प्रधान मंत्री ई-ड्राइव योजना (PM E-Drive Scheme) | Current Affairs | Vision IAS
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    प्रधान मंत्री ई-ड्राइव योजना (PM E-Drive Scheme)

    Posted 01 Jan 2025

    Updated 28 Nov 2025

    1 min read

    सुर्ख़ियों में क्यों? 

    केंद्रीय भारी उद्योग मंत्रालय ने "प्रधान मंत्री इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवॉल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एनहैंसमेंट (PM E-DRIVE)" योजना को अधिसूचित कर दिया है।

    अन्य संबंधित तथ्य

    • पी.एम. ई-ड्राइव योजना भारत में फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (FAME-I), 2015 और FAME-II (2019) जैसे पहले के कार्यक्रमों पर आधारित है।
    • इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम 2024 (EMPS-2024) को भी इसमें शामिल कर दिया गया है।
      • जुलाई, 2024 में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर (e-2W) और इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर (e3W) वाहनों को तेजी से अपनाने के लिए EMPS-2024 लॉन्च किया गया था।

    पी.एम. ई-ड्राइव योजना (PM E-DRIVE SCHEME) के बारे में

    • उद्देश्य: इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) की खरीद पर अग्रिम आर्थिक प्रोत्साहन प्रदान करके ऐसे वाहनों को अपनाने में तेजी लाना, साथ ही EVs के लिए आवश्यक चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थापना की सुविधा प्रदान करना।
      • पर्यावरण पर परिवहन के प्रभाव को कम करना एवं वायु गुणवत्ता में सुधार करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देना भी इसका उद्देश्य है।
    • फंड आवंटन: 10,900 करोड़ रुपये 
    • योजना-अवधि: 2024-26
    • लक्ष्य:
      • इलेक्ट्रिक-2 व्हीलर, इलेक्ट्रिक-3 व्हीलर और इलेक्ट्रिक-बसों के उपयोग को प्रोत्साहित करना।
      • इलेक्ट्रिक-4 व्हीलर के लिए 22,100 फास्ट चार्जिंग प्वाइंट्स, ई-बसों के लिए 1,800 फास्ट चार्जिंग प्वाइंट्स और e2 व्हीलर/ 3 व्हीलर के लिए 48,400 फास्ट चार्जिंग प्वाइंट्स की स्थापना करना।
    • नोडल मंत्रालय: भारी उद्योग मंत्रालय
      • इस परियोजना की समग्र निगरानी, ​​मंजूरी और कार्यान्वयन के लिए भारी उद्योग मंत्रालय के सचिव की अध्यक्षता में परियोजना कार्यान्वयन और मंजूरी समिति (PISC)  का गठन किया गया है। यह अंतर-मंत्रालयी अधिकार प्राप्त समिति है।

