केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री ने संसद के समक्ष ‘आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25’ प्रस्तुत किया | Current Affairs | Vision IAS
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केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री ने संसद के समक्ष ‘आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25’ प्रस्तुत किया

Posted 01 Feb 2025

12 min read

आर्थिक सर्वेक्षण भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन और सरकारी नीतियों के साथ-साथ आगामी वित्त वर्ष के लिए आउटलुक का संकलन है। 

  • संकलनकर्ता: इसे मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) के मार्गदर्शन में तैयार किया जाता है। इसे केंद्रीय वित्त मंत्रालय का आर्थिक कार्य विभाग तैयार करता है। 
  • आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 का फोकस: विनियमन के माध्यम से घरेलू संवृद्धि और लचीलापन बढ़ाना। 

आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर 

  • वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद: यह चालू वित्त वर्ष (2025) में अर्थव्यवस्था के मांग पक्ष से आर्थिक गतिविधि को दर्शाता है। यह आगामी वर्ष (वित्त वर्ष 2026) में 6.4% आंका गया है।
  • हेडलाइन मुद्रास्फीति (समग्र मूल्य स्तर में वृद्धि की माप): कोर मुद्रास्फीति में कमी आने के कारण हेडलाइन मुद्रास्फीति में भी कमी आ रही है।
    • कोर मुद्रास्फीति: खाद्य और ऊर्जा को छोड़कर वस्तुओं एवं सेवाओं में मुद्रास्फीति होती है। 
  • वैश्विक चुनौतियों के बीच निर्यात वृद्धि: वित्त वर्ष 2025 के पहले 9 महीनों में कुल निर्यात (वस्तु + सेवा) 600 बिलियन डॉलर से अधिक हो जाएगा। 
  • सर्वेक्षण में व्यक्त की गई चिंताएं:
    • प्रतिकूल वैश्विक आर्थिक परिवेश: बढ़ते व्यापार संरक्षणवाद ने वैश्विक व्यापार और निवेश को धीमा कर दिया है। 
    • चीन का विनिर्माण क्षेत्रक में प्रभुत्व: वैश्विक उत्पादन में चीन का योगदान एक तिहाई है, जो अगले 10 बड़े देशों के संयुक्त उत्पादन से भी अधिक है। 
    • भारत के सामने कई बाधाएं हैं: एक महत्वाकांक्षी अर्थव्यवस्था की बुनियादी संरचना और निवेश आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आवश्यक पैमाने एवं गुणवत्ता पर क्रिटिकल गुड्स का उत्पादन करना। 

सर्वेक्षण में की गई सिफारिशें

  • अर्थव्यवस्था को विनियमन मुक्त करना: आर्थिक संवृद्धि को बढ़ावा देने; व्यापार करने की लागत को कम करने तथा रोजगार और आय सृजन को बढ़ावा देने के लिए विनियमनों को सरल बनाना चाहिए। 
  • बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान: भौतिक, डिजिटल और सामाजिक बुनियादी ढांचे में सार्वजनिक व्यय को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। विकसित भारत@2047 के तहत परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए निजी क्षेत्रक की भागीदारी महत्वपूर्ण होगी।
  • बाधा न बनना: व्यवसायों को अपने मूल मिशन पर ध्यान केंद्रित करने की सुविधा प्रदान कर सरकारें महत्वपूर्ण योगदान दे सकती हैं। इससे नवाचार को बढ़ावा देने और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने में मदद मिल सकती है। 
  • Tags :
  • आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25
  • मुख्य आर्थिक सलाहकार
  • सकल घरेलू उत्पाद
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