धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (Dharti Aaba Janjatiya Gram Utkarsh Abhiyan) | Current Affairs | Vision IAS
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    धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (Dharti Aaba Janjatiya Gram Utkarsh Abhiyan)

    Posted 01 Jan 2025

    Updated 28 Nov 2025

    2 min read

    सुर्ख़ियों में क्यों?

    हाल ही में, प्रधान मंत्री ने जनजातीय समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों में सुधार के लिए "धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान" का शुभारंभ किया। इसे प्रधान मंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान (PM-JUGA) के रूप में भी जाना जाता है।

    भारत में जनजातियों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति

    जनसांख्यिकीय स्थिति

    मानव पूंजी की स्थिति

    • जनसंख्या: 2011 की जनगणना के अनुसार अनुसूचित जनजातियों की आबादी 10.45 करोड़ (8.6%) है। इसमें 75 विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूह (PVTGs) भी शामिल हैं, जो ज़्यादातर दूर-दराज के और दुर्गम क्षेत्रों में रहते हैं।
    • सामाजिक-आर्थिक स्थिति: दो-तिहाई से ज़्यादा जनजातीय लोग प्राथमिक क्षेत्रक में काम कर रहे हैं।
      • कुल मिलाकर, अनुसूचित जनजातियों की 40.6% आबादी गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रही है।
    • आवश्यक सुविधाओं तक पहुँच की कमी: अनुसूचित जनजातियों के क्षेत्रों में 44% ग्रामीण परिवारों के पास अब तक नल कनेक्शन नहीं है।
    • जनसांख्यिकी: इनकी जनसंख्या का लगभग 90% हिस्सा ग्रामीण, पहाड़ी और वन क्षेत्रों में निवास करता है।
      • प्रजनन क्षमता: प्रजनन दर घट रही है।
        • कुल प्रजनन दर: 2.5 है, जो कि प्रतिस्थापन स्तर 2.1 के करीब है।
      • लिंगानुपात: जनजातीय समुदायों में लिंगानुपात 1000:990 है। इस तरह अनुसूचित जनजातियों के बीच लिंगानुपात अखिल भारतीय औसत 933 से बेहतर है। 
        • बाल लिंग अनुपात: यह 2001 के 972 से घटकर 2011 में 957 हो गया।
    • शिक्षा: आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) रिपोर्ट (2021-2022) से पता चलता है कि अनुसूचित जनजाति आबादी की साक्षरता दर बढ़कर 72.1% हो गई है।
      • अनुसूचित जनजाति के केवल 35% लोगों ने प्राथमिक शिक्षा प्राप्त की है, जबकि 2% से भी कम लोगों ने उच्चतर शिक्षा प्राप्त की है।
      • सकल नामांकन अनुपात (GER):
        • उच्चतर प्राथमिक स्तर पर: यह 2013-14 के 91.3 से बढ़कर 2021-22 में 98 हो गया। 
        • उच्चतर शिक्षा के स्तर पर: यह 2014-15 के 13.7 से बढ़कर  2020-21 में 18.9 हो गया। 
    • स्वास्थ्य: अनुसूचित जनजाति के लोगों की जीवन प्रत्याशा 63.9 वर्ष है, जबकि औसत आबादी की जीवन प्रत्याशा  67 वर्ष है। 
    • कम वजन का प्रतिशत: यह पाँच वर्ष से कम आयु में 2005-06 में 54.5 था, जो घटकर 2015-16 में 45.3 हो गया। 
    • संस्थागत प्रसव: यह 2005-06 के 17.7% से बढ़कर 2019-21 में 82.3% हो गया। 
    • शिशु मृत्यु दर: यह 2005-06 के 62.1 से घटकर 2019-21 में 41.6 हो गई। 
    • बीमारियों का तिहरा बोझ: कुपोषण और मलेरिया व टीबी जैसी संक्रामक बीमारियां, कैंसर, उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसी गैर-संचारी बीमारियां तथा मानसिक बीमारियां और विशेष रूप से नशे की लत आदि देखी जा रही हैं। 
      • कुपोषण: NFHS-4 में ठिगनापन (Stunting), दुबलापन (Wasting) और कम वज़न (Underweight) की व्यापकता क्रमशः 43.8%, 27.4% और 45.3% थी, जो NFHS-5 में क्रमशः 40.9%, 23.2% और 39.5% हो गई है। 
      • टीबी: अनुमानित रूप से प्रति 1,00,000 आबादी में टीबी के 703 मामले थे, जबकि गैर-जनजातीय आबादी में इसके 256 मामले थे। 
    • आनुवंशिक विकार: प्रत्येक 86 जन्मों में से 1 में  सिकल सेल रोग (SCD) पाया जाता है। अन्य प्रचलित आनुवंशिक विकारों में थैलेसीमिया और ग्लूकोज़-6-फॉस्फेट डिहाइड्रोजनेज (G6PD) की कमी शामिल हैं। 
    • बुनियादी ढांचा: 31 मार्च, 2015 तक अखिल भारतीय स्तर पर, अनुसूचित जनजातियों के क्षेत्रों में 6,796 स्वास्थ्य उप-केंद्र, 1,267 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 309 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की कमी थी। 

