प्रधान मंत्री ने अर्जेंटीना और त्रिनिदाद एवं टोबैगो की यात्रा के बाद ब्राजील का दौरा किया। यह यात्रा लैटिन अमेरिका और कैरेबियाई (LAC) देशों की कूटनीतिक यात्रा का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य ग्लोबल साउथ के साथ संबंधों को मजबूत करना है।
- लैटिन अमेरिकी और कैरिबियाई (LAC) क्षेत्र में मुख्य रूप से तीन क्षेत्र शामिल हैं: दक्षिण अमेरिका, मध्य अमेरिका और कैरिबियाई क्षेत्र। इसमें 40 से अधिक देश शामिल हैं।
भारत तथा लैटिन अमेरिकी और कैरिबियाई (LAC) क्षेत्र: बढ़ती साझेदारी
LAC क्षेत्र के साथ भारत का जुड़ाव आर्थिक संबंधों, ऊर्जा, अवसंरचना और क्षेत्रीय गुटों के साथ रणनीतिक साझेदारी तक फैला हुआ है।
- आर्थिक संबंध
- वर्तमान व्यापार: 2023-24 में भारत और LAC के बीच कुल व्यापार 35.73 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा। इसमें भारत का निर्यात 14.50 बिलियन डॉलर था।
- व्यापार लक्ष्य: भारत का लक्ष्य 2027-28 तक द्विपक्षीय व्यापार को 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक बढ़ाना है।
- निर्यात-आयात: LAC क्षेत्र भारत के लिए आयात का 8वां सबसे बड़ा स्रोत है, जबकि भारत LAC क्षेत्र के लिए 9वां सबसे बड़ा निर्यातक भागीदार है।
- LAC से प्रमुख आयात: मुख्य रूप से खनन और कृषि उत्पाद, जैसे- कच्चा तेल व पेट्रोलियम उत्पाद, मोती एवं कीमती पत्थर तथा वनस्पति तेल।
- LAC को प्रमुख निर्यात: मुख्य रूप से विनिर्मित वस्तुएं, जैसे मोटर वाहन, रासायनिक उत्पाद, खनिज ईंधन आदि।
- व्यापार समझौते: भारत की LAC के साथ विविध व्यापार समझौते/ वार्ताएं चल रहे हैं, जिनमें शामिल हैं:
- MERCOSUR के साथ एक वरीयता व्यापार समझौता (PTA);
- चिली के साथ एक व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता (CEPA);
- पेरू के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) की वार्ता आदि।
- ऊर्जा और अवसंरचना: LAC क्षेत्र सोना, तांबा एवं लिथियम जैसे महत्वपूर्ण खनिजों का एक अहम आपूर्तिकर्ता है।
- क्षेत्रीय गुट: भारत LAC क्षेत्र में प्रमुख क्षेत्रीय गुटों के साथ मजबूत साझेदारी बनाए हुए है, जिनमें शामिल हैं:
- लैटिन अमेरिकी और कैरिबियाई राज्यों का समुदाय (CELAC);
- मध्य अमेरिकी एकीकरण प्रणाली (SICA); तथा
- कैरिबियाई समुदाय (CARICOM)।