केंद्रीय मंत्री के अनुसार IMEC से निम्नलिखित लाभ प्राप्त होंगे:
- लॉजिस्टिक्स लागत में 30% तक की कमी आएगी,
- परिवहन में 40% कम समय लगेगा, और
- यह महाद्वीपों के बीच बिना बाधा के व्यापार संबंध स्थापित करेगा।
केंद्रीय मंत्री ने IMEC परियोजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए निम्नलिखित उपाय सुझाएं हैं:
- उद्योग जगत, थिंक टैंक, अकादमिक जगत जैसे सभी हितधारकों की साझेदारी और सक्रिय भागीदारी।
- नवोन्मेषी वित्त-पोषण मॉडल- जैसे कि लंबी अवधि में मैच्योर होने वाले IMEC बॉण्ड जारी करना आदि।
सिल्क रूट के बारे में
- सिल्क रूट यानी रेशम मार्ग एक ऐतिहासिक व्यापार मार्ग था। इसका उपयोग दूसरी सदी ईसा पूर्व से लेकर 14वीं-15वीं सदी तक किया गया था।
- यह एशिया से यूरोप तक जाता था।
IMEC के बारे में
- यह एक मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी परियोजना है।
- इसे 2023 में नई दिल्ली में आयोजित G20 शिखर सम्मेलन के दौरान हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन के माध्यम से औपचारिक रूप दिया गया था। इसके भारत, यूरोपीय संघ, फ्रांस, जर्मनी, इटली, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और संयुक्त राज्य अमेरिका हितधारक हैं।
- उद्देश्य: भारत, अरब प्रायद्वीप, भूमध्यसागरीय क्षेत्र और यूरोप के बीच व्यापार को बढ़ावा देने के लिए बंदरगाह, रेलवे, सड़क, समुद्री मार्ग एवं पाइपलाइन से संबंधित अवसंरचनाओं का विकास करना।

IMEC का रणनीतिक महत्त्व
- भू-रणनीतिक: यह स्वेज नहर जैसे व्यस्त समुद्री मार्गों का विकल्प प्रदान करके निरंतर व्यापार को बढ़ावा देगा।
- भू-आर्थिक: यह भारत, मध्य पूर्व और यूरोप के बीच आर्थिक एकीकरण की सभी संभावनाओं की खोज एवं उनका दोहन करेगा।
- अन्य महत्त्व: यह चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के प्रत्युत्तर में एक विकल्प प्रस्तुत करता है।