    योजना की प्रमुख विशेषताएं

    • उद्देश्य:  इसका उद्देश्य जनजातीय बहुल गांवों और आकांक्षी जिलों में जनजातीय परिवारों तक सुविधाओं की 100% पहुँच सुनिश्चित करके जनजातीय समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार लाना है।
      • इसमें अलग-अलग योजनाओं के एकीकरण और लोगों तक पहुँच द्वारा सामाजिक बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, शिक्षा, आजीविका में अंतराल को समाप्त करने की परिकल्पना की गई है। 
      • इसका उद्देश्य PMJANMAN (प्रधान मंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान) से प्राप्त सीख और सफलता के आधार पर जनजातीय क्षेत्रों एवं समुदायों का समग्र और सतत विकास सुनिश्चित करना है। 
    • वित्त पोषण: इसका कुल परिव्यय 79,156 करोड़ रुपये है। इसमे केंद्र सरकार का योगदान 56,333 करोड़ रुपये और राज्यों का योगदान 22,823 करोड़ रुपये है। 
    • कवरेज: इसमें लगभग 63,000 गांवों को शामिल किया जाएगा, जिससे 5 करोड़ से अधिक जनजातीय आबादी को लाभ होगा। 
      • इसमें 30 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के सभी जनजातीय बहुल गांवों वाले 549 जिलों और 2,740 ब्लॉक्स को शामिल किया जाएगा। 
    • मिशन के घटक: इसमें 25 योजनाएं शामिल हैं, जिन्हें 17 मंत्रालयों द्वारा कार्यान्वित किया जाएगा। 
      • इसके तहत अगले 5 वर्षों में अनुसूचित जनजातियों के लिए विकास कार्य योजना (DAPST) के तहत मंत्रालयों को धन आवंटित किया जाएगा। 
        • इसमें साक्षरता, स्वास्थ्य, कौशल विकास, शिक्षा, आजीविका, कृषि आदि से संबंधित 200 से अधिक योजनाएं शामिल हैं। 
    • मैपिंग और निगरानी: इस अभियान के तहत शामिल जनजातीय आबादी वाले गांवों का मानचित्रण किया जाएगा और पी.एम. गति शक्ति पोर्टल के माध्यम से उनकी निगरानी की जाएगी। 

    मिशन के तहत लक्ष्य

    लक्ष्य-1: सक्षमकारी बुनियादी ढांचे का विकास करना 

    • पात्र परिवारों के लिए अन्य सुविधाओं के साथ-साथ पक्का घर: 
      • अनुसूचित जनजाति के परिवारों को प्रधान मंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत पक्का आवास मिलेगा। इसमें नल से जल (जल जीवन मिशन) और बिजली आपूर्ति की उपलब्धता शामिल होगी। 
      • अनुसूचित जनजाति के पात्र परिवारों को आयुष्मान भारत कार्ड (पी.एम. जन आरोग्य योजना) तक भी पहुंच होगी।
    • गांव के बुनियादी ढांचे में सुधार को बढ़ावा:  
      • अनुसूचित जनजाति बहुल गांवों में हर मौसम में सड़क संपर्क सुनिश्चित करना (प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना), 
      • मोबाइल कनेक्टिविटी (भारत नेट) और इंटरनेट तक पहुंच प्रदान करना, 
      • स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा में सुधार के लिए बुनियादी ढांचा (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, समग्र शिक्षा और पोषण)। 

