ग्राफीन (Graphene) | Current Affairs | Vision IAS
मेनू
होम

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के लिए प्रासंगिक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विकास पर समय-समय पर तैयार किए गए लेख और अपडेट।

त्वरित लिंक

High-quality MCQs and Mains Answer Writing to sharpen skills and reinforce learning every day.

महत्वपूर्ण यूपीएससी विषयों पर डीप डाइव, मास्टर क्लासेस आदि जैसी पहलों के तहत व्याख्यात्मक और विषयगत अवधारणा-निर्माण वीडियो देखें।

करंट अफेयर्स कार्यक्रम

यूपीएससी की तैयारी के लिए हमारे सभी प्रमुख, आधार और उन्नत पाठ्यक्रमों का एक व्यापक अवलोकन।

ESC

ग्राफीन (Graphene)

01 Jan 2025
1 min

सुर्ख़ियों में क्यों?

हाल ही में, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने विकसित भारत@2047 के विजन के तहत इंडिया ग्राफीन इंजीनियरिंग एंड इनोवेशन सेंटर (IGEIC) का शुभारंभ किया है। 

इंडिया ग्राफीन इंजीनियरिंग एंड इनोवेशन सेंटर (IGEC) के बारे में

  • यह कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 8 के तहत पंजीकृत एक गैर-लाभकारी उद्देश्यों वाली कंपनी है।
  • उद्देश्य: इसे विशेष रूप से ग्राफीन तकनीक के वाणिज्यिक उपयोग को बढ़ावा देने के लिए एक उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने हेतु गठित किया गया है। 
  • फोकस एरिया: इसमें इलेक्ट्रॉनिक्स और ऊर्जा भंडारण से लेकर स्वास्थ्य सेवा के अलावा मटेरियल कोटिंग एवं परिवहन प्रणालियों तथा सस्टेनेबल मटेरियल का विकास करना शामिल हैं।  
  • तिरुअनंतपुरम (केरल) में अनुसंधान एवं विकास केंद्र स्थापित किया गया है।
  • बेंगलुरु (कर्नाटक) में कॉर्पोरेट एवं बिजनेस डेवलपमेंट सेंटर स्थापित किया गया है। 

ग्राफीन क्या होता है?

  • ग्राफीन की खोज 2004 में आंद्रे गीम और कांस्टैंटिन नोवोसेलोव ने की थी। इसके लिए उन्हें 2010 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार भी दिया गया था। यह कार्बन का एक अपरूप और ग्रेफाइट का बिल्डिंग-ब्लॉक है। ग्रेफाइट का उपयोग पेंसिल बनाने में किया जाता है। 
  • यह कार्बन परमाणुओं की एकल परत (द्विआयामी) होती है, जो सघन रूप से षट्कोणीय मधुमक्खी के छत्ते जैसी संरचना में व्यवस्थित होती है।
  • ग्राफीन शीट के संश्लेषण के तरीके: इसमें केमिकल वेपर डिपोजिशन (CVD), प्राकृतिक ग्रेफाइट का विखंडन, मैकेनिकल एक्सफोलिएशन, हाइड्रोजन आर्क डिस्चार्ज, आदि शामिल है।
  • इसे असाधारण इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक गुणों के कारण एक अद्भुत सामग्री (Wonder material) कहा जाता है।

ग्राफीन के गुणधर्म के बारे में 

  • मजबूती: यह स्टील से 200 गुना अधिक मजबूत होता है, जबकि इसका वजन स्टील के 1/6 हिस्से के बराबर ही होता है। 
  • ऑप्टिकल पारदर्शिता: यह केवल 2.3% प्रकाश को अवशोषित करता है। इस विशेषता के कारण, यह पारदर्शी टचस्क्रीन, सौर सेल, और डिस्प्ले प्रौद्योगिकियों के लिए एक आदर्श सामग्री है।
  • उच्च तापीय चालकता: कमरे के तापमान पर ग्राफीन की तापीय चालकता 5000 W/m/K तक होती है, जो कि अधिकांश अन्य सामग्रियों की तुलना में बहुत अधिक है। 
  • अपारगम्य/ अभेद्यता: यह गैसों के लिए अभेद्य है, यहां तक कि हाइड्रोजन और हीलियम जैसी हल्की गैसों के लिए भी।
  • क्वांटम गुण: ग्राफीन में क्वांटम हॉल प्रभाव संभवतः मेट्रोलॉजी, क्वांटम कंप्यूटिंग और एडवांस्ड इलेक्ट्रॉनिक्स में भी योगदान दे सकता है। 

