नीति आयोग द्वारा जारी इस रिपोर्ट में भारत के विनिर्माण क्षेत्रक को बढ़ावा देने में औद्योगिक श्रमिकों के लिए सुरक्षित और किफायती आवास की भूमिका पर प्रकाश डाला गया है।
- केंद्रीय बजट 2024-25 में इसे सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल और वायबिलिटी गैप फंडिंग (VGF) के तहत लागू करने के महत्व पर जोर दिया गया है।
“सेफ यानी साइट एड्जसेंट फैक्ट्री एम्प्लॉयी (S.A.F.E.) एकोमोडेशन” के बारे में
- परिभाषा: इसमें किराए पर लंबे समय तक उपयोग के लिए डॉरमेट्री-शैली के आवास शामिल हैं। ये आवास विशेष रूप से औद्योगिक श्रमिकों के लिए होते हैं और कार्यस्थलों के पास स्थित होते हैं।
- इस तरह के आवास में पानी, बिजली जैसी आवश्यक सुविधाएं होती हैं।
- इसमें पारिवारिक आवास शामिल नहीं होते हैं।
- इन आवास इकाइयों का स्वामित्व श्रमिकों या नियोक्ताओं को स्थानांतरित या बेचा नहीं जा सकता है।
सेफ (S.A.F.E.) एकोमोडेशन की आवश्यकता क्यों है?
- उत्पादकता और कर्मचारियों की रिटेंशन दर में वृद्धि: इससे श्रमिकों के आवागमन में लगने वाले समय में कमी आती है और उत्पादकता में वृद्धि होती है। साथ ही, कर्मचारियों के नौकरी छोड़ने की दर भी कम हो जाती है।
- वैश्विक निवेश को आकर्षित करना: इसके चलते वैश्विक निवेशकों द्वारा निवेश संबंधी निर्णय लेने में श्रमिक कल्याण और परिचालन दक्षता को प्राथमिकता दी जाती है।
- लैंगिक समावेशन: इससे महिला श्रम शक्ति की भागीदारी बढ़ती है। चीन में महिला श्रम भागीदारी दर भारत की तुलना में लगभग दोगुनी है।
मौजूदा चुनौतियां
- विनियामकीय चुनौतियां:
- कठोर जोनिंग कानून: स्पष्ट तौर पर अनुमति के बिना, औद्योगिक क्षेत्रों में आवासीय परिसरों के निर्माण पर रोक लगायी गयी है।
- अप्रासंगिक भवन उप-नियम: कम फ्लोर एरिया अनुपात के चलते उच्च क्षमता वाले आवासीय भवनों का निर्माण संभव नहीं हो पाता है, आदि।
- आर्थिक चुनौतियां:
- उच्च परिचालन लागत: औद्योगिक क्षेत्रों में बने आवासों को वाणिज्यिक श्रेणी में वर्गीकृत किया जाता है, जिसके चलते अधिक कर का भुगतान करना पड़ता है।
- उच्च पूंजीगत लागत: आवास परियोजनाओं के लिए शुरुआत में बहुत अधिक निवेश करना पड़ता है, आदि।
रिपोर्ट में की गई प्रमुख सिफारिशें
- श्रमिक सुविधाओं का पुनर्वर्गीकरण: “सेफ एकोमोडेशन” को एक अलग श्रेणी में रखा जाए, ताकि GST संबंधी छूट, करों में कटौती आदि का लाभ मिल सके।
- पर्यावरणीय मंजूरी और जो़निंग कानूनों का सरलीकरण: मिश्रित उपयोग वाले आवासीय परिसरों के निर्माण की अनुमति देनी चाहिए।
- आर्थिक व्यवहार्यता: परियोजना लागत का 30-40% (भूमि को छोड़कर) वायबिलिटी गैप फंडिंग (VGF) के माध्यम से प्रदान किया जाना चाहिए। साथ ही, पारदर्शी बोली प्रक्रिया भी सुनिश्चित की जानी चाहिए, आदि।
वैश्विक स्तर पर “सेफ एकोमोडेशन” के बेहतर उदाहरण
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