सागरमाला स्टार्ट-अप इनोवेशन पहल (S2I2) को राष्ट्रीय सागरमाला शीर्ष समिति (NSAC) की चौथी बैठक में लॉन्च किया गया है।
- इस बैठक में सागरमाला 2.0 में अपग्रेड करने की योजना पर भी प्रकाश डाला गया।
इस बैठक के मुख्य परिणामों पर एक नजर
- सागरमाला स्टार्ट-अप इनोवेशन पहल (S2I2):
- उद्देश्य: ग्रीन शिपिंग, स्मार्ट पोर्ट, मैरीटाइम लॉजिस्टिक्स, पोत निर्माण प्रौद्योगिकी और संधारणीय तटीय विकास जैसे क्षेत्रों में काम करने वाले स्टार्ट-अप्स को सशक्त बनाना।
- इससे अनुसंधान, नवाचार, स्टार्ट-अप्स और उद्यमिता को तेजी से बढ़ावा मिलेगा।
- इसमें वित्त-पोषण, मार्गदर्शन और उद्योग आधारित साझेदारी के माध्यम से अत्याधुनिक समाधानों को विकसित करने को भी बढ़ावा दिया जाएगा।
- सागरमाला 2.0:
- यह पोत निर्माण, मरम्मत, पोत को तोड़ने और पुनर्चक्रण पर ध्यान देते हुए सागरमाला कार्यक्रम को अपग्रेड करेगा।
- इसके निम्नलिखित उद्देश्य हैं-
- मैरीटाइम अमृत काल विज़न (MAKV 2047) को साकार करना;
- भारत को विश्व के शीर्ष पांच पोत निर्माण देशों में स्थान दिलाना है; तथा
- पत्तन की हैंडलिंग क्षमता को सालाना 10 अरब मीट्रिक टन तक बढ़ाना है।
सागरमाला कार्यक्रम, 2015 के बारे में
- उद्देश्य: भारत की लगभग 7,500 किमी लम्बी तटरेखा और 14,500 किमी संभावित नौगम्य जलमार्गों की क्षमता का उपयोग करके देश में आर्थिक विकास को गति प्रदान करना।
- इसका लक्ष्य घरेलू और एक्जिम (निर्यात-आयात) कार्गो, दोनों के लिए लॉजिस्टिक्स संबंधी लागत को कम करना है।
- मंत्रालय: पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय।
- शीर्ष निकाय: राष्ट्रीय सागरमाला शीर्ष समिति (NSAC)।
- पांच प्रमुख स्तंभ:
- पत्तन आधारित औद्योगीकरण,
- पत्तन आधुनिकीकरण,
- पोर्ट कनेक्टिविटी,
- तटीय पोत परिवहन और अंतर्देशीय जलमार्ग, तथा
- तटीय समुदाय का विकास।
