अटल पेंशन योजना (ATAL PENSION YOJANA) | Current Affairs | Vision IAS
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अटल पेंशन योजना (ATAL PENSION YOJANA)

01 Jul 2025
13 min

सुर्ख़ियों में क्यों?

अटल पेंशन योजना (APY) की शुरुआत के 10 वर्ष पूरे हुए।

उद्देश्य विशेषताएं 
  • सेवानिवृत्ति के लिए स्वैच्छिक बचत को प्रोत्साहित करना: योजना में शामिल होने की आयु और अंशदान की राशि के आधार पर निर्धारित पेंशन लाभ प्रदान करना।
  • सभी के लिए, विशेष रूप से गरीबों, वंचितों और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा प्रणाली सुनिश्चित करना।
  • बुढ़ापे में वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना।

 

 

  • मंत्रालय: केंद्रीय वित्त मंत्रालय
  • शुरुआत: वर्ष 2015 में
  • कार्यान्वयन एजेंसी: राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के अंतर्गत पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA)
  • योजना का प्रकार: केंद्रीय क्षेत्रक योजना
  • पात्रता:
    • अटल पेंशन योजना (APY) में वे सभी बैंक-खाताधारक शामिल हो सकते है, जिनकी आयु 18 से 40 वर्ष के बीच है और जो आयकर-दाता नहीं हैं।
    • परिवार के सभी पात्र सदस्य इस योजना में शामिल हो सकते हैं।
  • लाभ:
    • गारंटीकृत मासिक पेंशन: 60 वर्ष की आयु से मृत्यु होने तक ₹1,000 से ₹5,000 के बीच आजीवन पेंशन का प्रावधान।
    • पारिवारिक पेंशन प्रावधान: सब्सक्राइबर की मृत्यु होने की स्थिति में, उसके पति या पत्नी को पेंशन मिलती है; और नामित व्यक्ति को अंशदान और ब्याज की कुल राशि (कोर्पस) मिलती है।
    • सब्सक्राइबर की असामयिक मृत्यु (60 वर्ष की आयु से पहले) की स्थिति में पेंशन: पति/ पत्नी APY खाते में अपना अंशदान देना जारी रख सकते हैं।
  • भुगतान: सब्सक्राइबर मासिक/ त्रैमासिक/ अर्धवार्षिक आधार पर APY में अंशदान कर सकते हैं। यह अंशदान  मासिक पेंशन विकल्प और सब्सक्राइबर की योजना में शामिल होने के समय आयु पर निर्भर करता है।
  • योजना से बाहर आने और धन निकासी के विकल्प
    • 60 वर्ष की आयु में निकासी: पूर्ण पेंशन मिलनी शुरू होती है।
    • 60 वर्ष की आयु से पहले निकासी: केवल मृत्यु या गंभीर बीमारी के मामलों में ही फंड की निकासी की अनुमति दी जाती है।
    • स्वैच्छिक निकासी: इसकी अनुमति है, लेकिन सब्सक्राइबर को केवल अंशदान (ब्याज सहित) वापस मिलता है और सरकार का सह-अंशदान (यदि कोई हो) जब्त कर लिया जाता है।
  • सरकारी सह-अंशदान (प्रारंभ में शामिल होने वालों के लिए): यह लाभ 1 जून, 2015 से 31 मार्च, 2016 के बीच शामिल होने वाले पात्र सब्सक्राइबर्स के लिए था (यह योजना अब भी चालू है, लेकिन सरकारी सह-अंशदान अब नहीं दिया जाता)।
    • सरकार ने 5 वर्षों तक कुल अंशदान का 50% या ₹1,000 प्रतिवर्ष (जो भी कम हो) सह-अंशदान के रूप में जमा किया।
    • यह केवल उन सब्सक्राइबर पर लागू था जो किसी वैधानिक सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ नहीं उठा रहे थे और योजना में शामिल होने के समय आयकर दाता भी नहीं थे।
  • दस वर्षों में उपलब्धियां:
    • योजना के तहत पंजीकृत कुल सब्सक्राइबर्स में महिलाओं की हिस्सेदारी लगभग 47% है।
    • अप्रैल 2025 तक, 7.66 करोड़ से अधिक व्यक्तियों ने इस योजना में भाग लिया है।
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