इंटीग्रेटेड ट्रैक मॉनिटरिंग सिस्टम (ITMS) और रोड सह रेल निरीक्षण वाहन (RCRIV) जैसी अत्याधुनिक प्रणालियां भारतीय रेलवे की ट्रैक सुरक्षा एवं संचालन की गुणवत्ता को बेहतर बनाएंगी।
RCRIV एवं ITMS के बारे में
- रोड सह रेल निरीक्षण वाहन (RCRIV): यह रेलवे ट्रैक की सटीकता और दक्षता के साथ निरीक्षण करने वाली एक बहुउपयोगी मशीन है। यह सड़क और रेल दोनों पर निर्बाध रूप से काम करती है।
- विशेषताएं: इसमें एडवांस कैमरे और मजबूत पहिये लगे हुए हैं, जो 15 दिन के बैकअप के साथ ट्रेक का रिकॉर्डिंग रखने में सक्षम हैं।
- इंटीग्रेटेड ट्रैक मॉनिटरिंग सिस्टम (ITMS): एक उच्च-प्रदर्शन प्रणाली है, जो ट्रैक की निगरानी, माप और सुरक्षा के लिए नवीनतम तकनीकों का इस्तेमाल करती है। ITMS को ट्रैक रिकॉर्डिंग कार (TRC) पर लगाया जाता है। यह कार 20 से 200 किमी प्रति घंटे की गति से ट्रैक का विश्लेषण कर सकती है।
- विशेषताएं: इसमें लेजर सेंसर, हाई-स्पीड कैमरे, GPS और LiDAR प्रणाली शामिल हैं, जो ट्रैक की स्थिति एवं संभावित दोषों का पता लगाते हैं।
- यह तकनीक संरचनात्मक दोषों की वास्तविक समय पर रिपोर्टिंग सक्षम बनाती है, तथा त्वरित प्रतिक्रिया के लिए ट्रैकमैनों को वास्तविक समय पर अलर्ट जारी करती है।
- विशेषताएं: इसमें लेजर सेंसर, हाई-स्पीड कैमरे, GPS और LiDAR प्रणाली शामिल हैं, जो ट्रैक की स्थिति एवं संभावित दोषों का पता लगाते हैं।
रेलवे सुरक्षा से जुड़ी मुख्य चिंताएं
- सिग्नल संबंधी त्रुटियाँ: जून, 2024 में कंचनजंगा एक्सप्रेस दुर्घटना रेल मार्गों पर लगाए जाने वाले ऑटोमेटिक सिग्नलिंग सिस्टम के खराब होने के कारण हुई थी।
- सुरक्षा कर्मचारियों की कमी: रेलवे में सुरक्षा श्रेणी के अंतर्गत 10 लाख स्वीकृत पदों में से 1.5 लाख से अधिक पद रिक्त हैं। इससे मौजूदा कर्मचारियों पर काम का दबाव बढ़ रहा है।
- मानवीय त्रुटि: खराब रखरखाव कार्य, सुरक्षा नियमों का पालन न करना आदि सहित कर्मचारियों की ओर से होने वाली चूक भी रेल दुर्घटनाओं का एक प्रमुख कारण है।
रेलवे की सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए उठाए गए कुछ कदम
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