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विश्व बैंक ने “पॉवर्टी एंड इक्विटी ब्रीफ्स” रिपोर्ट जारी की

Posted 26 Apr 2025

7 min read

रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर-

गरीबी

  • चरम गरीबी में कमी (PPP के अनुसार प्रतिदिन 2.15 डॉलर से कम पर जीवन यापन): यह 16% (2011-12) से घटकर मात्र 2.3% (2022-23) रह गई है। करीब 171 मिलियन लोग वैश्विक गरीबी रेखा से बाहर आ गए हैं।
    • PPP: क्रय शक्ति समता। 
  • ग्रामीण-शहरी अंतराल: यह 7.7% से घटकर 1.7% रह गया है।
  • बहुआयामी गरीबी: गैर-मौद्रिक गरीबी (बहुआयामी निर्धनता सूचकांक द्वारा मापी गई) 2005-06 में 53.8% थी, जो 2019-21 में घटकर 16.4% हो गई।
  • 5 सबसे अधिक आबादी वाले राज्य: उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश में भारत के चरम गरीब लोगों में से 54% (2022-23) और बहुआयामी गरीबों में से 51% (2019-21) निवास करते हैं। 

असमानता 

  • आय असमानता: विश्व असमानता डेटाबेस के अनुसार, भारत का उपभोग-आधारित गिनी सूचकांक 2011-12 में 28.8 था, जो 2022-23 में घटकर 25.5 हो गया। हालांकि, आय असमानता 52 (2004) गिनी से बढ़कर 62 (2023) हो गई है। 
    • गिनी सूचकांक/ गुणांक आय असमानता की एक माप है। 
  • 2023-24 में शीर्ष 10% की औसत आय निचले 10% की तुलना में 13 गुना अधिक थी। 

रोजगार

  • रोजगार में वृद्धि: विशेष रूप से महिलाओं के बीच रोजगार दर बढ़ रही है। शहरी बेरोजगारी दर भी 2017-18 के बाद से सबसे कम स्तर पर पहुंच गई है।
  • अनौपचारिक रोजगार: खेती के अलावा शेष क्षेत्रकों में केवल 23% वैतनिक नौकरियां ही औपचारिक हैं, बाकी सब अनौपचारिक हैं।
  • लैंगिक असमानताएं: महिलाओं की रोजगार दर 31% है, फिर भी 23.4 करोड़ अधिक पुरुष वैतनिक नौकरियों में हैं।
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  • गरीबी
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