सुर्ख़ियों में क्यों?
केंद्रीय भारी उद्योग मंत्रालय ने "प्रधान मंत्री इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवॉल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एनहैंसमेंट (PM E-DRIVE)" योजना को अधिसूचित कर दिया है।
अन्य संबंधित तथ्य
- पी.एम. ई-ड्राइव योजना भारत में फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (FAME-I), 2015 और FAME-II (2019) जैसे पहले के कार्यक्रमों पर आधारित है।
- इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम 2024 (EMPS-2024) को भी इसमें शामिल कर दिया गया है।
- जुलाई, 2024 में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर (e-2W) और इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर (e3W) वाहनों को तेजी से अपनाने के लिए EMPS-2024 लॉन्च किया गया था।
पी.एम. ई-ड्राइव योजना (PM E-DRIVE SCHEME) के बारे में
- उद्देश्य: इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) की खरीद पर अग्रिम आर्थिक प्रोत्साहन प्रदान करके ऐसे वाहनों को अपनाने में तेजी लाना, साथ ही EVs के लिए आवश्यक चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थापना की सुविधा प्रदान करना।
- पर्यावरण पर परिवहन के प्रभाव को कम करना एवं वायु गुणवत्ता में सुधार करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देना भी इसका उद्देश्य है।
- फंड आवंटन: 10,900 करोड़ रुपये
- योजना-अवधि: 2024-26
- लक्ष्य:
- इलेक्ट्रिक-2 व्हीलर, इलेक्ट्रिक-3 व्हीलर और इलेक्ट्रिक-बसों के उपयोग को प्रोत्साहित करना।
- इलेक्ट्रिक-4 व्हीलर के लिए 22,100 फास्ट चार्जिंग प्वाइंट्स, ई-बसों के लिए 1,800 फास्ट चार्जिंग प्वाइंट्स और e2 व्हीलर/ 3 व्हीलर के लिए 48,400 फास्ट चार्जिंग प्वाइंट्स की स्थापना करना।
- नोडल मंत्रालय: भारी उद्योग मंत्रालय
- इस परियोजना की समग्र निगरानी, मंजूरी और कार्यान्वयन के लिए भारी उद्योग मंत्रालय के सचिव की अध्यक्षता में परियोजना कार्यान्वयन और मंजूरी समिति (PISC) का गठन किया गया है। यह अंतर-मंत्रालयी अधिकार प्राप्त समिति है।

योजना के मुख्य बिंदुओं पर एक नज़र
- सब्सिडी: उपभोक्ताओं (खरीदारों/ अंतिम उपयोगकर्ताओं) को कुछ श्रेणियों की इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर सब्सिडी/ मांग आधारित प्रोत्साहन देने का प्रावधान है (इन्फोग्राफिक देखें)।
- इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रारंभिक खरीद मूल्य को कम करने के लिए पी.एम. ई-ड्राइव ऐप/ पोर्टल के माध्यम से इलेक्ट्रिक वाहनों के खरीदारों के लिए आधार नंबर से प्रमाणित ई-वाउचर उपलब्ध कराए जाएंगे।
- भारत सरकार द्वारा सब्सिडी या प्रोत्साहन की राशि मूल उपकरण विनिर्माताओं (OEM) को सीधे तौर उपलब्ध कराई जाएगी।
- प्रस्तावित प्रोत्साहन (बैटरी क्षमता के आधार पर यानी kWh में मापा गया ऊर्जा कंटेंट): e-2W और e-3W श्रेणियों के लिए वित्त वर्ष 2024-25 में 5,000 रुपये प्रति kWh और वित्त वर्ष 2025-26 में 2,500 रुपये प्रति kWh निर्धारित की गई है। दोनों प्रकार के वाहनों के मामले में प्रोत्साहन की ऊपरी सीमा एक्स-फैक्टरी मूल्य के 15% के बराबर होगी।
- इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रारंभिक खरीद मूल्य को कम करने के लिए पी.एम. ई-ड्राइव ऐप/ पोर्टल के माध्यम से इलेक्ट्रिक वाहनों के खरीदारों के लिए आधार नंबर से प्रमाणित ई-वाउचर उपलब्ध कराए जाएंगे।
- पूंजीगत परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए अनुदान: इसमें ई-बसें, इलेक्ट्रिक वाहन पब्लिक चार्जिंग स्टेशनों (EVPCS) के नेटवर्क की स्थापना करना तथा चिन्हित टेस्टिंग एजेंसियों का अपग्रेडेशन शामिल है।
- ई-बसों के लिए सहायता राज्य/ शहर परिवहन उपक्रमों (STUs) के माध्यम से परिचालन व्यय (OPEX)/ सकल लागत अनुबंध (GCC) मॉडल पर प्रदान की जाएगी।
- 2 करोड़ रुपये से कम एक्स-फैक्ट्री कीमत वाली ई-बसों को आर्थिक प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा।
- शुरूआत में EVPCS को चयनित शहरों {जहाँ पर EV को अपनाने की दर अधिक है (मुंबई, दिल्ली, बैंगलोर जैसे देश के 9 बड़े शहर)} और चयनित राजमार्गों पर स्थापित किया जाएगा।
- चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थापना केंद्रीय विद्युत मंत्रालय के "इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थापना और संचालन के लिए दिशा-निर्देश-2024" के अनुसार की जाएगी (बॉक्स देखें)।
- ई-बसों के लिए सहायता राज्य/ शहर परिवहन उपक्रमों (STUs) के माध्यम से परिचालन व्यय (OPEX)/ सकल लागत अनुबंध (GCC) मॉडल पर प्रदान की जाएगी।

- परियोजना प्रबंधन एजेंसी (PMA): इस योजना को PMA के माध्यम से क्रियान्वित किया जाएगा, जो सचिवीय, प्रबंधकीय और कार्यान्वयन संबंधी सहायता प्रदान करने के लिए जिम्मेदार होगी।
- अन्य महत्वपूर्ण विशेषताएं:
- मूल उपकरण विनिर्माताओं (OEMs) और EV चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर/ पब्लिक चार्जिंग स्टेशनों को सरकारी सहायता हेतु पात्र होने के लिए चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम (PMP) का पालन करना होगा।
- योजना के तहत प्रदान की जाने वाली प्रोत्साहन/ अनुदान राशि ऑटोमोबाइल और ऑटो कल-पुर्जा उद्योग के लिए उत्पादन-से-संबद्ध प्रोत्साहन (PLI) योजना (PLI-Auto) और एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल के लिए PLI योजना (PLI-ACC) के तहत प्रदान की जाने वाली प्रोत्साहनों से स्वतंत्र और इसके अतिरिक्त है।
- यह योजना राज्यों को इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाने और बढ़ावा देने के लिए राजकोषीय और गैर-राजकोषीय प्रोत्साहन (जैसे- रोड टैक्स में रियायत, टोल छूट और पार्किंग शुल्क में कटौती, आदि) प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित करती है।
"इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थापना और संचालन के लिए दिशा-निर्देश-2024" के बारे में
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नोट: इलेक्ट्रिक मोबिलिटी एंड इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम के बारे में और अधिक जानकारी के लिए, कृपया जुलाई, 2024 मासिक समसामयिकी में आर्टिकल 3.8. ई-मोबिलिटी और मार्च, 2024 संस्करण में आर्टिकल 3.12. इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम 2024 देखें।

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