सुर्ख़ियों में क्यों?
हाल ही में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आयुष्मान भारत-प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) के तहत वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य कवर को मंजूरी दी है।
योजना के विस्तार से संबंधित विवरण
- पात्रता मानदंड: 70 वर्ष या उससे अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिक इस योजना के पात्र होंगे, चाहे उनकी आय कुछ भी हो।
- इस योजना से लगभग 6 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को लाभ मिलेगा।
- दिए जाने वाले लाभ: वरिष्ठ नागरिकों को सालाना 5 लाख रुपये का परिवार आधारित स्वास्थ्य कवर मिलेगा।
- जो लोग पहले से ही AB-PMJAY के तहत शामिल हैं, उन्हें अपने परिवार के मौजूदा कवर से अलग, सालाना 5 लाख रुपये का अतिरिक्त टॉप-अप मिलेगा।
- आसान एक्सेस: पात्र वरिष्ठ नागरिकों को अलग से एक कार्ड जारी किया जाएगा।
- अन्य प्रमुख विशेषताएं:
- अन्य लोक स्वास्थ्य बीमा योजनाओं का लाभ उठा रहे वरिष्ठ नागरिक या तो अपनी मौजूदा योजना या AB PM-JAY को चुन सकते हैं।
- निजी स्वास्थ्य बीमा या कर्मचारी राज्य बीमा योजनाओं के अंतर्गत आने वाले वरिष्ठ नागरिक भी AB PM-JAY लाभ के लिए पात्र हैं।

आयुष्मान भारत प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना (2018) के बारे में
- मंत्रालय: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय
- योजना का प्रकार: आयुष्मान भारत मिशन के तहत केंद्र प्रायोजित योजना।
- योजना की पृष्ठभूमि: PM-JAY को पहले राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (NHPS) के रूप में जाना जाता था।
- इसमें 2008 में शुरू की गई राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (RSBY) को भी शामिल कर लिया गया है।
- योजना का उद्देश्य: इसका उद्देश्य गरीब और कमजोर समूहों पर गंभीर बीमारियों के कारण अस्पताल में अधिक खर्चे से उत्पन्न होने वाले वित्तीय बोझ को कम करना और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं तक उनकी पहुँच सुनिश्चित करना है।
- सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (UHC) को प्राप्त करना भी इसका एक उद्देश्य है।
- योजना का लक्ष्य: इसमें 12 करोड़ परिवारों (लगभग 55 करोड़ लाभार्थी) को शामिल किया गया है। इसमें आबादी के सबसे गरीब 40% लोगों को प्राथमिकता दी गई है।
- वित्त-पोषण: यह केंद्र और राज्य सरकार द्वारा शत प्रतिशत वित्त-पोषित योजना है।
- केंद्र और राज्य द्वारा वित्त-पोषण का अनुपात 60:40 है। हालांकि, पूर्वोत्तर राज्यों और दो हिमालयी राज्यों- हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड तथा जम्मू और कश्मीर (वर्तमान में केंद्र शासित प्रदेश) के लिए यह अनुपात 90:10 है।
- बिना विधान-मंडल वाले केंद्र शासित प्रदेशों के लिए केंद्र का हिस्सा 100% है, जबकि विधान-मंडल वाले केंद्र शासित प्रदेशों के लिए योगदान का अनुपात 60:40 है।
- कार्यान्वयन एजेंसियां: इसका कार्यान्वयन राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) द्वारा किया जा रहा है। NHA एक स्वायत्त निकाय है, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री द्वारा की जाती है।
- राज्य: राज्य सरकार द्वारा नियुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी की अध्यक्षता में राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण इसका कार्यान्वयन करता है।
- जिला: जिला स्तर पर इसका कार्यान्वयन जिला कार्यान्वयन इकाई (DIU) द्वारा किया जाता है, जिसकी अध्यक्षता जिले का DC/ DM/ कलेक्टर करता है।
- लाभार्थी: सामाजिक-आर्थिक जातिगत जनगणना-2011 (SECC-2011) के माध्यम से पहचाने गए परिवार इसके लाभार्थी हैं।
- साथ ही, वे परिवार भी इसके लाभार्थी होंगे, जो राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत आते थे, लेकिन SECC-2011 का हिस्सा नहीं थे।
आयुष्मान भारत प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना के प्रमुख घटक
- आयुष्मान आरोग्य मंदिरों की स्थापना (AAM): इसके तहत 1,50,000 AAM की स्थापना की जाएगी। ये पूर्व में आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र (AB-HWCs) के रूप में स्थापित थे। इसका उद्देश्य लोगों को ऐसी व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना है, जो सार्वभौमिक और निःशुल्क होगी।

