अटल पेंशन योजना (ATAL PENSION YOJANA) | Current Affairs | Vision IAS
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अटल पेंशन योजना (ATAL PENSION YOJANA)

Posted 01 Jul 2025

Updated 24 Jun 2025

13 min read

सुर्ख़ियों में क्यों?

अटल पेंशन योजना (APY) की शुरुआत के 10 वर्ष पूरे हुए।

उद्देश्य विशेषताएं 
  • सेवानिवृत्ति के लिए स्वैच्छिक बचत को प्रोत्साहित करना: योजना में शामिल होने की आयु और अंशदान की राशि के आधार पर निर्धारित पेंशन लाभ प्रदान करना।
  • सभी के लिए, विशेष रूप से गरीबों, वंचितों और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा प्रणाली सुनिश्चित करना।
  • बुढ़ापे में वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना।

 

 

  • मंत्रालय: केंद्रीय वित्त मंत्रालय
  • शुरुआत: वर्ष 2015 में
  • कार्यान्वयन एजेंसी: राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के अंतर्गत पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA)
  • योजना का प्रकार: केंद्रीय क्षेत्रक योजना
  • पात्रता:
    • अटल पेंशन योजना (APY) में वे सभी बैंक-खाताधारक शामिल हो सकते है, जिनकी आयु 18 से 40 वर्ष के बीच है और जो आयकर-दाता नहीं हैं।
    • परिवार के सभी पात्र सदस्य इस योजना में शामिल हो सकते हैं।
  • लाभ:
    • गारंटीकृत मासिक पेंशन: 60 वर्ष की आयु से मृत्यु होने तक ₹1,000 से ₹5,000 के बीच आजीवन पेंशन का प्रावधान।
    • पारिवारिक पेंशन प्रावधान: सब्सक्राइबर की मृत्यु होने की स्थिति में, उसके पति या पत्नी को पेंशन मिलती है; और नामित व्यक्ति को अंशदान और ब्याज की कुल राशि (कोर्पस) मिलती है।
    • सब्सक्राइबर की असामयिक मृत्यु (60 वर्ष की आयु से पहले) की स्थिति में पेंशन: पति/ पत्नी APY खाते में अपना अंशदान देना जारी रख सकते हैं।
  • भुगतान: सब्सक्राइबर मासिक/ त्रैमासिक/ अर्धवार्षिक आधार पर APY में अंशदान कर सकते हैं। यह अंशदान  मासिक पेंशन विकल्प और सब्सक्राइबर की योजना में शामिल होने के समय आयु पर निर्भर करता है।
  • योजना से बाहर आने और धन निकासी के विकल्प
    • 60 वर्ष की आयु में निकासी: पूर्ण पेंशन मिलनी शुरू होती है।
    • 60 वर्ष की आयु से पहले निकासी: केवल मृत्यु या गंभीर बीमारी के मामलों में ही फंड की निकासी की अनुमति दी जाती है।
    • स्वैच्छिक निकासी: इसकी अनुमति है, लेकिन सब्सक्राइबर को केवल अंशदान (ब्याज सहित) वापस मिलता है और सरकार का सह-अंशदान (यदि कोई हो) जब्त कर लिया जाता है।
  • सरकारी सह-अंशदान (प्रारंभ में शामिल होने वालों के लिए): यह लाभ 1 जून, 2015 से 31 मार्च, 2016 के बीच शामिल होने वाले पात्र सब्सक्राइबर्स के लिए था (यह योजना अब भी चालू है, लेकिन सरकारी सह-अंशदान अब नहीं दिया जाता)।
    • सरकार ने 5 वर्षों तक कुल अंशदान का 50% या ₹1,000 प्रतिवर्ष (जो भी कम हो) सह-अंशदान के रूप में जमा किया।
    • यह केवल उन सब्सक्राइबर पर लागू था जो किसी वैधानिक सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ नहीं उठा रहे थे और योजना में शामिल होने के समय आयकर दाता भी नहीं थे।
  • दस वर्षों में उपलब्धियां:
    • योजना के तहत पंजीकृत कुल सब्सक्राइबर्स में महिलाओं की हिस्सेदारी लगभग 47% है।
    • अप्रैल 2025 तक, 7.66 करोड़ से अधिक व्यक्तियों ने इस योजना में भाग लिया है।
  • Tags :
  • राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली
  • अटल पेंशन योजना
  • गारंटीकृत मासिक पेंशन
  • सरकारी सह-अंशदान
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