केंद्र सरकार ने निजी कंपनियों को सेवा वितरण के लिए आधार सत्यापन का उपयोग करने की अनुमति दी | Current Affairs | Vision IAS
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केंद्र सरकार ने निजी कंपनियों को सेवा वितरण के लिए आधार सत्यापन का उपयोग करने की अनुमति दी

Posted 01 Feb 2025

13 min read

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने "सुशासन के लिए आधार सत्यापन (सामाजिक कल्याण, नवाचार व ज्ञान) संशोधन नियम, 2025" अधिसूचित किए हैं। यह अधिसूचना 2020 के नियमों में बदलाव के लिए जारी की गई है।  

  • ये नियम आधार (वित्तीय और अन्य सब्सिडियों, प्रसुविधाओं और सेवाओं का लक्षित परिदान) अधिनियम, 2016 के तहत अधिसूचित किए गए हैं।  

वर्ष 2020 के नियमों में किए गए नए संशोधन

  • "आसान जीवन" (Ease of Living) के लिए आधार सत्यापन का विस्तार: इस संशोधन से सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं को जनहित में आधार सत्यापन के माध्यम से सेवाएं प्रदान करने की अनुमति मिल गई है। 
    • इस संशोधन के माध्यम से ई-कॉमर्स, यात्रा, पर्यटन, आतिथ्य (हॉस्पिटैलिटी) और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रकों द्वारा प्रदान की गई सेवाओं को कवर किया गया है।
  • आधार सत्यापन के अनुरोधों की मंजूरी प्रक्रिया को आसान बनाया गया है। 
    • आधार सत्यापन का उपयोग करने के इच्छुक संस्थानों को एक अलग पोर्टल के जरिए संबंधित मंत्रालय या विभाग के पास आवेदन करना होगा।
    • भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) इन आवेदनों की समीक्षा करेगा तथा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) उसकी सिफारिशों के आधार पर मंजूरी देगा। 
    • MeitY की पुष्टि के बाद, संबंधित मंत्रालय या विभाग संस्था को अनुमति देने संबंधी अधिसूचना जारी करेगा। 

नए संशोधनों का महत्त्व:

  • गवर्नेंस में सुधार होगा और नवाचार को बढ़वा मिलेगा:
    • आधार सत्यापन का उपयोग करने से इनोवेटिव डिजिटल समाधान के विकास को प्रोत्साहन मिलेगा।
    • सरकारी और निजी संस्थाओं के बीच सहयोग को बढ़ावा मिलेगा। इससे प्रशासनिक कार्यों में सुधार होगा।
  • विश्वसनीय लेन-देन को बढ़ावा: आधार सत्यापन के उपयोग से सेवा प्रदाता और सेवा प्राप्तकर्ता के बीच सुरक्षित एवं विश्वसनीय लेन-देन सुनिश्चित होंगे।
  • प्रभावी सेवा वितरण को बढ़ावा: आधार-नंबर आधारित सेवाओं के वितरण की प्रक्रियाओं को तेज और अधिक प्रभावी बनाया जा सकेगा। 

आधार (Aadhaar) नंबर के बारे में:

  • यह 12-अंकों की विशिष्ट संख्या है, जिसे भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) जारी करता है।
    • UIDAI एक सांविधिक प्राधिकरण है। इसे आधार अधिनियम, 2016 के तहत स्थापित किया गया है।
  • आधार नंबर में जनसांख्यिकीय डेटा (नाम, लिंग, जन्मतिथि व पता) और बायोमेट्रिक डेटा (फिंगरप्रिंट, आइरिस स्कैन और चेहरे की फोटो) शामिल होते हैं।
  • आधार अधिनियम, 2016 की धारा 7: सरकार केंद्र या राज्यों की संचित निधि से वित्त पोषित योजना का लाभ या सब्सिडी प्राप्त करने हेतु लाभार्थियों के लिए आधार नंबर को अनिवार्य बना सकती है। 
  • आधार मेटा डेटा: सुप्रीम कोर्ट के अनुसार, आधार डेटा को 6 महीने से अधिक समय तक संग्रहीत नहीं किया जा सकता।
  • Tags :
  • MeitY
  • आधार सत्यापन
  • Ease of Living
  • UIDAI
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