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Posted 20 Mar 2025

37 min read

संसद भाषिणी पहल

लोक सभा सचिवालय और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने AI-संचालित बहुभाषी संसदीय परिचालन के लिए संसद भाषिणी पहल विकसित करने पर सहमति व्यक्त की।

संसद भाषिणी पहल के बारे में

  • उद्देश्य: संसद भाषिणी का उद्देश्य संसद से जुड़े कार्यों के संचालन में विविध भाषाओं की सुविधा प्रदान करने और इससे जुड़ी प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित बनाने के लिए एक व्यापक इन हाउस AI समाधान प्रदान करना है।
    • भाषिणी MeitY द्वारा निर्मित एक AI-संचालित भाषा अनुवाद प्लेटफॉर्म है।
  • संसद भाषिणी के अंतर्गत प्रमुख AI पहलों में AI-आधारित अनुवाद, संसद की वेबसाइट के लिए AI-संचालित चैटबॉट आदि शामिल हैं।
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स्क्वाड एलायंस

फिलीपींस ने भारत से 'स्क्वाड' एलायंस में शामिल होने का आग्रह किया।

स्क्वाड एलायंस के बारे में

  • यह एक अनौपचारिक मिनिलैटरल (लघुपक्षीय) गठबंधन है। इसमें संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और फिलीपींस शामिल हैं।
  • उद्देश्य: हिंद-प्रशांत महासागर क्षेत्र में आक्रामकता से निपटना, स्थिरता को बनाए रखना आदि।
  • यह क्वाड से अलग है जिसमें भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं।
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  • स्क्वाड एलायंस

समर्थ

टेलीमेटिक्स विकास केंद्र ने दूरसंचार और IT क्षेत्रकों के लिए अत्याधुनिक इनक्यूबेशन कार्यक्रम ‘समर्थ’ का शुभारंभ किया।

समर्थ के बारे में

  • उद्देश्य: सस्टेनेबल और स्केलेबल बिजनेस मॉडल के विकास को प्रोत्साहित करना, अत्याधुनिक संसाधनों को उपलब्ध कराना और किसी आइडिया को वाणिज्यिक रूप से सार्थक बनाने में स्टार्ट-अप्स की मदद करना।
  • कार्यान्वयन साझेदार: सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया (STPI), इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत प्रमुख विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संगठन।
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जलवायु स्थिति 2024 रिपोर्ट (State of Climate 2024 Report)

जलवायु स्थिति 2024 रिपोर्ट को विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) द्वारा प्रकाशित किया गया है।

इस रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर 

  • WHO के अनुसार वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैसों का स्तर पिछले 8,00,000 वर्षों में सबसे अधिक है।
  • रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले 10 वर्ष, 1850 के बाद से दर्ज किए गए 10 सबसे गर्म वर्षों में शामिल हैं।
  • पृथ्वी का क्रायोस्फीयर (हिमांक-मंडल) काफी तेजी से से पिघल रहा है।
  • चरम मौसमी घटनाओं के कारण 2008 के बाद से 2024 में सबसे अधिक विस्थापन हुए हैं।
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  • जलवायु परिवर्तन
  • जलवायु स्थिति 2024 रिपोर्ट

अपलिंक इनिशिएटिव

विश्व आर्थिक मंच (WEF) के तहत अपलिंक इनिशिएटिव से 2023-2024 के  दौरान कार्बन उत्सर्जन में 142,400 टन की कटौती हुई। 

अपलिंक इनिशिएटिव के बारे में

  • यह प्रभावशाली प्रारंभिक चरण के नवाचार पर केंद्रित है।
  • इसे डेलॉइट और सेल्सफोर्स के सहयोग से WEF द्वारा 2020 में लॉन्च किया गया था।
  • यह ऐसे इकोसिस्टम्स का निर्माण करता है, जो उद्देश्य युक्त और    शुरुआती चरण के उद्यमियों को अपने व्यवसायों को उन बाजारों के लिए बढ़ाने में सक्षम बनाता है जो नेट जीरो उत्सर्जन, प्रकृति के प्रति सकारात्मक (nature-positive) और न्यायसंगत (equitable) भविष्य के लिए आवश्यक हैं।
  • उद्देश्य: प्रारंभिक चरण के नवाचारकर्ताओं को समर्थन देना, नवाचार आधारित इकोसिस्टम को सक्षम बनाना और धारणा को प्रभावित करना।
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  • विश्व आर्थिक मंच (WEF)
  • अपलिंक इनिशिएटिव

अश्विनी

रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायु सेना के लिए लो लेवल ट्रांसपोर्टेबल रडार (LLTR) ‘अश्विनी’ की खरीद हेतु भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) के साथ पूंजी अधिग्रहण अनुबंध पर हस्ताक्षर किए।

अश्विनी के बारे में

  • यह एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड फेज़्ड ऐरे रडार है, जो अत्याधुनिक सॉलिड स्टेट तकनीक पर आधारित है।
  • इसे DRDO के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं रडार विकास प्रतिष्ठान ने स्वदेशी रूप से विकसित किया है।
  • मुख्य विशेषताएं:
    • यह तेज गति से उड़ने वाले लड़ाकू विमानों से लेकर धीमी गति से चलने वाले ड्रोन्स और हेलीकॉप्टर्स जैसे हवाई लक्ष्यों को ट्रैक कर सकता है।
    • यह रडार 200 किमी तक के क्षेत्र में लक्ष्य को ट्रैक कर सकता है।
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  • अश्विनी
  • रडार

