भारत में 2000-2024 की अवधि में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के आंकड़ें को पार कर गया | Current Affairs | Vision IAS
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भारत में 2000-2024 की अवधि में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के आंकड़ें को पार कर गया

Posted 09 Dec 2024

13 min read

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार, 2014 से भारत ने लगभग 667 बिलियन अमेरिकी डॉलर (2014-24) का संचयी FDI प्राप्त किया है। यह निवेश 2004-14 के पिछले दशक की तुलना में 119 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है।

भारत में FDI से संबंधित मुख्य बिंदुओं पर एक नजर

  • भारत में FDI करने वाले मुख्य देश: 
    • भारत में सबसे अधिक 25% FDI मॉरीशस से प्राप्त हुआ है। इसके बाद सिंगापुर (24%) और संयुक्त राज्य अमेरिका (10%) का स्थान है। भारत में FDI के अन्य प्रमुख स्रोत देश हैं- नीदरलैंड, जापान, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त अरब अमीरात, जर्मनी, साइप्रस और केमैन आइलैंड्स। 
  • भारत में FDI आकर्षित करने वाले प्रमुख क्षेत्रक: 
    • सर्वाधिक 16% FDI सेवा क्षेत्रक को प्राप्त हुआ है। इसके बाद कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर (15%); ट्रेडिंग (7%) तथा दूरसंचार (6%) क्षेत्रकों का स्थान है। 

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) क्या है?

  • इसका अर्थ है भारत के बाहर रहने वाले किसी व्यक्ति द्वारा किसी गैर-सूचीबद्ध भारतीय कंपनी में पूंजीगत साधनों के माध्यम से निवेश करना; अथवा किसी सूचीबद्ध भारतीय कंपनी के फुली डाइल्यूटेड आधार पर ‘शेयर जारी होने के बाद पेड-अप इक्विटी पूंजी’ के 10 प्रतिशत के बराबर या उससे अधिक निवेश करना।
  • यह पूंजी प्रवाह मुख्य रूप से गैर-ऋण श्रेणी का होता है।

FDI का महत्त्व:

  • FDI के माध्यम से प्रौद्योगिकियां भी आती हैं, विशेष रूप से नए प्रकार के पूंजीगत इनपुट प्राप्त होते हैं। 
    • ये प्रौद्योगिकियां वित्तीय निवेश या वस्तुओं और सेवाओं में व्यापार के माध्यम से प्राप्त नहीं की जा सकती हैं।
  • FDI प्राप्त करने वाली कंपनियों को नए व्यवसायों के संचालन के दौरान अपने कर्मचारियों को प्रशिक्षण सुविधा भी प्राप्त होती है। इससे FDI प्राप्त करने वाले देश में मानव पूंजी का विकास होता है।
  • FDI से प्राप्त होने वाले लाभ से किसी देश के कॉर्पोरेट कर राजस्व में वृद्धि होती है।
  • FDI भुगतान संतुलन को स्थिर बनाए रखती है और मुद्रा विनियम बाजार में रुपये के मूल्य को समर्थन प्रदान करती है।

भारत में विदेशी निवेश को बढ़ावा देने हेतु सरकारी नीतियां

  • रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण कुछ क्षेत्रकों को छोड़कर अधिकतर क्षेत्रकों में स्वचालित मार्ग के तहत 100% FDI की अनुमति दी गई है।
    • भारत में लगभग 90% FDI स्वचालित मार्ग के तहत प्राप्त होती है।
  • लगभग 42,000 नियमों के अनुपालन को कम कर दिया गया है और 3,800 से अधिक प्रावधानों के तहत कृत्यों/ उल्लंघनों को गैर-आपराधिक बना दिया गया है। 
    • इसी उद्देश्य से जन ​​विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) अधिनियम, 2023 लागू किया गया है।
  • उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) ने नेशनल सिंगल विंडो सिस्टम (NSWS) पोर्टल विकसित किया है। यह देश में विनियामक संबंधी सभी अनुमतियों और सेवाओं को प्राप्त करने के लिए वन-स्टॉप सेंटर है। 
  • Tags :
  • वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय
  • FDI
  • प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI)
  • उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT)
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