- इसके तहत मातृ और शिशु स्वास्थ्य सेवाओं के अलावा गैर-संचारी रोगों, पैलिएटिव और रिहैबिलिटेशन स्वास्थ्य सेवाओं, ओरल, नेत्र और ENT देखभाल, मानसिक स्वास्थ्य आदि के लिए एक्सटेंड सर्विसेस प्रदान करने कल्पना की गई है।
- प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY): इसके तहत द्वितीयक और तृतीयक स्वास्थ्य देखभाल के लिए अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति में 5 लाख रुपये/ परिवार प्रति वर्ष का स्वास्थ्य कवर प्रदान किया जाता है।
- इसके तहत अस्पताल में भर्ती होने से पहले के 3 दिनों तक और अस्पताल में भर्ती होने के बाद के 15 दिनों तक के खर्च को भी कवर किया जाता है।
- इसके तहत अस्पताल की सभी स्वास्थ्य सेवाएं कैशलेस और पेपरलेस रखी गई हैं।
- इसमें परिवार के आकार, व्यक्ति की आयु या जेंडर से संबंधित कोई प्रतिबंध नहीं है।
- इसमें एनरोलमेंट के पहले दिन से ही पहले से मौजूद सभी बीमारियों को कवर किया जाता है।
- इस योजना के तहत राष्ट्रव्यापी पोर्टेबिलिटी की सुविधा है अर्थात् लाभार्थी देश के किसी भी सूचीबद्ध सार्वजनिक या निजी अस्पताल में इलाज करा सकते हैं।

आयुष्मान भारत प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना से जुड़ी चिंताएं/ चुनौतियां (CAG रिपोर्ट, 2023 के अनुसार)
- लाभार्थी डेटाबेस में त्रुटियां: सत्यापन की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने के कारण लाभार्थी डेटाबेस में कई त्रुटियां देखी गईं हैं। उदाहरण के लिए- फर्जी नाम, अवास्तविक जन्म तिथि, डुप्लिकेट PMJAY आईडी, एक घर में परिवार के सदस्यों की अवास्तविक संख्या, आदि।
- उदाहरण के लिए- तमिलनाडु में, सात आधार नबंर पर 4,761 पंजीकरण किए गए थे।
- खराब बुनियादी ढांचा: कुछ सूचीबद्ध स्वास्थ्य सेवा प्रदाता (EHCPs) सपोर्ट सिस्टम और बुनियादी ढाँचे के न्यूनतम मानदंडों को भी पूरा नहीं करते हैं। साथ ही, ये EHCPs निर्धारित गुणवत्ता मानकों तथा मानदंडों का भी पालन नहीं करते हैं।
- वित्तीय अनियमितताएं:
- इसमें प्रीऑथराइज़ेशन (उपचार के लिए भुगतानकर्ता से पहले से अनुमति लेना) से पहले भर्ती होना, योजना की शुरुआत से पहले के खर्च को जोड़ना, रोगी की अस्पताल से छुट्टी के बाद सर्जरी, दावों के सबमिशन से पहले भुगतान, तिथियों की अनुपलब्धता/ अवैध तिथियाँ, अपर्याप्त सत्यापन, आदि शामिल हैं।
- कई सरकारी अस्पतालों ने PMJAY से प्राप्त पैसे का उपयोग योजना के तहत निर्धारित उद्देश्य के लिए नहीं किया है।
- कार्यान्वयन में देरी: इसमें अस्पतालों द्वारा दावे प्रस्तुत करने में देरी, प्रीऑथराइज़ेशन की मंजूरी, शिकायतों का देरी से समाधान, आदि शामिल हैं।
- मास्टर डेटा की अनुपस्थिति: यह समस्या डेटा को बनाए रखने के लिए सामान्य प्रारूप की कमी के कारण उत्पन्न हो रही है।
निष्कर्ष
आयुष्मान भारत प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना ने लाखों लोगों को आवश्यक कवरेज प्रदान करके और चिकित्सा व्यय से जुड़े वित्तीय बोझ को कम कर स्वास्थ्य सेवा परिदृश्य को काफ़ी अधिक बदल दिया है। इसके कार्यान्वयन को अक्षरशः सुनिश्चित करने के लिए NHA द्वारा कुशल सत्यापन प्रक्रिया, बेहतर बुनियादी ढांचा, अस्पतालों की जियो-टैगिंग, नियमित सत्यापन जैसे और अधिक सक्रिय कदम उठाने होंगे।