इस पहल के साथ, "इंडिया बायोइकोनॉमी रिपोर्ट 2025" (IBER 2025) भी जारी की गई।
- IBER 2025 को जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (BIRAC) ने तैयार किया है। BIRAC जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा स्थापित एक सार्वजनिक क्षेत्रक का उद्यम है।
बायोसारथी पहल के बारे में
- यह 6 महीनों का एक कोहॉर्ट कार्यक्रम है जो संरचित मेंटर-मेंटी जुड़ाव की सुविधा प्रदान करेगा। इससे उभरते जैव प्रौद्योगिकी उद्यमियों को व्यक्तिगत मार्गदर्शन मिलेगा।
- यह पहल उद्योग-अकादमिक सहयोग को मजबूत करेगी।
- इसके तहत विदेशों से विशेषज्ञों, विशेष रूप से भारतीय डायस्पोरा को अंतर्राष्ट्रीय मेंटर के रूप में शामिल किया जाएगा।
भारत की जैव अर्थव्यवस्था
- स्थिति: यह 2014 में 10 बिलियन डॉलर से 16 गुना बढ़कर 2024 में 165.7 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई थी।
- GDP (नॉमिनल) में योगदान: 4.3% तक।
- क्षेत्रवार योगदान: 47.2% के योगदान के साथ बायो इंडस्ट्रियल सबसे बड़ा योगदानकर्ता है। इसके बाद बायोफार्मा, बायो सर्विसेज और बायोएग्री का स्थान है।
- क्षेत्रीय योगदान: दक्षिण क्षेत्र ने राष्ट्रीय जैव अर्थव्यवस्था में 45.40% का योगदान दिया है। इसके बाद पश्चिम, उत्तर और पूर्व क्षेत्रों का स्थान आता है।
- राज्यवार योगदान: आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात जैसे राज्य प्रमुख योगदानकर्ता हैं।
- स्टार्ट-अप: भारत का बायोटेक स्टार्ट-अप इकोसिस्टम एक दशक पहले के मात्र 50 स्टार्ट-अप्स से बढ़कर आज 10,075 से अधिक स्टार्ट-अप्स हो गया है।
भारत के जैव अर्थव्यवस्था क्षेत्रक के विकास में योगदान देने वाली महत्वपूर्ण पहलें
- बायोटेक्नोलॉजी फॉर इकोनॉमी, एनवायरनमेंट एंड एम्प्लॉयमेंट (BioE3Policy), 2024;
- बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट (Bio- RIDE), 2024;
- राष्ट्रीय बायोफार्मा मिशन (NBM), 2017;
- अन्य: राष्ट्रीय जैव अर्थव्यवस्था मिशन, 2016 आदि।

हालिया वर्षों में जैव-अर्थव्यवस्था क्षेत्रक में हासिल हुई महत्वपूर्ण उपलब्धियां
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