DRDO की एक प्रयोगशाला, रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला (DRDL) ने 1000+ सेकंड का एक्टिव कूल्ड स्क्रैमजेट सबस्केल कॉम्बस्टर ग्राउंड टेस्टिंग को सफलतापूर्वक पूरा किया।
- यह ग्राउंड टेस्टिंग, जनवरी 2025 में 120 सेकंड के लिए किए गए पूर्व परीक्षण की निरंतरता है।
- यह परीक्षण हाइपरसोनिक हथियार तकनीक को विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
स्क्रैमजेट (सुपरसोनिक कॉम्बस्शन रैमजेट) इंजन
- यह एक उन्नत एयर-ब्रीदिंग (वायुपोषित) जेट इंजन है। यह रैमजेट तकनीक से बेहतर है, क्योंकि यह हाइपरसोनिक गति पर भी प्रभावी ढंग से काम करता है और सुपरसोनिक दहन को सक्षम करता है।
- रैमजेट इंजन यान के फॉरवर्ड मोशन का उपयोग करके बिना किसी कंप्रेसर के वायु को कंप्रेस करता है।
- भारत चौथा देश है, जिसने स्क्रैमजेट इंजन का सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया है।
हाइपरसोनिक हथियार

- यह एयर-ब्रीदिंग इंजन द्वारा संचालित होता है। इसकी गति मैक-5 या इससे अधिक होती है या यह ध्वनि की गति से कम-से-कम पांच गुना तेज गति से गमन कर सकता है।
- यह बैलिस्टिक मिसाइल की तुलना में कम ऊंचाई पर उड़ान भर सकता है। इसके चलते इसे ट्रैक करना कठिन हो जाता है।
- प्रकार:
- हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल (HGV): इन्हें रॉकेट से छोड़ा जाता है, जैसे आम बैलिस्टिक मिसाइलें छोड़ी जाती हैं, और फिर ये लक्ष्य की ओर ग्लाइड करते हैं।
- हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइलें (HCM): ये पूरी उड़ान के दौरान स्क्रैमजेट इंजन से चलती हैं।