CWC की रिपोर्ट में कहा गया है कि 10 हेक्टेयर से बड़ी 100 हिमनद झीलों में से, 34 झीलों में जल फैलाव क्षेत्र बढ़ने की प्रवृत्ति देखी गई है; 20 झीलों में घटने की प्रवृत्ति रही है और 44 झीलों में "कोई परिवर्तन नहीं" की प्रवृत्ति देखी गई है।
- CWC देश के विविध राज्यों और अंतर्राष्ट्रीय सीमा क्षेत्रों मौजूद 902 हिमनद झीलों और जल निकायों की रिमोट सेंसिंग तकनीक की मदद से निगरानी करता है।
- राष्ट्रीय GLOF जोखिम न्यूनीकरण कार्यक्रम (2021-2026) के तहत 90 GLOF (हिमनदीय झील के टूटने से उत्पन्न बाढ़) आधारित परियोजना अध्ययन स्वीकृत किए गए हैं।
- राष्ट्रीय GLOF जोखिम न्यूनीकरण कार्यक्रम चार राज्यों में लागू किया जा रहा है। ये राज्य हैं- अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम और उत्तराखंड।
GLOFs (हिमनदीय झील के टूटने से उत्पन्न बाढ़) के बारे में
- हिमनदीय झीलें: ये पिघलती हुई हिमनदियों (Glaciers) से एकत्रित होने वाले जल निकाय हैं। हिमनदियों से पिघलने वाली हिम का जल आमतौर पर हिमनदी के आधार पर या उसके पास एकत्र होता है।
- GLOF: यह एक प्रकार की बाढ़ है। हिमनदीय झील के जल को रोक कर रखने वाले प्राकृतिक तटबंधों (जैसे कि हिमोढ़) के टूट जाने से अचानक और बहुत अधिक मात्रा में ढ़लान की दिशा में जल का प्रवाह होने लगता है।
- उदाहरण के लिए: अक्टूबर 2023 में सिक्किम में दक्षिणी ल्होनक झील के टूटने से GLOF की घटना घटित हुई थी। इसने सिक्किम में तीस्ता-III बांध को भारी नुकसान पहुंचाया था।
- भौगोलिक वितरण: GLOF की घटनाएं आमतौर पर हिमनद वाले क्षेत्रों में घटित होती हैं, विशेष रूप से उन पहाड़ी इलाकों में जहां महत्वपूर्ण हिमनदीय गतिविधि होती है। उदाहरण के लिए- हिमालय, एंडीज और आल्प्स।
- प्रभाव: GLOF से निचले इलाकों में भयंकर बाढ़ आ सकती है, अवसंरचना को नुकसान पहुँच सकता है और जनहानि भी हो सकती है।
- उत्प्रेरक तंत्र : GLOF का मुख्य कारण हिमनदीय झील के जल को रोक कर रखने वाले हिमोढ़ बांध या हिम बांध का टूटना है।
GLOF के प्रमुख कारण
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