पद्म पुरस्कार
भारत की राष्ट्रपति ने सिविल इन्वेस्टिट्चर समारोह-I में पद्म पुरस्कार 2025 प्रदान किए।
पद्म पुरस्कारों के बारे में:
- ये भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में शामिल हैं।
- प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कारों से सम्मानित होने वाले व्यक्तियों के नाम घोषित किए जाते हैं।
- पद्म पुरस्कारों की निम्नलिखित तीन श्रेणियां हैं:
- पद्म विभूषण- असाधारण और विशिष्ट सेवा के लिए;
- पद्म भूषण- उच्च स्तर की विशिष्ट सेवा के लिए; तथा
- पद्म श्री- विशिष्ट सेवा के लिए।
- ये पुरस्कार उन सभी क्षेत्रों में उपलब्धियों को सम्मानित करते हैं, जहां सार्वजनिक सेवा का कोई तत्व शामिल हो।
- पद्म पुरस्कारों का इतिहास: 1954 में प्रारंभ किए गए थे।
- 1978–79 और 1993–97 के दौरान पद्म पुरस्कार प्रदान नहीं किए गए थे।
- पद्म पुरस्कारों की चयन प्रक्रिया:
- नामों की सिफारिशें पद्म पुरस्कार समिति द्वारा की जाती हैं। इस समिति का गठन प्रत्येक वर्ष प्रधान मंत्री द्वारा किया जाता है।
- आम लोग भी किसी व्यक्ति के नाम का सुझाव दे सकते हैं। हालांकि, कोई व्यक्ति अपने स्वयं के नाम की सिफारिश नहीं कर सकता।
- यह कोई 'उपाधि' (टाइटल) नहीं है: पद्म पुरस्कार प्राप्त करने वाला व्यक्ति इस पुरस्कार का नाम अपने नाम के आगे या पीछे नहीं जोड़ सकता।
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लॉन्ग-टर्म वीजा (LTV)
भारत के विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि वीज़ा निलंबन के बावजूद पाकिस्तानी हिंदू नागरिकों के लिए लॉन्ग-टर्म वीजा (LTV) मान्य रहेंगे।
लॉन्ग-टर्म वीजा (LTV) के बारे में
- लॉन्ग-टर्म वीजा धारकों को भारत में 180 दिनों से अधिक रहने की अनुमति होती है।
- यह कुछ विशेष मामलों में जारी किया जाता है, जैसे:
- ऐसे पाकिस्तानी, बांग्लादेशी और अफगानी नागरिक जिनके पास वैध यात्रा डॉक्यूमेंट हों तथा जो भारत में स्थायी रूप से बसने (नागरिकता सहित) के इच्छुक हों।
- उन पाकिस्तानी नागरिकों के लिए, जो अपना पाकिस्तानी पासपोर्ट नवीनीकृत नहीं करा पाए हों।
- अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के अल्पसंख्यक समुदायों के ऐसे व्यक्ति जो 31 दिसंबर, 2014 या उससे पहले भारत में प्रवेश कर चुके हों, चाहे उनके पास यात्रा डाक्यूमेंट्स हों या नहीं।
- ऐसे विदेशी नागरिक जो स्वयं को शरणार्थी बताते हैं।
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वैश्विक सैन्य व्यय के रुझान (Trends in world military Expenditure, 2024)
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) ने वर्ष 2024 में वैश्विक सैन्य व्यय के रुझान पर रिपोर्ट जारी की है।
रिपोर्ट के मुख्य मुख्य बिंदुओं पर एक नजर
- वैश्विक सैन्य व्यय 2024 में बढ़कर 2718 अरब डॉलर हो गया। यह विगत वर्ष की तुलना में 9.4% की वृद्धि है। यह शीत युद्ध के बाद सैन्य व्यय में यह सबसे तेज वृद्धि है।
- कुल सैन्य व्यय 2024 में वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 2.5% रहा।
- सैन्य व्यय वाले शीर्ष पांच देश: संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, रूस, जर्मनी और भारत।
- इन पांचों देशों का संयुक्त सैन्य व्यय विश्व का 60% सैन्य व्यय है ।
- यूरोप में सैन्य व्यय में 17% की वृद्धि दर्ज की गई, जिसका मुख्य कारण यूक्रेन युद्ध रहा। जर्मनी में 28% और पोलैंड में 31% की वृद्धि दर्ज की गई।
