संयुक्त राष्ट्र मादक पदार्थ एवं अपराध कार्यालय (UNODC) की रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया में अंतर्राष्ट्रीय संगठित साइबर अपराध समूह अब इस क्षेत्र से बाहर भी फैल रहे हैं। ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि उन पर सरकार द्वारा सख्त कार्रवाई की जा रही है।
इस बदलते रुझान और UNODC रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर
- दक्षिण-पूर्व एशिया में अंतर्राष्ट्रीय संगठित अपराध: उदाहरण के लिए- म्यांमार में सिंथेटिक ड्रग उत्पादन (मेथैम्फेटामाइन) का उत्पादन बढ़ना।
- भौगोलिक विस्तार: अब ये समूह पूर्व एवं दक्षिण-पूर्व एशिया से अफ्रीका, दक्षिण एशिया (जिसमें भारत भी शामिल है), मध्य-पूर्व, प्रशांत द्वीप, यूरोप, उत्तरी अमेरिका और दक्षिण अमेरिका तक फैल गए हैं।
- उदाहरण के लिए- मार्च 2025 में बड़ी संख्या में भारतीय नागरिकों को म्यांमार के म्यावाड्डी स्थित स्कैम केंद्रों से वापस भारत लाया गया था।
- नये अवैध ऑनलाइन बाजारों का उदय: उदाहरण के लिए- दक्षिण-पूर्व एशिया में हुइओन गारंटी (हाओवांग) {Huione Guarantee (Haowang)} नामक टेलीग्राम-आधारित मार्केटप्लेस दुनिया के सबसे बड़े अवैध ऑनलाइन मार्केटप्लेसेस में से एक के रूप में उभर रहा है।
साइबर धोखाधड़ी और संगठित आपराधिक समूहों (OCGs) के बीच संबंध
- साइबर अपराध में OCGs का शामिल होना: उदाहरण के लिए- नए ऑनलाइन आपराधिक बाजारों (जैसे, इंटरनेट गैंबलिंग) का फायदा उठाने के लिए सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT) का उपयोग किया जाता है।
- OCGs का और अधिक पेशेवर होना: उदाहरण के लिए- ये समूह अब मैलवेयर, डीपफेक और अन्य AI-संचालित प्रौद्योगिकी सेवाओं का उपयोग कर रहे हैं।
इस रिपोर्ट में की गई मुख्य सिफारिशें:
- राजनीतिक जागरूकता और इच्छाशक्ति को बढ़ाना;
- विनियामकीय फ्रेमवर्क को मजबूत करना;
- प्रवर्तन एजेंसियों की परिचालन क्षमता बढ़ाना;
- परिचालन क्षेत्रीय सहयोग को आगे बढ़ाना, आदि।
अन्य संबंधित सुर्ख़ियांहाल ही में, नीति आयोग ने 'डिजिटल गिरफ्तारी: आधुनिक युग की साइबर धोखाधड़ी' शीर्षक से एक लेख प्रकाशित किया। डिजिटल गिरफ्तारी या डिजिटल अरेस्ट क्या है?
ऐसा क्यों होता है?
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