मधुमक्खियां
हालिया अध्ययनों से पता चला है कि माइक्रोप्लास्टिक प्रदूषण मधुमक्खियों और भौंरों जैसे परागणकों की क्षमताओं को प्रभावित कर सकता है। इससे उनके आहार खोजने और परागण करने की क्षमता में बाधा उत्पन्न होती है।
मधुमक्खियों के बारे में
- प्राप्ति क्षेत्र: जंगली मधुमक्खियां अंटार्कटिका को छोड़कर हर महाद्वीप पर पाई जाती हैं।
- विशेषताएँ:
- केवल मादा मधुमक्खियों के पास डंक होता है। यह डंक वास्तव में अंडे देने वाले अंग (ओवीपोजिटर) से विकसित होता है।
- ये केवल फूलों से मिलने वाले मीठे मकरंद (nectar) और प्रोटीन युक्त परागकण (pollen) पर निर्भर होती हैं।
- मधुमक्खियां फूलों वाले लगभग 80% पौधों का परागण करती हैं।
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औषधि और प्रसाधन सामग्री (अपराधों का शमन) नियम, 2025
सरकार ने "औषधि और प्रसाधन सामग्री (अपराधों का शमन) नियम, 2025" को अधिसूचित किया।
नियमों के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर
- उद्देश्य: औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम से जुड़े छोटे अपराधों के लिए सजा को कम करना, यानी कानूनी कार्यवाही की बजाय जुर्माना लगाकर निपटारा करना।
- ये नियम निम्नलिखित पर लागू होंगे:
- फार्मास्यूटिकल कंपनियों पर, और
- अधिनियम के अंतर्गत उत्पादन, आयात, बिक्री, वितरण या संबंधित गतिविधियों में शामिल किसी भी व्यक्ति पर।
- सजा कम करने की पात्रता: अधिनियम के तहत केवल प्रथम अपराध पर ही सजा में कमी की जा सकती है, यानी अपराध दोहराने पर अधिनियम के तहत व्यक्ति को सख्त सजा मिल सकती है ।
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जोजिला दर्रा
जोजिला दर्रा अब पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है। अब जोजिला दर्रा घूमने के लिए कोई पूर्व अनुमति या अनापत्ति प्रमाण-पत्र (NOC) की आवश्यकता नहीं है।
जोजिला दर्रे के बारे में
- ऊँचाई: यह समुद्र तल से लगभग 3528 मीटर (11,649 फीट) ऊंचाई पर स्थित है।
- यह लद्दाख और कश्मीर के बीच एक महत्वपूर्ण संपर्क मार्ग है। यह कश्मीर घाटी को द्रास घाटी से अलग करता है।
- यह दर्रा श्रीनगर और लेह को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-1 (NH-1) पर स्थित है। यह फोतु ला के बाद दूसरा सबसे ऊंचा दर्रा माना जाता है।
- वर्ष 2018 में जोजिला टनल परियोजना की शुरुआत की गई थी।
- निर्माण पूरा होने पर, यह एशिया की सबसे लंबी द्विदिश (bi-directional) सुरंग होगी, यानी एक ही समय में आने-जाने, दोनों की सुविधा उपलब्ध होगी।
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- राष्ट्रीय राजमार्ग-1
टिड्डियां (Locust)
एक नए अध्ययन के अनुसार, टिड्डियों की गतिविधियां उनके आस-पास की गतिविधियों पर आधारित संज्ञानात्मक निर्णय प्रक्रिया पर निर्भर होती हैं।
टिड्डियों (Locusts) के बारे में
- टिड्डियां छोटे सींगों वाली ग्रासहॉपर होती हैं। ये हमेशा एक जगह से दूसरी जगह प्रवास करती रहती हैं।
- साथ ही, ये आसपास के परिवेश के अनुरूप अलग-अलग व्यवहार भी प्रदर्शित करती हैं। इनमें बार-बार अधिक आहार ग्रहण करने की प्रवृत्ति पाई जाती है।
- ये झुंड (वयस्कों का समूह) और हॉपर बैंड (निम्फों का समूह) बना सकती हैं।
- ये प्राकृतिक वनस्पति और फसलों को भारी नुकसान पहुंचाती हैं।
- भारत में केवल चार प्रकार की टिड्डियां पाई जाती हैं। ये हैं:
- डेजर्ट टिड्डी (स्किस्टोसेरका ग्रेगेरिया);
- प्रवासी टिड्डी (लोकस्टा माइग्रेटोरिया);
- बॉम्बे टिड्डी (नोमैडैक्रिस सक्सिन्टा); तथा
- ट्री टिड्डी (एनाक्रिडियम प्रजाति) हैं।
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वर्षा का ‘दीर्घावधि औसत’ (Long-period average: LPA)
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने जून से सितंबर माह के दक्षिण-पश्चिम मानसून के दौरान 'सामान्य से अधिक' (Above normal) वर्षा का पूर्वानुमान लगाया है। IMD के अनुसार जून से सितंबर के बीच दीर्घावधि औसत (LPA) का 105% वर्षा होगी।
