क्रिप्टोकरेंसी और हवाला गठजोड़ (Cryptocurrency Hawala Nexus) | Current Affairs | Vision IAS
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क्रिप्टोकरेंसी और हवाला गठजोड़ (Cryptocurrency Hawala Nexus)

Posted 01 Jul 2025

Updated 25 Jun 2025

34 min read

सुर्ख़ियों में क्यों? 

हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट ने एक जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि बिटकॉइन ट्रेडिंग वास्तव में हवाला लेनदेन का एक आधुनिक रूप है।

अन्य संबंधित तथ्य 

  • सुप्रीम कोर्ट ने भारत में वर्चुअल करेंसी (क्रिप्टोकरेंसी) की निगरानी के लिए स्पष्ट विनियामक व्यवस्था (यानी नियम-कानून) नहीं होने पर चिंता व्यक्त की
  • ध्यातव्य है कि 2020 में, सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक ऐतिहासिक फैसले में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा 2018 में जारी उस सर्कुलर को रद्द कर दिया था, जिसमें बैंकों को वर्चुअल करेंसी से जुड़ी सेवाएं देने से रोका गया था।

क्रिप्टोकरेंसी और हवाला लेनदेन प्रणाली के बारे में

क्रिप्टोकरेंसी: यह एक प्रकार की डिजिटल या वर्चुअल मुद्रा है, जिसमें लेनदेन को सुरक्षित रखने के लिए क्रिप्टोग्राफी का उपयोग होता है। बिटकॉइन इसका सबसे लोकप्रिय उदाहरण है।

  • इसका नियंत्रण केंद्रीय बैंक जैसी किसी संस्था के पास नहीं होता है, बल्कि यह लेनदेन रिकॉर्ड करने और नई यूनिट्स जारी करने के लिए एक विकेंद्रीकृत प्रणाली का उपयोग करती है।
  • यह ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है और इसका कोई आंतरिक मूल्य नहीं होता है।

हवाला लेन-देन प्रणाली

यह मुद्रा लेन-देन की एक अनौपचारिक प्रणाली है। इसमें पैसे को एक जगह से दूसरी जगह भेजने के लिए "हवाला दलालों" (हवालादारों) की मदद ली जाती है। 

  • एक स्थान से दूसरे स्थान पर मुद्रा लेन-देन की प्रणाली सदियों से उपयोग में रही है, जिसकी शुरुआत मध्य पूर्व और दक्षिण एशिया में हुई थी। अलग-अलग जगहों पर इसके अलग-अलग नाम थे, जैसे- चीन में इसे "Fei-Ch'ien" और भारत में "हुण्डी" कहा जाता था।
  • हवाला लेनदेन पर अवैध मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी गतिविधियों के वित्तपोषण में भूमिका के आरोप लगाए जाते रहे हैं।

क्रिप्टोकरेंसी-हवाला गठजोड़ 

  • क्रिप्टो हवाला गठजोड़ वास्तव में आधुनिक क्रिप्टोकरेंसी प्रौद्योगिकियों के साथ पारंपरिक हवाला लेनदेन के सांठगांठ को दर्शाता है। इस गठजोड़ का उपयोग अवैध तरीके से अर्जित धन को छिपाने और औपचारिक वित्तीय प्रणाली से बचने के लिए किया जाता है।
    • उदाहरण के लिए, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 1,300 करोड़ रुपये की धनराशि को ट्रैक किया जो शेल एकाउंट्स, क्रिप्टो एक्सचेंज और हवाला चैनलों के माध्यम से भेजी गई थी।
  • ब्लॉकचेन तकनीक में नोड्स को हवाला के हवालादारों के समान माना जा सकता है क्योंकि दोनों अपने लेनदेन नेटवर्क को सुरक्षित बनाए रखने के लिए आपसी विश्वास या आम सहमति पर निर्भर करते हैं (इन्फोग्राफिक देखिये)।

क्रिप्टोकरेंसी और हवाला गठजोड़ की वजहें 

  • गुमनामी और जटिलता: क्रिप्टोकरेंसी की गुमनामी एवं जटिलता, बिना आधिकारिक दस्तावेज के चलने वाले पारंपरिक हवाला प्रणाली के साथ मिलकर, वित्तीय लेनदेन को ट्रैक करना मुश्किल बना देता है।
  • वित्तीय लेनदेन की वैधानिक प्रणाली को दरकिनार करना: क्रिप्टोकरेंसी और हवाला, दोनों लेनदेन प्रणालियाँ यूजर्स को औपचारिक और नियम-कानून द्वारा शासित वित्तीय संस्थानों की निगरानी से बचते हुए लेनदेन में मदद करती हैं। ये अस्थिर शासन, संघर्ष से ग्रसित या प्रतिबंधात्मक कानूनों  का सामना करने वाले देशों/क्षेत्रों में लेनदेन का बेहतर माध्यम हो सकता है।
  • अवैध गतिविधियों को बढ़ावा: क्रिप्टोकरेंसी और हवाला, दोनों प्रणालियों की कार्यप्रणाली उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद को वित्तपोषित करने जैसी अवैध गतिविधियों के लिए उपयुक्त बनाती हैं।
  • ब्लॉकचेन तकनीक, हवाला लेनदेन को और अधिक मजबूत बनाती है और विस्तारित करती है: पारदर्शिता और स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट की व्यवस्था के द्वारा ब्लॉकचेन तकनीक हवाला के विश्वास-आधारित लेनदेन मॉडल को और मजबूत बनाती है। इसके कारण लेनदेन की यह प्रणाली तेज़, अत्यधिक आधुनिक और वैश्विक स्तर पर विस्तार योग्य बन जाती है।
  • दोनों प्रणालियां समान सिद्धांतों पर कार्य करती है: ब्लॉकचेन और हवाला, दोनों प्रणालियां बिना किसी केंद्रीय अथॉरिटी की निगरानी के कार्य करती हैं। इस तरह ये प्रणालियां एक-दूसरे का पूरक बन सकती हैं।