ग्राफीन के संभावित उपयोग 

  • इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग: सिलिकॉन की तुलना में अधिक मजबूती और ऊर्जा दक्षता के कारण, इसका उपयोग ग्राफीन-आधारित अर्धचालकों को विकसित करने के लिए किया जा सकता है।
  • ऊर्जा भंडारण: ग्राफीन का पृष्ठीय क्षेत्रफल काफी अधिक (2630 m²/g) होता है, जो इसे बैटरी और सुपरकैपेसिटर जैसे ऊर्जा भंडारण उपकरणों के लिए उपयोगी बनाता है।
  • वॉटर फिल्ट्रेशन प्रौद्योगिकी: वॉटर फिल्ट्रेशन तकनीक में, ग्राफीन नैनोपोरस मेमब्रेन्स का उपयोग जल के विलवणीकरण और फिल्ट्रेशन के लिए किया जा सकता है। ग्राफीन नैनोपोरस मेमब्रेन्स के छिद्रों के आकार और फिल्ट्रेशन के दौरान लगाए जाने वाले दाब के अनुसार इसकी दक्षता 33% से 100% तक हो सकती है।
  • पर्यावरण: यह देखा गया है कि ग्राफीन अपने से 600 गुना भारी तरल पदार्थ को भी अवशोषित कर सकता है।
    • इसके अतिरिक्त, ग्राफीन इथेनॉल, जैतून के तेल, नाइट्रोबेंजीन, एसीटोन और डाइमिथाइल सल्फोक्साइड को भी अवशोषित कर सकता है। 
  • बायोमेडिकल: इसका ऑक्सीकृत रूप ग्राफीन ऑक्साइड (GO) कहलाता है। इसमें कम सायटोटॉक्सिसिटी (कोशिकाओं पर विषैला प्रभाव) होती है, जिससे यह चिकित्सा के विभिन्न उपयोगों के लिए उपयुक्त हो जाता है। 
    • उदाहरण के लिए, टिशू इंजीनियरिंग, दवा/ जीन डिलीवरी, फोटोथेरेपी, कोशिकीय वृद्धि और विभेदन, बायोसेंसर, बायो-इमेजिंग, कैंसर या अन्य रोगों का पता लगाना, आदि। 
  • रक्षा एवं सुरक्षा: ग्राफीन की असाधारण मजबूती इसे कवच और बैलिस्टिक सुरक्षा के लिए एक बेहतर सामग्री बनाती है।

वैश्विक परिदृश्य

  • ग्राफीन अनुसंधान में अग्रणी देश चीन, अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, दक्षिण कोरिया, रूस और सिंगापुर हैं।
  • चीन और ब्राजील ग्राफीन के वाणिज्यिक उत्पादन में वैश्विक स्तर पर अग्रणी देश हैं। 
  • भारत की तुलना में चीन लगभग 20 गुना अधिक ग्राफीन का उत्पादन करता है।

ग्राफीन से जुड़ी चुनौतियां

  • मानव स्वास्थ्य जोखिम: कुछ अध्ययनों से यह सिद्ध हुआ है कि ग्राफीन ऑक्साइड और ग्राफीन की विषाक्तता मानव की कोशिका झिल्ली के सीधे संपर्क में आने के बाद लिपिड झिल्ली को नष्ट कर देते हैं, जो बहुत खतरनाक साबित हो सकता है। 
  • उच्च उत्पादन लागत: इनके कारण ग्राहक आधार सीमित हो जाता है और इसके लिए बाजार का विकास भी बाधित होता है। इसलिए विशेष रूप से मूल्य-संवेदनशील क्षेत्रों में इसे व्यापक रूप से अपनाए जाने की संभावना कम हो जाती है। 
  • बैंड गैप की समस्या: ग्राफीन में बैंड गैप की कमी होती है, जिससे इसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में उपयोग करना मुश्किल हो जाता है। अर्धचालक सामग्री में बैंड गैप होना जरूरी होता है ताकि उसे चालू और बंद किया जा सके।   
  • सीमित उत्पादन: ग्राफीन का उत्पादन सीमित है और वर्षों तक इसे केवल सीमित मात्रा में ही उत्पादित किया गया था। हालांकि, ग्राफीन का बड़े पैमाने पर उत्पादन करने का एक तरीका है, लेकिन अंतिम उत्पाद की गुणवत्ता आमतौर पर खराब होती है। 

ग्राफीन को बढ़ावा देने के लिए भारत में की गई पहलें

  • ग्राफीन-ऑरोरा कार्यक्रम: इसे स्टार्टअप और उद्योगों को पूर्ण सुविधा प्रदान करके अनुसंधान एवं विकास तथा वाणिज्यीकरण के बीच के अंतराल को समाप्त करने हेतु शुरू किया गया है। 
  • इंडिया इनोवेशन सेंटर फॉर ग्राफीन (IICG): इसे केरल में स्थापित किया गया है। यह डिजिटल यूनिवर्सिटी ऑफ केरल, सेंटर फॉर मटेरियल्स फॉर इलेक्ट्रॉनिक्स टेक्नोलॉजी (C-MET) और टाटा स्टील लिमिटेड का एक संयुक्त उद्यम है, जिसे MeitY द्वारा वित्त-पोषित किया गया है।
  • अनुसंधान संस्थान: IIT रुड़की द्वारा इनक्यूबेटेड "लॉग 9" ने ग्राफीन आधारित अल्ट्राकैपेसिटर के लिए एक प्रौद्योगिकी का पेटेंट कराया है। नैनो एवं मृदु पदार्थ विज्ञान केन्द्र (CeNS) ग्राफीन अनुसंधान में सक्रिय रूप से शामिल है।

निष्कर्ष

नि:संदेह मौजूदा शोध से ग्राफीन कंपोजिट, हाइब्रिड मटेरियल्स और स्केलेबल प्रोसेसिंग तकनीकों में नवाचारों को बढ़ावा मिल रहा है। जैसे-जैसे ये प्रयास विकसित होंगे, ग्राफीन एक अत्यंत महत्वपूर्ण मटेरियल बन सकता है। इससे कई क्षेत्रकों में हाई-परफॉर्मेंस उपकरणों, ऊर्जा दक्षता और संधारणीय प्रौद्योगिकियों में सफलता मिल सकती है।

Explore Related Content

Discover more articles, videos, and terms related to this topic

Title is required. Maximum 500 characters.

Search Notes

Filter Notes

Loading your notes...
Searching your notes...
Loading more notes...
You've reached the end of your notes

No notes yet

Create your first note to get started.

No notes found

Try adjusting your search criteria or clear the search.

Saving...
Saved

Please select a subject.

Referenced Articles

linked

No references added yet

Subscribe for Premium Features