    योजना के मुख्य बिंदुओं पर एक नज़र

    • सब्सिडी: उपभोक्ताओं (खरीदारों/ अंतिम उपयोगकर्ताओं) को कुछ श्रेणियों की इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर सब्सिडी/ मांग आधारित प्रोत्साहन देने का प्रावधान है (इन्फोग्राफिक देखें)।
      • इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रारंभिक खरीद मूल्य को कम करने के लिए पी.एम. ई-ड्राइव ऐप/ पोर्टल के माध्यम से इलेक्ट्रिक वाहनों के खरीदारों के लिए आधार नंबर से प्रमाणित ई-वाउचर उपलब्ध कराए जाएंगे।
        • भारत सरकार द्वारा सब्सिडी या प्रोत्साहन की राशि मूल उपकरण विनिर्माताओं (OEM) को सीधे तौर उपलब्ध कराई जाएगी।
      • प्रस्तावित प्रोत्साहन (बैटरी क्षमता के आधार पर यानी kWh में मापा गया ऊर्जा कंटेंट): e-2W और e-3W श्रेणियों के लिए वित्त वर्ष 2024-25 में 5,000 रुपये प्रति kWh और वित्त वर्ष 2025-26 में 2,500 रुपये प्रति kWh निर्धारित की गई है। दोनों प्रकार के वाहनों के मामले में प्रोत्साहन की ऊपरी सीमा एक्स-फैक्टरी मूल्य के 15% के बराबर होगी। 
    • पूंजीगत परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए अनुदान: इसमें ई-बसें, इलेक्ट्रिक वाहन पब्लिक चार्जिंग स्टेशनों (EVPCS) के नेटवर्क की स्थापना करना तथा चिन्हित टेस्टिंग एजेंसियों का अपग्रेडेशन शामिल है।
      • ई-बसों के लिए सहायता राज्य/ शहर परिवहन उपक्रमों (STUs) के माध्यम से परिचालन व्यय (OPEX)/ सकल लागत अनुबंध (GCC) मॉडल पर प्रदान की जाएगी।
        • 2 करोड़ रुपये से कम एक्स-फैक्ट्री कीमत वाली ई-बसों को आर्थिक प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा।  
      • शुरूआत में EVPCS को चयनित शहरों {जहाँ पर EV को अपनाने की दर अधिक है (मुंबई, दिल्ली, बैंगलोर जैसे देश के 9 बड़े शहर)} और चयनित राजमार्गों पर स्थापित किया जाएगा।
      • चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थापना केंद्रीय विद्युत मंत्रालय के "इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थापना और संचालन के लिए दिशा-निर्देश-2024" के अनुसार की जाएगी (बॉक्स देखें)।
    • परियोजना प्रबंधन एजेंसी (PMA): इस योजना को PMA के माध्यम से क्रियान्वित किया जाएगा, जो सचिवीय, प्रबंधकीय और कार्यान्वयन संबंधी सहायता प्रदान करने के लिए जिम्मेदार होगी। 
    • अन्य महत्वपूर्ण विशेषताएं:
      • मूल उपकरण विनिर्माताओं (OEMs) और EV चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर/ पब्लिक चार्जिंग स्टेशनों को सरकारी सहायता हेतु पात्र होने के लिए चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम (PMP) का पालन करना होगा।
      • योजना के तहत प्रदान की जाने वाली प्रोत्साहन/ अनुदान राशि ऑटोमोबाइल और ऑटो कल-पुर्जा उद्योग के लिए उत्पादन-से-संबद्ध प्रोत्साहन (PLI) योजना (PLI-Auto) और एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल के लिए PLI योजना (PLI-ACC) के तहत प्रदान की जाने वाली प्रोत्साहनों से स्वतंत्र और इसके अतिरिक्त है। 
      • यह योजना राज्यों को इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाने और बढ़ावा देने के लिए राजकोषीय और गैर-राजकोषीय प्रोत्साहन (जैसे- रोड टैक्स में रियायत, टोल छूट और पार्किंग शुल्क में कटौती, आदि) प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित करती है।  

    "इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थापना और संचालन के लिए दिशा-निर्देश-2024" के बारे में