क्रिप्टोकरेंसी और हवाला के गठजोड़ से जुड़ी चिंताएँ

  • ट्रैकिंग करने में चुनौतियां: क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन गुमनाम रहते हुए या नाम बदलकर किया जा सकता है। इस वजह से बड़े पैमाने पर अवैध लेनदेन के लिए इस तरीके का उपयोग किया जा रहा है। इस जटिल अवैध नेटवर्क को ट्रैक करना विनियामक संस्थाओं के लिए मुश्किल हो जाता है। 
    • उदाहरण के लिए, स्टील्थ एड्रेस और रिंग सिग्नेचर (जैसे, मोनेरो में), या Zcash में zk-SNARKs, जैसी तकनीकें लेनदेन को अपारदर्शी बना देती हैं।
  • गैर-कानूनी वित्तीय लेनदेन में उपयोग: क्रिप्टोकरेंसी और हवाला गठजोड़ का उपयोग मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए किया जाता है। इसके उदाहरणों में 20 मिलियन डॉलर से अधिक का मुरारका  लेनदेन मामला और आतंकवादी समूह हमास द्वारा मिलियन डॉलर फंड जुटाना या आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए क्रिप्टो करेंसी का उपयोग करना शामिल हैं।
  • विनियमन की चुनौतियां: क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन पर निगरानी के लिए मौजूदा कानूनों में संशोधन की आवश्यकता है। भारत में ब्लॉकचेन तकनीक और क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन की कानूनी स्थिति पर अभी भी अस्पष्टता बनी हुई है।
  • कर से बचाव: क्रिप्टोकरेंसी और हवाला गठजोड़ का उपयोग रेमिटेंस और काले धन को टैक्स हेवन देशों/क्षेत्रों में भेजने के लिए किया जा सकता है।
  • लेनदेन की असुरक्षा: डिजिटल वॉलेट हैकर्स के मुख्य निशाने पर होते हैं। इससे अधिक वित्तीय नुकसान झेलना पड़ता है। क्रिप्टोकरेंसी तकनीकों की खामियों का दुरुपयोग डी-एनोनिमाइजेशन, जमा धन को खर्च करने से रोकने और चोरी करने तथा सिस्टम पर बार-बार साइबर हमलों के लिए किया जा सकता है।

आगे की राह

  • अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का उपयोग: क्रिप्टोकरेंसी और हवाला लेनदेन की समस्या से निपटने के लिए वैश्विक सहयोग और नए नियम बनाना आवश्यक है। सहयोग और नए नियमों के द्वारा सुरक्षा एजेंसियां और खुफिया संस्थाएं आपस में समन्वय के द्वारा गुमनाम लेनदेन को उजागर कर सकती हैं। इसका एक प्रमुख उदाहरण "मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र वैश्विक कार्यक्रम" है।  
  • प्रौद्योगिकी का उपयोग करके नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करना: ब्लॉकचेन सहित अन्य नई प्रौद्योगिकियों का उपयोग गैर-कानूनी लेनदेन को ट्रैक करने और इस धन के उचित उपयोग में किया जा सकता है। उदाहरण: 'वैल्यू-ड्रिवेन-ट्रांजेक्शनल ट्रैकिंग एनालिटिक्स फॉर क्रिप्टो कंप्लायंस (VTAC) अप्रोच, TRM लैब्स। 
  • नियमों को सख्त बनाना: वर्चुअल करेंसी लेनदेन से जुड़ी समस्याओं से निपटने के लिए स्पष्ट और सख्त कानूनों की तत्काल आवश्यकता है। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) के दिशानिर्देश और यूरोपीय संघ का MiCA फ्रेमवर्क वर्चुअल करेंसी लेनदेन में पारदर्शिता बढ़ाने तथा  एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग (AML) और आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने के उपायों को मजबूत करने के लिए मार्गदर्शक साबित हो सकते हैं।
  • व्यापक रणनीति  की आवश्यकता: इस रणनीति में सख्त नियम और निगरानी;  मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्तपोषण से निपटने के प्रयास, तथा AI और मशीन लर्निंग जैसी नई प्रौद्योगिकियों का उपयोग शामिल हो सकते हैं।
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  • क्रिप्टोकरेंसी और हवाला गठजोड़
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