गाजियाबाद नगर निगम ने भारत के पहले प्रमाणित ग्रीन म्युनिसिपल बॉण्ड की शुरुआत की | Current Affairs | Vision IAS
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गाजियाबाद नगर निगम ने भारत के पहले प्रमाणित ग्रीन म्युनिसिपल बॉण्ड की शुरुआत की

Posted 30 Apr 2025

7 min read

इसे स्वच्छ भारत मिशन-शहरी के तहत जारी किया गया था। इससे अत्याधुनिक टर्शियरी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (TSTP) के विकास के लिए ₹150 करोड़ जुटाए गए।

  • TSTP यह सुनिश्चित करेगा कि उपचारित जल उच्चतम मानकों को पूरा करे। इससे यह औद्योगिक प्रक्रियाओं में पुनः उपयोग के लिए उपयुक्त हो जाएगा।
  • TSTP को सार्वजनिक-निजी भागीदारी हाइब्रिड एन्युटी मॉडल (PPP-HAM) के तहत 40% नगरपालिका वित्त-पोषण के साथ विकसित किया गया था।

ग्रीन म्युनिसिपल बॉण्ड (GMB) के बारे में 

  • ये ऐसी गैर-परिवर्तनीय ऋण प्रतिभूतियां (Non-convertible debt securities) हैं, जिन्हें किसी नगरपालिका निकाय या ऐसी किसी अन्य संस्था द्वारा जारी किए जाते हैं, जिसे भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243W के तहत कार्य सौंपे गए हैं।
    • ग्रीन बॉण्ड का उपयोग विशेष रूप से जलवायु शमन, अनुकूलन और अन्य पर्यावरण अनुकूलन एवं कम कार्बन उत्सर्जक परियोजनाओं (विश्व बैंक) के लिए धन जुटाने हेतु किया जाता है।

GMB का महत्त्व

  • सतत विकास: निवेशक अपनी निवेश प्रक्रियाओं में पर्यावरणीय, सामाजिक एवं गवर्नेंस कारकों को एकीकृत करने पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
  • कम लागत व दीर्घकालिक पूंजी: वे अन्य बॉण्ड्स के साथ लागत-प्रतिस्पर्धी होते हैं तथा वाणिज्यिक बैंकों के ऋण की तुलना में कम लागत पर पूंजी प्रदान कर सकते हैं।
  • निवेशक आधार को व्यापक बनाना: घरेलू बैंक ऋण जैसे मौजूदा पारंपरिक वित्त-पोषण स्रोत क्षमता वृद्धि का समर्थन करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं।
  • Tags :
  • स्वच्छ भारत मिशन-शहरी
  • ग्रीन म्युनिसिपल बॉण्ड (GMB)
  • म्युनिसिपल बॉण्ड
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