विश्व बैंक की “विश्व विकास रिपोर्ट 2025: विकास के लिए मानक” जारी की गई | Current Affairs | Vision IAS
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    विश्व बैंक की “विश्व विकास रिपोर्ट 2025: विकास के लिए मानक” जारी की गई

    Posted 12 Dec 2025

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    Article Summary

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    विश्व रिपोर्ट में कहा गया है कि मानकों का बढ़ता नेटवर्क वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रहा है, जिससे विकसित देशों और बड़ी कंपनियों को लाभ, लेकिन विकासशील देशों को नुकसान हो रहा है।

    यह रिपोर्ट बताती है कि कैसे अंतरराष्ट्रीय मानकों का बढ़ता संजाल (वेब) वैश्विक अर्थव्यवस्था को नया रूप दे रहा है। इससे उन समृद्ध देशों और बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों को लाभ मिल रहा है, जो इन मानकों को तय करती हैं, लेकिन कई विकासशील देश वंचित होते जा रहे हैं।

    • मानक (Standards) वे साझा नियम हैं, जो प्रणालियों, प्रक्रियाओं और उत्पादों में सुसंगति (Consistency), अनुकूलता (compatibility) और गुणवत्ता सुनिश्चित करते हैं। 

    मानकों का महत्व

    • आर्थिक विकास के लिए: मानक वास्तव में व्यापार की लागत कम करते हैं और अलग-अलग देशों के नियमों में सामंजस्य सुनिश्चित करते हैं। इस तरह ये व्यापार को बढ़ावा देते हैं, नवाचार को प्रोत्साहित करते हैं और उद्योगों के व्यापक विस्तार में मदद करते हैं।
    • राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए: ये राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा को सुदृढ़ करते हैं तथा प्रौद्योगिकी, वित्त व पर्यावरण से जुड़े खतरों से सुरक्षा प्रदान करते हैं।
    • सामाजिक विकास के लिए:  गुणवत्तापूर्ण मानक शिक्षा और स्वास्थ्य-देखभाल सेवाओं में सुधार सुनिश्चित करके इन सेवाओं को अधिक  उपयोगी तथा किफायती बनाते हैं।
      • उदाहरण के लिए: भारत में अस्पतालों में बच्चों के जन्म के समय आवश्यक वस्तुओं यानी चेकलिस्ट से जुड़े मानकों ने मातृ मृत्यु दर को लगभग 47% तक कम किया
    • सुशासन के लिए: स्पष्ट मानक-आधारित भर्ती प्रक्रिया और सरकारी एजेंसियों द्वारा वस्तुओं की खरीद प्रक्रिया भ्रष्टाचार और व्यवस्था में कुप्रबंधन को कम कर सकती हैं।

    मानकों से जुड़ी चुनौतियां

    • व्यापार युद्धों में 'हथियार' के रूप में उपयोग: व्यापार से जुड़े कई मानक अब गैर-प्रशुल्क व्यापार बाधाओं (non-tariff measures) का आधार बनते हैं। इन मानकों में उत्पादों में कीटनाशक के उपयोग या इनकी अवशिष्ट मात्रा से जुड़े मानदंड या लेबलिंग की आवश्यकता शामिल हैं। 
      • अब ये मानक 90% वैश्विक व्यापार को प्रभावित करते हैं। 1990 के दशक के उत्तरार्ध में केवल 15% वैश्विक व्यापार ही इनसे प्रभावित होते थे।
    • विकासशील देशों का कम प्रतिनिधित्व: विकासशील देशों का वैश्विक मानकों का निर्धारक ‘अंतर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन (ISO)’ की तकनीकी समितियों में औसतन एक-तिहाई से भी कम प्रतिनिधित्व है। 
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    • India's standard ecosystem
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