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स्क्रैमजेट इंजन विकास में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल हुई

Posted 26 Apr 2025

7 min read

DRDO की एक प्रयोगशाला, रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला (DRDL) ने 1000+ सेकंड का एक्टिव कूल्ड स्क्रैमजेट सबस्केल कॉम्बस्टर ग्राउंड टेस्टिंग को सफलतापूर्वक पूरा किया। 

  • यह ग्राउंड टेस्टिंग, जनवरी 2025 में 120 सेकंड के लिए किए गए पूर्व परीक्षण की निरंतरता है।
  • यह परीक्षण हाइपरसोनिक हथियार तकनीक को विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

स्क्रैमजेट (सुपरसोनिक कॉम्बस्शन रैमजेट) इंजन

  • यह एक उन्नत एयर-ब्रीदिंग (वायुपोषित) जेट इंजन है। यह रैमजेट तकनीक से बेहतर है, क्योंकि यह हाइपरसोनिक गति पर भी प्रभावी ढंग से काम करता है और सुपरसोनिक दहन को सक्षम करता है।
    • रैमजेट इंजन यान के फॉरवर्ड मोशन का उपयोग करके बिना किसी कंप्रेसर के वायु को कंप्रेस करता है।
  • भारत चौथा देश है, जिसने स्क्रैमजेट इंजन का सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया है।

हाइपरसोनिक हथियार

  • यह एयर-ब्रीदिंग इंजन द्वारा संचालित होता है। इसकी गति मैक-5 या इससे अधिक होती है या यह ध्वनि की गति से कम-से-कम पांच गुना तेज गति से गमन कर सकता है।  
  • यह बैलिस्टिक मिसाइल की तुलना में कम ऊंचाई पर उड़ान भर सकता है। इसके चलते इसे ट्रैक करना कठिन हो जाता है।
  • प्रकार:
    • हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल (HGV): इन्हें रॉकेट से छोड़ा जाता है, जैसे आम बैलिस्टिक मिसाइलें छोड़ी जाती हैं, और फिर ये लक्ष्य की ओर ग्लाइड करते हैं।
    • हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइलें (HCM): ये पूरी उड़ान के दौरान स्क्रैमजेट इंजन से चलती हैं।
  • Tags :
  • स्क्रैमजेट इंजन
  • हाइपरसोनिक हथियार तकनीक
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