यह प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र के चौथे "फाइनेंसिंग एंड डेवलपमेंट" अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में सेविला (स्पेन) में प्रस्तुत किया गया है। सम्मेलन में दोनों देशों ने असमानता को कम करने के लिए हाई नेट वर्थ व्यक्तियों (HNIs) पर प्रभावी कराधान लागू करने और अति-धनी लोगों पर कर लगाने का आह्वान किया।
- यह प्रस्ताव "सेविला एक्शन प्लेटफॉर्म" का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को हासिल करने के लिए स्वैच्छिक प्रयासों को गति देना है।
- दोनों देशों ने अधिक पारदर्शिता, जवाबदेही और सबसे अमीर लोगों से अधिक निष्पक्ष योगदान के लिए एक वैश्विक संपत्ति रजिस्ट्री बनाने का भी प्रस्ताव रखा।
- इस प्रस्ताव का उद्देश्य वास्तविक लाभार्थी मालिकों सहित सभी धन-संपदा और संपत्तियों की एक व्यापक अंतर्राष्ट्रीय रजिस्ट्री बनाना है।
असमानता को कम करने की ज़रूरत क्यों है?
- आय में असमानता: दुनिया की सबसे अमीर 1% आबादी के पास, 95% आबादी की कुल संपत्ति से ज्यादा संपदा है।
- कर असमानता का समाधान करना: 2015 से सबसे धनी 1% लोगों की संपत्ति में 33.9 ट्रिलियन डॉलर की वृद्धि हुई है। इसके बावजूद, ये अरबपति वास्तविक रूप से केवल 0.3% टैक्स ही दे रहे हैं।
- SDGs प्राप्ति में मदद: दुनिया के करीब 3,000 अरबपतियों ने वास्तविक रूप से 6.5 ट्रिलियन डॉलर का लाभ कमाया है, जबकि SDGs को हासिल करने के लिए हर साल 4 ट्रिलियन डॉलर की आवश्यकता है।
- निजी बनाम सार्वजनिक संपत्ति का अंतर: 1995 से 2023 के बीच, दुनिया की निजी संपत्ति में 342 ट्रिलियन डॉलर की बढ़ोतरी हुई है, जो सार्वजनिक संपत्ति से आठ गुना ज़्यादा है।
असमानता से निपटने के लिए शुरू की गई पहलेंवैश्विक स्तर पर:
भारत में:
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