प्रथम एशिया-अफ्रीका शिखर सम्मेलन को बांडुंग सम्मेलन के नाम से भी जाना जाता है। यह सम्मेलन 1955 में 18 से 24 अप्रैल तक इंडोनेशिया के बांडुंग में आयोजित हुआ था।
बांडुंग सम्मेलन के बारे में
- उत्पत्ति: अप्रैल 1955 में, एशिया और अफ्रीका के 29 देशों की सरकारों के प्रतिनिधि बांडुंग में एकत्र हुए थे। ये शांति, शीत युद्ध में तीसरी दुनिया की भूमिका, आर्थिक विकास और विऔपनिवेशीकरण पर चर्चा के लिए एक मंच पर आए थे।
- इस सम्मेलन के सह-आयोजक देश थे; इंडोनेशिया, म्यांमार, श्रीलंका, भारत और पाकिस्तान।
- बांडुंग सम्मेलन के 10 प्रमुख सिद्धांत: इनमें राजनीतिक आत्मनिर्णय, संप्रभुता का पारस्परिक सम्मान, अनाक्रमण, दूसरे देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करना, समानता आदि शामिल थे।
- गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) का अग्रदूत: बांडुंग सम्मेलन और इसके अंतिम संकल्प ने शीत युद्ध के समय गुटनिरपेक्ष आंदोलन की नींव रखी थी।
गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) क्या है?
- परिचय: गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) उन देशों का संगठन है, जिन्होंने शीत युद्ध के दौरान संयुक्त राज्य अमेरिका या सोवियत संघ के साथ औपचारिक रूप से गठबंधन नहीं किया था और स्वतंत्र रहने का प्रयास किया था।
- स्थापना: इसका गठन संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत संघ के बीच शीत युद्ध को देखते हुए 1961 में किया गया था।
- NAM का पहला सम्मेलन: 1961 में बेलग्रेड सम्मेलन।
- मुख्य सिद्धांत: बांडुंग सम्मेलन के दौरान घोषित "बांडुंग के दस सिद्धांत" गुटनिरपेक्ष आंदोलन के मुख्य लक्ष्य और सिद्धांत बन गए।
- सदस्य: भारत सहित 121 सदस्य देश।
- संरचना: गुटनिरपेक्ष आंदोलन का न तो कोई औपचारिक स्थापना चार्टर या संधि है और न ही इसका कोई स्थायी सचिवालय है।