सुर्ख़ियों में क्यों?
अमेरिकी राष्ट्रपति ने गोल्डन डोम नामक एक महत्वाकांक्षी मिसाइल डिफेंस सिस्टम का अनावरण किया।
गोल्डन डोम के बारे में
- गोल्डन डोम जमीन और अंतरिक्ष से संचालित होने वाला मिसाइल डिफेंस सिस्टम है। इसे संपूर्ण अमेरिकी क्षेत्र की रक्षा के लिए डिज़ाइन किया जाना है।
- यह हाइपरसोनिक और क्रूज मिसाइल के खतरों से निपटने वाला एक बहु-स्तरीय डिफेंस सिस्टम होगा। इस सिस्टम में अंतरिक्ष से संचालित इंटरसेप्टर और एडवांस्ड ट्रैकिंग प्रौद्योगिकियां शामिल होंगी।
- यह प्रणाली मिसाइलों को उनकी उड़ान के कई चरणों में पहचान सकेगी, ट्रैक और नष्ट कर सकेगी, और यहां तक कि उड़ान भरने से पहले भी नष्ट कर सकती है।
- गोल्डन डोम के कंपोनेंट्स अमेरिका के पास पहले से मौजूद डिफेंस सिस्टम्स से तैयार की जा रही है, जिनमें शामिल हैं- पैट्रियट मिसाइल बैटरियां, THAAD (टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस), एजिस बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस, ग्राउंड-बेस्ड मिडकोर्स डिफेंस (GMD) आदि।
गोल्डन डोम से जुड़ी चिंताएं
- अंतरिक्ष का शस्त्रीकरण: चीन ने चिंता जताई है कि इस डिफेंस सिस्टम से "अंतरिक्ष, युद्ध का मैदान बन सकता है" और यह "हथियारों की होड़ को बढ़ावा देगा।"
- बाह्य अंतरिक्ष संधि (आउटर स्पेस ट्रीटी) की भावना के खिलाफ: अंतरिक्ष संधि के अनुसार, कोई भी देश परमाणु हथियार या सामूहिक विनाश के हथियार को न ही अंतरिक्ष की कक्षा में या न ही किसी आकाशीय पिंड पर, और न ही किसी अंतरिक्ष स्टेशन में किसी भी प्रकार से तैनात कर सकता है।
दुनिया की विभिन्न एयर डिफेंस सिस्टम्स के बीच तुलना
देश | एयर डिफेंस सिस्टम्स |
रूस |
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संयुक्त राज्य अमेरिका |
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इजरायल |
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चीन |
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भारत |
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निष्कर्ष
अंतरिक्ष से संचालित इंटरसेप्टर्स की तैनाती, भले ही रक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम हो, लेकिन इससे अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष कानून का उल्लंघन और नई हथियारों की दौड़ शुरू होने का खतरा उत्पन्न हो सकता है। असली चुनौती राष्ट्रीय सुरक्षा की ज़रूरतों और मानवता के लिए अंतरिक्ष शांतिपूर्ण उपयोग के बीच संतुलन बनाए रखने की है।