गुजरात देश का पहला राज्य है, जिसने राज्य के 25% लक्षित किसानों के लिए किसान पहचान पत्र (ID) तैयार कर लिए हैं।
- मध्य प्रदेश में 9% और महाराष्ट्र में 2% लक्षित किसानों को ID जारी की गई है। उत्तर-प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, ओडिशा, राजस्थान जैसे अन्य राज्यों ने भी किसान आईडी बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
किसान आईडी के बारे में
- किसान आईडी वास्तव में आधार-नंबर से जुड़ी किसानों की एक विशिष्ट डिजिटल पहचान है। यह पहचान-पत्र राज्य की भूमि रिकॉर्ड प्रणाली से स्वतः जुड़ा हुआ है।
- इसका अर्थ है कि किसी व्यक्तिगत किसान के भूमि रिकॉर्ड विवरण में कोई भी बदलाव किसान आईडी में स्वतः अपडेट हो जाता है।
- डिजिटल कृषि मिशन के तहत डिजिटल रूप से प्राप्त फसल बुआई क्षेत्र डेटा और किसान आईडी के उद्देश्य किसान-केंद्रित निम्नलिखित लाभ प्रदान करना है:
- किसानों को सरकारी योजनाओं का आसानी से और बिना बाधा के लाभ पहुंचाना;
- बिना किसी कागजी कार्रवाई के और डिजिटल रूप में फसल ऋण वितरण को सुविधाजनक बनाना, ताकि ऋण आवेदन को एक घंटे में मंजूरी दी जा सके;
- किसान की ज़रूरत के अनुसार व्यक्तिगत कृषि विस्तार सेवाएं उपलब्ध कराना;
- प्रत्यक्ष और पारदर्शी तरीके से योजनाओं की राशि अंतरण (ट्रांसफर) करना;
- बाज़ार कनेक्टिविटी में सुधार करना और वित्तीय समावेशन सुनिश्चित करना;
- यह अभियान व्यापक मानक डिजिटल कृषि प्रणाली के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मानक डिजिटल कृषि प्रणाली, ‘एग्री स्टैक पहल’ का हिस्सा है।
डिजिटल कृषि मिशन (DAM) के बारे में
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