नीति आयोग ने भारत में कॉर्पोरेट बॉण्ड बाजार को मजबूत करने पर रिपोर्ट जारी की | Current Affairs | Vision IAS
News Today Logo

    नीति आयोग ने भारत में कॉर्पोरेट बॉण्ड बाजार को मजबूत करने पर रिपोर्ट जारी की

    Posted 12 Dec 2025

    1 min read

    Article Summary

    Article Summary

    नीति आयोग की रिपोर्ट भारत के बढ़ते कॉर्पोरेट बॉन्ड बाजार, नियामक विखंडन जैसी चुनौतियों पर प्रकाश डालती है और एक मजबूत, एकीकृत बॉन्ड बाजार अवसंरचना को गहरा और विकसित करने के लिए तीन-चरण योजना का प्रस्ताव करती है।

    कॉर्पोरेट बॉण्ड्स ऋण लिखत (debt instruments) होते हैं। इन्हें निजी और सार्वजनिक निगमों (corporations) द्वारा व्यवसाय विस्तार, अवसंरचना या समग्र व्यावसायिक विकास जैसे उद्देश्यों के लिए वित्त-पोषण जुटाने हेतु जारी किया जाता है।  

    कॉर्पोरेट बॉण्ड बाजार (CBM) की भारत में स्थिति

    • यह अब भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का लगभग 15-16% है। हालांकि, यह दक्षिण कोरिया (79%), मलेशिया (54%) और चीन (38%) जैसे देशों की तुलना में बहुत कम है।
    • भारत का CBM वित्त वर्ष 2015 के ₹17.5 ट्रिलियन से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में ₹53.6 ट्रिलियन हो गया। यह लगभग 12% वार्षिक वृद्धि को दर्शाता है।

    कॉर्पोरेट बॉण्ड बाजार के विकास में चुनौतियां

    • एक से अधिक विनियामक: CBM का विनियमन SEBI, RBI और कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय (MCA) सहित कई विनियामकों द्वारा किया जाता है।
    • व्यापक प्रकटीकरण आवश्यकताएं: विशेष रूप से कम रेटिंग वाले या कभी-कभार जारी करने वालों के लिए जरूरी होता है।
    • क्रेडिट रेटिंग एजेंसी (CRA) फ्रेमवर्क में कमियां: 'जारीकर्ता-भुगतान मॉडल' के कारण हितों का टकराव, बॉण्ड जारी करने में बाधाएं आदि।
    • अन्य: बॉण्ड जारी करने की उच्च लागत, सूचना संबंधी विषमताएं और द्वितीयक बाजार का अभाव।

    आगे की राह

    • 3-चरणीय समाधान:
      • चरण-I: कानूनी और विनियामक स्पष्टता बढ़ाने के लिए अंतर-एजेंसी नियमों को सुव्यवस्थित करना चाहिए, प्रकटीकरण मानदंडों को और मानकीकृत करना चाहिए तथा बॉण्ड जारी करने की प्रक्रियाओं को सरल बनाना चाहिए।
      • चरण-II: IBC (दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता) की प्रभावशीलता में सुधार करके, उत्पाद नवाचार को बढ़ावा देकर, और निम्न रैंकिंग वाले बॉण्ड के लिए बेहतर बाजार पहुंच को सक्षम करके दिवाला एवं समाधान प्रक्रिया को मजबूत करना चाहिए।
      • चरण-III: गहन बाजार एकीकरण पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाना चाहिए, एक स्वतंत्र बॉण्ड बाजार विनियामक की व्यवस्था करनी चाहिए, और एक डिजिटल प्रणाली का विकास करना चाहिए।
    • Tags :
    • Corporate Bond Market
    Watch News Today
    Subscribe for Premium Features