इस अध्ययन में बताया गया है कि सिंगल-यूज प्लास्टिक बॉटल्स (SUPBs) से निकलने वाले नैनोप्लास्टिक्स एंटीबायोटिक प्रतिरोध (AR) के प्रसार में योगदान करते हैं।
अध्ययन के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर
- नैनोप्लास्टिक्स और सूक्ष्मजीव मानव आंत सहित अलग-अलग परिवेश में सह-अस्तित्व में रहते हैं।
- पॉलीएथिलीन टेरिफ्थेलैट बॉटल-डिराइव्ड नैनोप्लास्टिक (PBNP) हॉरिजॉन्टल जीन ट्रांसफर (HGT) प्रक्रिया के माध्यम से अलग-अलग प्रजातियों के मध्य जीन ट्रांसफर को संभव कर सकता है। जैसे ई. कोलाई से लैक्टोबैसिलस एसिडोफिलस में जीन ट्रांसफर। लैक्टोबैसिलस एसिडोफिलस, मानव आंत माइक्रोबायोटा में पाए जाने वाला एक महत्वपूर्ण लाभकारी बैक्टीरिया है।
- HGT जीवों के बीच आनुवंशिक सूचना या सामग्री के संचलन की प्रक्रिया है। यह संचलन पारंपरिक वंशानुगत स्थानांतरण (माता-पिता से संतान तक) से भिन्न है।
- PBNPs के माध्यम से एंटीबायोटिक प्रतिरोध (AR) जीन स्थानांतरण की सुविधा के दो मुख्य तंत्र निम्नलिखित हैं:
- डायरेक्ट ट्रांसफॉर्मेशन पाथवे: इसमें PBNPs भौतिक वाहक की भूमिका निभाते हैं, जिसके तहत वे AR प्लाज्मिड को बैक्टीरिया झिल्ली में ले जाते हैं।
- आउटर मेम्ब्रेन वेसिकल (OMV)- इंड्यूस्ड ट्रांसफर पाथवे: इसमें PBNPs ऑक्सीडेटिव तनाव उत्पन्न करते हैं। यह तनाव बैक्टीरिया की सतहों को नुकसान पहुंचाता है। इससे OMV स्राव बढ़ता है, जिससे जीन स्थानांतरण में आसानी होती है।
नैनोप्लास्टिक्स के बारे में
- नैनोप्लास्टिक्स सिंथेटिक या अत्यधिक संशोधित प्राकृतिक पॉलिमर के ठोस कण होते हैं। इनका आकार 1 nm (नैनोमीटर) और 1000 nm के बीच होता है।
- स्रोत: प्राथमिक स्रोत जैसे सौंदर्य प्रसाधन, पेंट, दवाएं, इलेक्ट्रॉनिक्स, और द्वितीयक स्रोत जैसे- माइक्रोप्लास्टिक के टूटने और विखंडन से उत्पन्न होते हैं।
- प्रभाव: आकार में छोटे होने के कारण, नैनोप्लास्टिक्स कोशिकाओं और ऊतकों में आसानी से प्रवेश कर सकते हैं। ये मुख्यतः मानव रक्त, यकृत और फेफड़ों की कोशिकाओं तथा प्रजनन ऊतकों में पाए गए हैं।