मंत्रालय ने सौर फोटोवोल्टिक मॉड्यूल (ALMM) आदेश, 2019 के स्वीकृत मॉडल्स और मैन्युफैक्चर्स में संशोधन की घोषणा की है। इसका कदम का उद्देश्य घरेलू सौर उत्पादों के विनिर्माण को बढ़ावा देना है।
संशोधन की मुख्य विशेषताओं पर एक नजर:
- ALMM सूची-II (सोलर PV सेल्स) का परिचय: सभी सरकार समर्थित परियोजनाओं, नेट-मीटरिंग परियोजनाओं और ओपन-एक्सेस नवीकरणीय ऊर्जा पहलों में उपयोग किए जाने वाले सोलर PV मॉड्यूल्स को ALMM सूची-II में सूचीबद्ध सोलर सेल्स से प्राप्त करना अनिवार्य होगा।
- ज्ञातव्य है कि ALMM फ्रेमवर्क के तहत सूची-I को 2021 में जारी किया गया था। इसमें अनिवार्य किया गया था कि PV मॉड्यूल्स को केवल सूची-I में शामिल मॉडल्स और विनिर्माताओं से प्राप्त किया जाएगा।
- छूट: उन परियोजनाओं को छूट दी गई है, जो इस आदेश के जारी होने से पहले ही आवंटित की जा चुकी हैं या फिर जिनकी बोली प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
- प्रौद्योगिकी नवाचार को बढ़ावा देना: एकीकृत सौर PV मॉड्यूल विनिर्माण इकाइयों में निर्मित थिन-फिल्म सौर मॉड्यूल्स को सूची-II से सौर PV सेल्स का उपयोग करने की आवश्यकता के अनुपालन में माना जाएगा।
- कार्यान्वयन: 1 जून 2026 से।
भारत के सौर विनिर्माण क्षेत्रक के समक्ष चुनौतियां
- अपर्याप्त विनिर्माण क्षमता: भारत चीन (62%), वियतनाम, मलेशिया आदि से सौर उपकरण आयात करता है।
- महत्वपूर्ण खनिजों के खनन और प्रसंस्करण के लिए किफायती प्रौद्योगिकी तक सीमित पहुंच सौर सेल एवं मॉड्यूल उत्पादन में बाधा डालती है।
- अन्य: कम अनुसंधान एवं विकास, कच्चे माल की प्राप्ति में कठिनाई, कुशल श्रमिकों की कमी आदि।
घरेलू सौर विनिर्माण को बढ़ावा देने वाली पहलें
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