- मध्य पूर्व क्षेत्र में सैन्य व्यय में 15% की वृद्धि दर्ज की गई। इजराइल में 65% और लेबनान में 58% की वृद्धि दर्ज की गई।
- 2024 में भारत का सैन्य व्यय 86.1 अरब डॉलर रहा, जो देश की GDP का 2.3% है।
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- स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI)
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ज्ञान पोस्ट
इंडिया पोस्ट ने ‘ज्ञान पोस्ट’ सेवा शुरू की है। इस पहल का उद्देश्य देशभर में शिक्षा प्राप्ति को बढ़ावा देना है।
ज्ञान पोस्ट के बारे में:
- यह एक प्रकार की डाक सेवा है। इसके तहत पूरे देश में पुस्तकों और अध्ययन सामग्री की रियायती शुल्क में डिलीवरी सुनिश्चित करके शिक्षा प्राप्ति में समानता सुनिश्चित की जाएगी।
- केवल गैर-व्यावसायिक प्रकृति की अध्ययन सामग्री ही इस सेवा में शामिल की जाएगी। इसमें अध्ययन सामग्री की डिलीवरी की रियल टाइम आधार पर ट्रैकिंग की जा सकेगी।
- व्यावसायिक उद्देश्यों वाली अध्ययन सामग्रियों या विज्ञापनयुक्त प्रकाशनों को इस योजना के दायरे से बाहर रखा गया है।
- प्रत्येक पुस्तक पर निर्धारित शर्तों के अनुसार मुद्रक/ प्रकाशक का नाम अंकित होना अनिवार्य है।
- रियायती शुल्क:
- 300 ग्राम तक के पैकेज के लिए: 20 रुपये; तथा
- 5 किलोग्राम तक के पैकेज के लिए: 100 रुपये।
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एक्वा बीमा (Aqua Insurance)
केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री ने प्रधान मंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना (PM-MKSSY) के तहत पहले 'एक्वा बीमा' का वितरण किया।
- PM-MKSSY, प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत एक उप-योजना है। इसके तहत जलीय-कृषि क्षेत्र (Aquaculture) को व्यापक बीमा कवरेज प्रदान किया जा रहा है।
- 5वीं समुद्री मात्स्यिकी गणना (Marine Fisheries Census) के लिए VyAS-NAV मोबाइल एप्लिकेशन भी डिजिटल डेटा संग्रहण हेतु लॉन्च किया गया है।
एक्वा बीमा के बारे में:
- उद्देश्य: लघु और वंचित मत्स्य किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करना।
- लाभार्थी: पंजीकृत एक्वा किसान, फर्में, कंपनियां, समितियां, सहकारी संस्थाएं, मत्स्य किसान उत्पादक संगठन (FFPOs) आदि।
- प्रीमियम सीमा: प्रति किसान अधिकतम 1 लाख रुपये तक, 1800 घन मीटर क्षेत्र के लिए।
- समावेशन: अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिलाएं 10% अतिरिक्त प्रोत्साहन सहायता के लिए पात्र हैं।
- अवधि: बीमा कवरेज एक फसल चक्र के लिए मान्य होता है।
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- एक्वा बीमा
- PM-MKSSY
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चोलिस्तान मरुस्थल
सिंध में विरोध प्रदर्शनों के बाद, पाकिस्तान ने चोलिस्तान नहर परियोजना सहित कई परियोजनाओं पर रोक लगाई। चोलिस्तान नहर परियोजना का उद्देश्य चोलिस्तान मरुस्थल में सिंचाई की व्यवस्था करना है।
चोलिस्तान मरुस्थल (रोही) के बारे में
- अवस्थिति: यह पाकिस्तान में थार मरुस्थल का पश्चिमी भाग है।
- पृष्ठभूमि: कभी यह क्षेत्र हकरा नदी से सिंचित होता था, लेकिन लगभग 600 ईसा पूर्व में नदी ने अपना मार्ग बदल लिया, जिससे यह क्षेत्र मरुस्थल में तब्दील हो गया।
- ऐतिहासिक महत्त्व: यह क्षेत्र कभी कृषि पर आधारित सिंधु घाटी सभ्यता का हिस्सा था, जहां कृषि आधारित जीवन था। यहां कई मध्यकालीन किले बने थे, जो मरुस्थलीय व्यापार मार्गों की सुरक्षा और सुविधा के लिए बनाए गए थे।
