केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने सार्वजनिक, निजी, क्षेत्रीय, ग्रामीण और सहकारी बैंकों से कहा है कि वे नेशनल क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी (NCGTC) और ई-किसान उपज निधि (e-KUN) पोर्टल पर पंजीकरण कराएं, ताकि E-NWRs के एवज में ऋण को बढ़ावा मिल सके।
- NCGTC ई-नेगोशिएबल वेयरहाउस रिसीट्स आधारित प्लेज फाइनेंस (2024) के लिए क्रेडिट गारंटी योजना का प्रबंधन करती है। इसके तहत ऋण देने वाली पात्र संस्थाओं को E-NWRs के एवज में दिए गए ऋण के प्रति गारंटी प्रदान की जाती है।
- ई-किसान उपज निधि वस्तुतः जन समर्थ पोर्टल का हिस्सा है। यह किसानों को अपने E-NWRs को गिरवी रखकर बैंकों से फसल की कटाई के बाद ऋण प्राप्त करने के लिए एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म प्रदान करता है।
इलेक्ट्रॉनिक-नेगोशिएबल वेयरहाउस रिसीट्स (E-NWRs) के बारे में
- यह पारंपरिक वेयरहाउस रसीद का डिजिटल संस्करण है, जो वेयरहाउसिंग (डेवलपमेंट एंड रेगुलेशन) एक्ट द्वारा विनियमित होता है। 2019 से E-NWRs को इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में जारी करना अनिवार्य कर दिया गया है।
- यह व्यवस्था किसानों या व्यापारियों को पंजीकृत गोदाम में रखी गई उपज या माल को एंडोर्समेंट के ज़रिए बेचने या हस्तांतरित करने की सुविधा प्रदान करती है।
- जारीकर्ता: वेयरहाउसिंग डेवलपमेंट एंड रेगुलेटरी अथॉरिटी (WDRA) के साथ पंजीकृत वेयरहाउस अपने यहां जमा अधिसूचित वस्तुओं के लिए E-NWRs जारी कर सकते हैं।
- WDRA वेयरहाउसिंग (डेवलपमेंट एंड रेगुलेशन) एक्ट, 2007 के अंतर्गत स्थापित एक वैधानिक निकाय है।
- वैधता: E-NWRs की वैधता या तो उत्पाद की शेल्फ-लाइफ तक रहती है (जब तक वह खराब नहीं होता), या फिर गोदाम से पूरा माल निकाल लिए जाने तक - इनमें से जो भी पहले पूरा हो।
- महत्त्व:
- इससे किसानों/ जमाकर्ताओं को बैंकों से आसानी से ऋण प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।
- वस्तुओं या उपज के वैज्ञानिक भंडारण को प्रोत्साहन मिलेगा।
- इसके कारण किसानों को मुसीबत के समय कृषि उपज को जल्दबाजी में कम मूल्य पर बेचने से बचाया जा सकेगा।
- E-NWRs को बाजार के बाहर भी खरीदा या बेचा जा सकता है और इन्हें कमोडिटी डेरिवेटिव एक्सचेंजों में कारोबारी सौदे को पूरा करने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।