    • उद्देश्य: चार्जिंग स्टेशनों को सुरक्षित, विश्वसनीय और सुलभ बनाकर इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना, आदि।
    • इन दिशा-निर्देशों की मुख्य विशेषताएं:
      • कार्यान्वयन तंत्र: ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) दिशा-निर्देशों के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए केंद्रीय नोडल प्राधिकरण के रूप में कार्य करेगा।
      • कवरेज: ये दिशा-निर्देश निम्नलिखित पर लागू होंगे:
        • सार्वजनिक स्थान: वाणिज्यिक परिसर, रेलवे स्टेशन, पेट्रोल पंप, हवाई अड्डे, मेट्रो स्टेशन, आदि।
        • निजी स्थान: ऑफिस बिल्डिंग, शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल, आदि।
      • पब्लिक चार्जिंग स्टेशनों (PCS) के लिए सार्वजनिक भूमि का प्रावधान:
        • सरकार/ सार्वजनिक संस्थाएं पब्लिक चार्जिंग स्टेशन की स्थापना के लिए सरकारी/ सार्वजनिक/ निजी संस्था को रियायती दर पर भूमि प्रदान करेंगी।
        • यह रेवेन्यू-शेयरिंग मॉडल पर आधारित होगा, जहां जमीन के मालिकाना हक वाली एजेंसी को चार्जिंग के लिए इस्तेमाल की जाने वाली बिजली एक रुपया प्रति kWh की दर से मिलेगी।
      • पब्लिक चार्जिंग स्टेशन की अवस्थिति:
        • 2030 तक, शहरी क्षेत्रों में 1 कि.मी. x 1 कि.मी. ग्रिड के भीतर कम-से-कम एक चार्जिंग स्टेशन होना चाहिए।
        • राजमार्गों के साथ, कम रेंज वाले EV वाहनों/ e-कारों के लिए हर 20 कि.मी. तथा बसों और ट्रकों जैसे लंबी दूरी और भारी वाहनों के लिए हर 100 कि.मी. पर चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। 
      • केंद्रीकृत प्लेटफ़ॉर्म: ऊर्जा दक्षता ब्यूरो तथा राज्य नोडल एजेंसियों (SNA) के सहयोग से देश भर के पब्लिक चार्जिंग स्टेशन का एक राष्ट्रीय डेटाबेस बनाया जाएगा।
      • अन्य:
        • सभी इलेक्ट्रिक वाहनों से संबंधित सभी उपकरण भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के मानकों के अनुरूप होंगे।
        • इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग के लिए नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए, दिन के समय (सोलर ऑवर) कम प्रशुल्क लगाया जाएगा।
        • साथ ही, चार्जिंग स्टेशनों पर बिजली की लागत मार्च, 2028 तक 'आपूर्ति की औसत लागत' से अधिक नहीं होगी।

    नोट: इलेक्ट्रिक मोबिलिटी एंड इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम के बारे में और अधिक जानकारी के लिए, कृपया जुलाई, 2024  मासिक समसामयिकी में आर्टिकल 3.8. ई-मोबिलिटी और  मार्च, 2024 संस्करण में आर्टिकल 3.12. इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम 2024 देखें।

    संबंधित सुर्ख़ियां: पी.एम. ई-बस सेवा-भुगतान सुरक्षा तंत्र (PM-eBus Sewa-Payment Security Mechanism: PSM)

    • केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक परिवहन प्राधिकरणों (PTAs) द्वारा ई-बसों की खरीद और संचालन के लिए पी.एम.-ई-बस सेवा-भुगतान सुरक्षा तंत्र (PSM) योजना को मंजूरी दी है।
    • योजना की मुख्य विशेषताएं:
      • यह योजना वित्त वर्ष 2024-25 से वित्त वर्ष 2028-29 तक 38,000 से अधिक इलेक्ट्रिक बसों (ई-बसों) का परिचालन शुरू करने का समर्थन करेगी।
      • ऐसी बसों के संचालन की तारीख से 12 साल तक की अवधि तक आर्थिक समर्थन दिया जाएगा।
      • सकल लागत अनुबंध (GCC) मॉडल पर सार्वजनिक-निजी भागीदारी:
        • सार्वजनिक परिवहन प्राधिकरणों को बस की अग्रिम लागत का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है।
        • मूल उपकरण विनिर्माता (OEM)/ ऑपरेटर, मासिक भुगतान के साथ सार्वजनिक परिवहन प्राधिकरणों के लिए ई-बसों की खरीद और संचालन करेंगे।
        • एक समर्पित फंड के माध्यम से OEM/ ऑपरेटरों को समय पर भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा।
    • कार्यान्वयन एजेंसी: कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड (CESL)
    • Tags :
    • PM E-DRIVE
    • EMPS-2024
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