- देरावर किला इन ऐतिहासिक किलों में सबसे अच्छी तरह से संरक्षित उदाहरण है।
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- चोलिस्तान मरुस्थल
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अल्फाल्फा (या लूसर्न)
भारत संयुक्त राज्य अमेरिका से अल्फाल्फा के आनुवंशिक रूप से संशोधित (जीएम) संस्करणों के आयात को प्रतिबंधित करने की तैयारी कर रहा है।
अल्फाल्फा के बारे में
- फैमली: यह फलीदार फैबेसी फैमली में बारहमासी फूल वाला पौधा है।
- पोषण मूल्य: यह प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन (A एवं D) और खनिजों से भरपूर है।
- जलवायु: समशीतोष्ण जलवायु में सूर्य के प्रकाश में सबसे अच्छी वृद्धि करता है।
- उत्पादन: दुनिया में कुल अल्फाल्फा उत्पादन का आधे से अधिक हिस्सा संयुक्त अमेरिका, रूस और अर्जेंटीना में होता है।
- नाइट्रोजन स्थिरीकरण: इसकी जड़ों में पाए जाने वाले सहजीवी बैक्टीरिया मिट्टी की उर्वरता में वृद्धि करते हैं।
- उत्पत्ति: यह शुष्क और अर्ध-शुष्क क्षेत्रों की स्थानिक फसल है। माना जाता है कि इसकी उत्पत्ति वर्तमान ईरान और तुर्की क्षेत्र में हुई।
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एक्सिओम-4 मिशन
इसरो ने एक्सिओम-4 मिशन (एक्स-4) के लिए 7 माइक्रोग्रैविटी शोध प्रयोगों को शॉर्टलिस्ट किया।
- माइक्रोग्रैविटी एक ऐसी स्थिति है, जिसमें लोग या वस्तुएं भार रहित स्थिति में प्रतीत होते हैं।
एक्सिओम-4 मिशन के बारे में
- यह एक्सिओम स्पेस द्वारा संचालित है। यह अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए निजी अंतरिक्ष यात्री मिशन है।
- एक्सिओम स्पेस निजी रूप से वित्त-पोषित, एक अमेरिकी कंपनी है। यह अंतरिक्ष अवसंरचना विकसित करने पर केंद्रित है।
- एक्सिओम मिशन 4 का चालक दल इस वर्ष फ्लोरिडा में NASA के कैनेडी स्पेस सेंटर से स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान पर सवार होकर ISS के लिए रवाना होगा।
- डॉकिंग के बाद, निजी अंतरिक्ष यात्री एक कक्षीय प्रयोगशाला में 14 दिन बिताएंगे। इस दौरान विज्ञान, आउटरीच और वाणिज्यिक गतिविधियों से युक्त मिशन का संचालन किया जाएगा।
- इस मिशन में शुभांशु शुक्ला ISS पर जाने वाले पहले भारतीय होंगे, और राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बन जाएंगे।
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बनारसी शहनाई और बनारसी तबला
बनारसी शहनाई और बनारसी तबले को भौगोलिक संकेतक (GI) टैग प्रदान किया गया।
बनारसी शहनाई के बारे में
- यह एक भारतीय सुषिर वाद्य यंत्र है। यह ओबो वाद्य यंत्र के समान है। इसकी सतह पर सात छेद होते हैं।
- शहनाई का संबंध देश के मंदिर संगीत से है।
- अधिकांश भारतीय विवाहों में शहनाई वादन शुभ माना जाता है।
- इसे वैश्विक पहचान महान शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्लाह खान के माध्यम से मिली।
बनारसी तबले के बारे में
- बनारस तबला घराने का विकास 200 साल पहले सुविख्यात पंडित राम सहाय ने किया था।
- बनारस घराना भारतीय शास्त्रीय संगीत में छह प्रमुख तबला घरानों में से एक है।
- प्रसिद्ध तबला वादक पद्म विभूषण पंडित किशन महाराज हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के बनारस घराने से संबंधित थे।
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- भौगोलिक संकेतक
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