    लक्ष्य-2: आर्थिक सशक्तीकरण को बढ़ावा 

    • कौशल विकास, उद्यमिता संवर्धन और उन्नत आजीविका (स्व-रोजगार):
      • प्रशिक्षण तक पहुँच (कौशल भारत मिशन/ JSS) प्रदान करना और यह सुनिश्चित करना कि अनुसूचित जनजाति से संबंधित लड़के/ लड़कियों को हर साल 10वीं/ 12वीं कक्षा के बाद दीर्घकालिक कौशल पाठ्यक्रमों तक पहुँच सुनिश्चित हो सके। 
      • जनजातीय बहुउद्देशीय विपणन केंद्र (TMMC) के माध्यम से विपणन सहायता देना, 
      • टूरिस्ट होम स्टे, और 
      • FRA (वन अधिकार अधिनियम) के तहत पट्टा धारकों के लिए कृषि, पशुपालन और मत्स्य पालन से संबंधित सहायता प्रदान की जाएगी।

    लक्ष्य-3: अच्छी शिक्षा तक पहुंच का सार्वभौमीकरण

    • स्कूल और उच्चतर शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात (GER) को बढ़ाकर राष्ट्रीय स्तर तक पहुँचाया जाना है। 
    • जिला/ ब्लॉक स्तर पर स्कूलों में जनजातीय छात्रावासों की स्थापना करके जनजातीय छात्रों के लिए सस्ती और सुलभ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना (समग्र शिक्षा अभियान)। 

    लक्ष्य-4: स्वस्थ जीवन और सम्मानजनक वृद्धावस्था

    • अनुसूचित जनजाति के परिवारों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाओं तक बेहतर पहुँच सुनिश्चित करना, 
    • शिशु मृत्यु दर (IMR), मातृ मृत्यु दर (MMR) में कमी कर राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित लक्ष्य तक पहुँचना, 
    • जिन क्षेत्रों में स्वास्थ्य उपकेंद्र 10 किलोमीटर (मैदानी क्षेत्रों) और 5 किलोमीटर (पहाड़ी क्षेत्रों) से अधिक दूर हैं, वहां मोबाइल चिकित्सा यूनिट्स के माध्यम से टीकाकरण की सुविधा दी जाएगी। (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन)।

    प्रधान मंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान (PM-JUGA) के तहत शुरू की गई नई योजनाएं

