 लाख से 10 लाख रुपये तक का ऋण; तथा
- तरुण प्लस: 10 लाख रुपये से अधिक और 20 लाख रुपये तक का ऋण।
PMMY की उपलब्धियां
- उद्यमिता में क्रांति: मुद्रा योजना ने जमीनी स्तर पर उद्यमिता के एक नए युग की नींव रखी है। PMMY ने 32.61 लाख करोड़ रुपये के 52 करोड़ से अधिक ऋण स्वीकृत किए हैं।
- MSMEs वित्त-पोषण: MSMEs को ऋण वित्त वर्ष 2014 में 8.51 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2024 में 27.25 लाख करोड़ रुपये हो गया। साथ ही, वित्त वर्ष 2025 में यह 30 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को भी पार कर सकता है।
- महिला सशक्तीकरण: मुद्रा योजना के लाभार्थियों में 68% महिलाएं हैं। यह दर देश भर में महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों को आगे बढ़ाने में योजना की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है।
- वित्तीय समावेशन: 50% मुद्रा खाते अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के उद्यमियों के हैं। इसके अलावा, 11% मुद्रा ऋण धारक अल्पसंख्यक समुदायों से हैं।