भारत के प्रधान मंत्री की मॉरीशस यात्रा के दौरान, भारत और मॉरीशस ने उन्नत रणनीतिक साझेदारी (Enhanced Strategic Partnership) के लिए एक संयुक्त विज़न का अनावरण किया। इसके अलावा, दोनों देशों ने विविध क्षेत्रकों में संबंधों को बढ़ावा देने के लिए आठ समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
- भारत और मॉरीशस के बीच संबंधों को मजबूत करने में पी.एम. नरेंद्र मोदी के योगदान के लिए उन्हें मॉरीशस के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।
यात्रा की प्रमुख उपलब्धियां
- स्थानीय मुद्रा में सीमा पार लेन-देन: सीमा पार लेन-देन के लिए स्थानीय मुद्राओं के उपयोग को बढ़ावा देने हेतु एक फ्रेमवर्क की स्थापना के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
- महासागर (MAHASAGAR): भारत ने ग्लोबल साउथ के लिए एक नए विज़न की घोषणा की। इसे "महासागर/ MAHASAGAR” यानी "क्षेत्रों में सुरक्षा एवं विकास के लिए पारस्परिक और समग्र उन्नति" नाम दिया।
- यह विकास के लिए व्यापार की भावना, सतत विकास के लिए क्षमता निर्माण और साझा भविष्य के लिए पारस्परिक सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करेगा।
- अन्य: समुद्री डेटा को साझा करने, मनी लॉन्ड्रिंग से निपटने हेतु संयुक्त कार्य आदि से संबंधित समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।
भारत-मॉरीशस संबंध
- राजनयिक संबंध: भारत ने 1948 में मॉरीशस के साथ राजनयिक संबंध स्थापित किए थे।
- व्यापार: भारत का मॉरीशस के साथ व्यापार अधिशेष है। वर्ष 2022-23 में दोनों देशों के बीच कुल 554.19 मिलियन अमरीकी डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार हुआ था।
- भारत-मॉरीशस ने 2021 में व्यापक आर्थिक सहयोग और साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
- प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI): वित्त वर्ष 2023-24 में मॉरीशस भारत में FDI का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत था। पहले स्थान पर सिंगापुर था।
- सांस्कृतिक और लोगों के बीच संबंध: मॉरीशस की कुल आबादी में लगभग 70% लोग भारतीय मूल के हैं।
- विश्व में हिंदी को बढ़ावा देने और इसके प्रचार-प्रसार के लिए मॉरीशस में विश्व हिंदी सचिवालय की स्थापना की गई है।