    • ट्राइबल होम स्टे: पर्यटन मंत्रालय द्वारा स्वदेश दर्शन योजना के तहत जनजातीय क्षेत्रों की पर्यटन की क्षमता को बढ़ावा देने के लिए 1,000 होम स्टे को बढ़ावा दिया जाएगा। 
      • एक गांव में 5-10 होम स्टे के निर्माण के लिए जनजातीय परिवारों और गांव को धन मुहैया कराया जाएगा।  
      • प्रत्येक परिवार को दो नए कमरों के निर्माण के लिए 5 लाख रुपये और मौजूदा कमरों के नवीकरण के लिए 3 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी। साथ ही, गांव की सामुदायिक आवश्यकता के लिए 5 लाख रुपये प्रदान किए जायेंगे। 
    • वन अधिकार धारकों (FRA) को स्थायी आजीविका: इस मिशन का विशेष ध्यान 22 लाख FRA पट्टा धारकों पर है और कई मंत्रालयों की अलग-अलग योजनाओं का एकीकृत लाभ उन्हें प्रदान किया जाएगा।
      • इन हस्तक्षेपों का उद्देश्य वन अधिकारों को मान्यता देना और उन्हें सुरक्षित करने की प्रक्रिया में तेजी लाना है। 
    • सरकारी आवासीय विद्यालयों और छात्रावासों के बुनियादी ढांचे में सुधार करना: इस अभियान का उद्देश्य पी.एम.-श्री विद्यालयों की तर्ज पर आश्रम विद्यालयों /छात्रावासों/ जनजातीय विद्यालयों/ सरकारी आवासीय विद्यालयों के बुनियादी ढांचे में सुधार करना है। 
    • सिकल सेल रोग (SCD) के निदान के लिए उन्नत सुविधाएं स्थापित करना: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान (एम्स) के साथ-साथ उन राज्यों के प्रमुख संस्थानों में सक्षमता केंद्र (CoC) स्थापित किए जाएंगे, जहां सिकल सेल रोग का ज्यादा प्रभाव है। 
      • सक्षमता केंद्र (CoC) को प्रसव पूर्व निदान के लिए सुविधाओं, प्रौद्योगिकी, कर्मियों और अनुसंधान क्षमताओं से लैस किया जाएगा। इसकी लागत 6 करोड़ रुपये प्रति सक्षमता केंद्र होगी। 
    • जनजातीय बहुउद्देशीय विपणन केंद्र (TMMC): जनजातीय समुदाय के उत्पादकों को उनकी उपज का सही मूल्य दिलाने और उपभोक्ताओं को जनजातीय उपज खरीदने में सुविधा प्रदान करने के लिए 100 TMMC स्थापित किए जाएंगे। 
      • यह केंद्र कटाई और उत्पादन के बाद होने वाले नुकसान को कम करने और उत्पाद के मूल्य को बनाए रखने में भी मदद करेगा। 

    जनजातीय समुदाय के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए अन्य पहलें

    • अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वनवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 (FRA): यह वन में रहने वाली अनुसूचित जनजातियों के वन अधिकारों को मान्यता देने और उन्हें वन अधिकार प्रदान करने के लिए अधिनियमित किया गया है। 
    • शिक्षा: आवासीय स्कूली शिक्षा सुविधाओं के माध्यम से दूरदराज के क्षेत्रों में जनजातीय समुदाय के छात्रों (कक्षा VI-XII) को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (EMRS) स्थापित किए गए हैं। 
      • वर्तमान में, 401 EMRS में 1.2 लाख से अधिक छात्र नामांकित हैं। 
    • आर्थिक सशक्तीकरण: लघु वन उपजों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) प्रदान किया जाता है और प्रधान मंत्री जनजातीय विकास मिशन के माध्यम से जनजातीय उत्पादों के लिए मार्केटिंग सहायता प्रदान की जाती है। 
      • प्रधान मंत्री वनबंधु विकास योजना के तहत, जनजातीय समुदाय के युवाओं द्वारा उद्यमिता/ स्टार्ट-अप परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए एक वेंचर कैपिटल फंड की स्थापना की गई है। 
        • इसके तहत 3,958 वन धन विकास केंद्र (VDVK) स्वीकृत किए गए हैं। 
    • बुनियादी ढांचे का विकास: प्रधान मंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना (PMAAGY) का उद्देश्य अधिक जनजातीय आबादी वाले गांवों में बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराना है। 
    • स्वास्थ्य परिणाम में सुधार पर बल: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत जनजातीय आबादी को प्रभावित करने वाले सिकल सेल रोग सहित हीमोग्लोबिन की कमी से संबंधित विकारों को नियंत्रित करने और रोकने के लिए एक व्यापक दिशा-निर्देश तैयार किया गया है। 

    निष्कर्ष 

    PM-JUGA के तहत बुनियादी ढांचे के विकास, आर्थिक सशक्तीकरण और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तथा स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच पर केंद्रित एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य जनजातीय आबादी के सामने आने वाली बड़ी चुनौतियों को समाप्त करना है। जैसे-जैसे इसके परिणाम सामने आएंगे, जनजातीय समुदायों के उत्थान और सशक्तीकरण की प्रतिबद्धता देश में समावेशी विकास हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

    • Tags :
    • Tribal Development
    • Tribal Welfare
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