पत्तन आधारित विकास को बढ़ावा देने के लिए सागरमाला स्टार्ट-अप इनोवेशन पहल (S2I2) आरंभ की गई | Current Affairs | Vision IAS
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पत्तन आधारित विकास को बढ़ावा देने के लिए सागरमाला स्टार्ट-अप इनोवेशन पहल (S2I2) आरंभ की गई

Posted 20 Mar 2025

9 min read

सागरमाला स्टार्ट-अप इनोवेशन पहल (S2I2) को राष्ट्रीय सागरमाला शीर्ष समिति (NSAC) की चौथी बैठक में लॉन्च किया गया है।

  • इस बैठक में सागरमाला 2.0 में अपग्रेड करने की योजना पर भी प्रकाश डाला गया।

इस बैठक के मुख्य परिणामों पर एक नजर

  • सागरमाला स्टार्ट-अप इनोवेशन पहल (S2I2): 
    • उद्देश्य: ग्रीन शिपिंग, स्मार्ट पोर्ट, मैरीटाइम लॉजिस्टिक्स, पोत निर्माण प्रौद्योगिकी और संधारणीय तटीय विकास जैसे क्षेत्रों में काम करने वाले स्टार्ट-अप्स को सशक्त बनाना। 
    • इससे अनुसंधान, नवाचार, स्टार्ट-अप्स और उद्यमिता को तेजी से बढ़ावा मिलेगा।
    • इसमें वित्त-पोषण, मार्गदर्शन और उद्योग आधारित साझेदारी के माध्यम से अत्याधुनिक समाधानों को विकसित करने को भी बढ़ावा दिया जाएगा।
  • सागरमाला 2.0:
    • यह पोत निर्माण, मरम्मत, पोत को तोड़ने और पुनर्चक्रण पर ध्यान देते हुए सागरमाला कार्यक्रम को अपग्रेड करेगा।
    • इसके निम्नलिखित उद्देश्य हैं-
      • मैरीटाइम अमृत काल विज़न (MAKV 2047) को साकार करना;
      • भारत को विश्व के शीर्ष पांच पोत निर्माण देशों में स्थान दिलाना है; तथा 
      • पत्तन की हैंडलिंग क्षमता को सालाना 10 अरब मीट्रिक टन तक बढ़ाना है।

सागरमाला कार्यक्रम, 2015 के बारे में

  • उद्देश्य: भारत की लगभग 7,500 किमी लम्बी तटरेखा और 14,500 किमी संभावित नौगम्य जलमार्गों की क्षमता का उपयोग करके देश में आर्थिक विकास को गति प्रदान करना।
    • इसका लक्ष्य घरेलू और एक्जिम (निर्यात-आयात) कार्गो, दोनों के लिए लॉजिस्टिक्स संबंधी लागत को कम करना है।
  • मंत्रालय: पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय। 
  • शीर्ष निकाय: राष्ट्रीय सागरमाला शीर्ष समिति (NSAC)।
  • पांच प्रमुख स्तंभ: 
    • पत्तन आधारित औद्योगीकरण, 
    • पत्तन आधुनिकीकरण, 
    • पोर्ट कनेक्टिविटी, 
    • तटीय पोत परिवहन और अंतर्देशीय जलमार्ग, तथा 
    • तटीय समुदाय का विकास।
  • Tags :
  • सागरमाला
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