तमिलनाडु ने केंद्र-राज्य संबंधों की जांच के लिए समिति गठित की | Current Affairs | Vision IAS
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    तमिलनाडु ने केंद्र-राज्य संबंधों की जांच के लिए समिति गठित की

    Posted 17 Apr 2025

    9 min read

    इस समिति की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ करेंगे। समिति भारतीय राज्यों के संवैधानिक अधिकारों को मजबूत करने के लिए उपाय सुझाएगी।

    ऐतिहासिक समिति- राजमन्नार समिति (1969)

    • उद्देश्य: संविधान की समीक्षा करना तथा विधायी, कार्यकारी और न्यायिक क्षेत्रों में राज्यों की अधिकतम स्वायत्तता की सिफारिश करना।
    • मुख्य सिफारिशें:
      • समिति ने संविधान के अनुच्छेद 365 की आलोचना की तथा इसे अनुचित केंद्रीय अतिक्रमण के लिए एक उपकरण बताया। समिति ने अनुच्छेद 356 (राष्ट्रपति शासन) को संविधान से हटाने की सिफारिश भी की थी।
      • अनुच्छेद 263 के तहत अंतर-राज्य परिषद को अधिक सशक्त बनाने का सुझाव दिया था।
      • वित्त आयोग की कमजोर भूमिका पर चिंता जताई थी।

    केंद्र-राज्य संबंधों पर गठित अन्य समितियां

    • सरकारिया आयोग (1983)
      • मुख्य सिफारिशें
        • इसने देश की एकता और अखंडता के लिए अखिल भारतीय सेवाओं को बनाए रखने की सिफारिश की थी। साथ ही, इसने नई अखिल भारतीय सेवाओं का सृजन करने की भी सिफारिश की थी।
        • राष्ट्रपति शासन का अंतिम विकल्प के रूप में इस्तेमाल करना चाहिए।
        • राजनीतिक रूप से सक्रिय व्यक्ति की राज्यपाल के पद पर नियुक्ति नहीं की जानी चाहिए।
        • आयोग ने सुझाव दिया था कि त्रि-भाषा फार्मूले को सभी राज्यों में इसकी वास्तविक भावना के अनुसार लागू किया जाना चाहिए।
    • पुंछी आयोग (2007)
      • मुख्य सिफारिशें
        • अनुच्छेद 61 के तहत राष्ट्रपति पर महाभियोग के समान राज्यपाल के लिए भी एक औपचारिक महाभियोग प्रक्रिया लागू करने का सुझाव दिया।
        • समवर्ती सूची के विषयों पर कानून बनाते समय केंद्र सरकार को राज्यों से परामर्श करना चाहिए।
        • आयोग ने अनुच्छेद 356 का अधिक इस्तेमाल नहीं करने और इसके दुरुपयोग को कम करने की सिफारिश की थी।
    • Tags :
    • सरकारिया आयोग
    • न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ
    • राजमन्नार समिति (1969)
    • अनुच्छेद 365
    • पुंछी आयोग (2007)
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