ऑटोनोमस सरफेस वेसल्स (ASVs)

भारतीय और अमेरिकी कंपनियों ने एंटी-सबमरीन वारफेयर के लिए वेव ग्लाइडर, एक ऑटोनोमस सरफेस वेसल (ASV) को संयुक्त रूप से विकसित करने के लिए समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए। 

ऑटोनोमस सरफेस वेसल्स (ASVs) के बारे में

  • ये रोबोटिक पोत होते हैं, जो समुद्र की सतह पर कार्य करते हुए महासागरीय डेटा रिकॉर्ड करते हैं।
  • ये तरंग शक्ति या प्रोपेलर-चालित प्रणोदन प्रणाली का उपयोग करते हैं।
  • लाभ:
    • ऑटोनोमस अंडरवाटर व्हीकल्स की तुलना में बड़े पेलोड्स को वहन करने और अधिक बैटरी क्षमता होती है।
    • नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों (सौर और पवन ऊर्जा) का उपयोग करके लंबे समय तक संचालन कर सकते हैं।
  • चुनौतियां: अत्यधिक भीड़-भाड़ वाले समुद्री क्षेत्रों में इन्हें नेविगेशन में मुश्किल हो सकती है।
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  • ऑटोनोमस सरफेस वेसल्स (ASVs)
  • तरंग शक्ति

सोनिक वेपन

सर्बिया ने बेलग्रेड में प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए प्रतिबंधित 'सोनिक वेपन' के इस्तेमाल से इनकार किया।

सोनिक वेपन के बारे में

  • इन्हें एकॉस्टिक वेपन भी कहा जाता है। ये उपकरण लंबी दूरी तक बहुत तेज ध्वनि उत्पन्न करते हैं।
    • इनका उपयोग ध्वनि संदेश/ अन्य ध्वनियां पहुंचाने के लिए ध्वनि प्रवर्धक (Amplifier) की तरह भी किया जा सकता है।
  • कार्य: इसमें आमतौर पर सैकड़ों आधुनिक ट्रांसड्यूसर्स होते हैं। ये इलेक्ट्रॉनिक उपकरण होते हैं।ट्रांसड्यूसर्स ऊर्जा को एक रूप से दूसरे रूप में बदलकर अत्यधिक केंद्रित और प्रवर्धित ध्वनि उत्पन्न करते हैं। फिर इन साउंड बीम्स को संकेंद्रित करके विशिष्ट लक्षित क्षेत्रों पर इनका इस्तेमाल किया जाता है।
  • प्रभाव: टिनिटस (बिना किसी बाहरी स्रोत के कानों में गूंजने, भिनभिनाने या अन्य ध्वनियों का अनुभव होना); सुनने की क्षमता में कमी आदि।
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  • सोनिक वेपन
  • टिनिटस

मिलर-उरे परिकल्पना

एक अध्ययन में इस तथ्य का खुलासा हुआ है कि 'माइक्रोलाइटनिंग' ने पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति में अहम भूमिका निभाई है। यह नवीन खुलासा मिलर-यूरे परिकल्पना को चुनौती देता है।

  • माइक्रोलाइटनिंग सूक्ष्म विद्युत चमक है। इनका निर्माण तब होता है, जब विपरीत रूप से आवेशित (धनात्मक और ऋणात्मक) पानी की बूंदे अलग-अलग होने के बाद एक-दूसरे के करीब आती हैं। माइक्रोलाइटनिंग की प्रक्रिया बादलों में बिजली बनने की प्रक्रिया के समान है, लेकिन यह बहुत सूक्ष्म पैमाने पर होती है। 

मिलर-यूरे परिकल्पना के बारे में

  • इस परिकल्पना में दावा किया गया था कि बिजली के गिरने से पृथ्वी के शुरुआती वायुमंडल में रासायनिक अभिक्रियाएं शुरू हुई थीं।
    • इसमें सफलतापूर्वक प्रदर्शित किया गया था कि जीवन के लिए आवश्यक कार्बनिक यौगिकों (जैसे अमीनो एसिड) का निर्माण जल और अकार्बनिक गैसों के मिश्रण में बिजली का प्रवाह करके किया जा सकता है।
    • हालिया अध्ययन ने माइक्रोलाइटनिंग का उपयोग करके कार्बनिक यौगिकों के निर्माण को प्रदर्शित किया है।
  • सीमा: आलोचकों का तर्क है कि बिजली गिरने की घटनाएं बहुत कम होती थी और ज्यादातर खुले महासागर में घटित होती थी। इससे समुद्र में बनने वाले कार्बनिक यौगिक शीघ्र ही जल में फैल जाते थे, जिससे जीवन के निर्माण के लिए आवश्यक जटिल अणुओं का निर्माण मुश्किल हो जाता था। 
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  • मिलर-उरे परिकल्पना
  • माइक्रोलाइटनिंग
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