- 1971-2020 की अवधि के लिए पूरे देश में दक्षिण-पश्चिम मानसून वर्षा का वर्तमान LPA 87 से.मी. है।
दीर्घावधि औसत (LPA) के बारे में
- परिभाषा: यह किसी विशेष क्षेत्र में निश्चित समयावधि में दर्ज की गई औसत वर्षा की मात्रा को दर्शाता है।
- समयावधि: आमतौर पर पिछले 30 वर्षों के वर्षा की मात्रा के आंकड़ों के आधार पर गणना की जाती है।
- उद्देश्य: LPA का उपयोग वर्तमान या भविष्य में वर्षा की मात्रा से तुलना हेतु किया जाता है, ताकि यह जाना जा सके कि वर्षा सामान्य, सामान्य से अधिक या कम हुई है।
- अलग क्षेत्रों में अलग-अलग LPA:
- उत्तर-पश्चिम भारत जैसे शुष्क क्षेत्रों के लिए LPA लगभग 61 सेंटीमीटर है।
- जबकि पूर्व और पूर्वोत्तर भारत जैसे अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों के लिए यह LPA 143 सेंटीमीटर से अधिक हो सकता है।
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- भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD)
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गोलकोंडा ब्लू डायमंड
गोलकोंडा ब्लू डायमंड एक 23.24 कैरेट का फैंसी विविड ब्लू डायमंड था, जिसे जिनेवा में नीलामी के लिए निर्धारित किया गया था।
गोलकोंडा ब्लू डायमंड के बारे में
- यह हीरा ऐतिहासिक रूप से इंदौर के महाराजा यशवंत राव होलकर का था।
- उत्पत्ति: संभवतः गोलकोंडा क्षेत्र से, जो अपनी हीरे की खदानों के लिए जाना जाता है।
- गोलकोंडा के प्रसिद्ध हीरों में कोह-ए-नूर, दरिया-ए-नूर और आर्चड्यूक जोसेफ हीरे शामिल हैं।
- यूरोपीय यात्रियों के वृतांत
- जीन-बैप्टिस्ट टैवर्नियर (1605-89) ने हीरों के व्यापार में तेजी और राजसी एकाधिकार का उल्लेख किया है।
- अन्य:
- जीन डे थेवेनोट (1633-77) ने उल्लेख किया है कि हीरों की कीमतों में कोई समानता नहीं थी;
- मार्को पोलो (1292): उच्च गुणवत्ता वाले हीरों पर भारत के एकाधिकार की प्रशंसा की है।
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- कोह-ए-नूर
- जीन-बैप्टिस्ट टैवर्नियर
- जीन डे थेवेनोट
प्रोजेक्ट कुइपर
अमेजन ने अपने प्रोजेक्ट कुइपर के तहत पहले 27 उपग्रहों को अंतरिक्ष-आधारित इंटरनेट नेटवर्क की शुरुआत के लिए लॉन्च किया।
प्रोजेक्ट कुइपर के बारे में
- यह अमेजन का निम्न भू कक्षा (LEO) सैटेलाइट ब्रॉडबैंड नेटवर्क है।
- पृथ्वी की सतह से 2,000 किलोमीटर ऊपर तक विस्तारित अंतरिक्ष का क्षेत्र LEO कहलाता है।
- इसमें शामिल हैं: भूमि पर अवसंरचना, लगभग 3,232 सैटेलाइट्स का समूह और ग्राहक टर्मिनल।
- उद्देश्य: दुनिया के दुर्गम और पिछड़े इलाकों में रहने वाले लोगों को हाई-स्पीड, कम विलंबता वाला और सस्ती दर पर इंटरनेट प्रदान करना।
- इसका नाम कुइपर बेल्ट के नाम पर रखा गया है, जो 8 प्रमुख ग्रहों से परे सौर मंडल का एक क्षेत्र है।
- इसी तरह के प्रोजेक्ट्स: स्पेसएक्स स्टारलिंक आदि।
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- प्रोजेक्ट कुइपर
- निम्न भू कक्षा (LEO)
रिस्क सोसाइटी
यह समाजशास्त्री उलरिच बेक द्वारा उनकी पुस्तक ‘रिस्क सोसाइटी: टुवर्ड्स ए न्यू मॉडर्निटी’ में दी गई अवधारणा है।
रिस्क सोसाइटी के बारे में
- परिभाषा: रिस्क सोसाइटी एक औद्योगिक समाज से एक ऐसे समाज में बदलाव का वर्णन करती है, जो तकनीकी और पर्यावरणीय विकास द्वारा उत्पन्न अनिश्चितता एवं खतरों से तेजी से प्रभावित होता है।
- उदाहरण के लिए- परमाणु प्रौद्योगिकी और आपदाओं के संबंधित जोखिम।
- इस तरह के समाज में धन के वितरण की बजाय जोखिमों की रोकथाम और प्रबंधन पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है।
- लैंगिक आयाम: एक रिस्क सोसाइटी में, विशेष रूप से विकासशील देशों में महिलाओं की संसाधनों, निर्णय लेने की स्वतंत्रता और स्वास्थ्य सेवा तक असमान पहुंच के कारण उन्हें अधिक जोखिम का सामना करना पड़ता है।
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- लैंगिक आयाम