सुर्ख़ियों में क्यों?
हाल ही में, रक्षा मंत्री ने उत्तर प्रदेश के लखनऊ में ब्रह्मोस एयरोस्पेस परीक्षण सुविधा (Brahmos Aerospace Testing Facility) का उद्घाटन किया।
अन्य संबंधित तथ्य
- इस परीक्षण सुविधा के साथ, एक ब्रह्मोस मिसाइल उत्पादन इकाई का भी उद्घाटन किया गया।
- ये इकाइयां उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे का हिस्सा हैं। ये मिसाइल परीक्षण, असेंबली और उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
रक्षा औद्योगिक गलियारों के बारे में ![]()
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ब्रह्मोस मिसाइल के बारे में
- यह लंबी दूरी की एक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल प्रणाली है। इसे जमीन, समुद्र और हवा से दागा जा सकता है।
- सुपरसोनिक का अर्थ है किसी वस्तु की गति ध्वनि की गति से भी अधिक है। यह 1 से 5 मैक की सीमा में होती है।
- मैक संख्या विमान की गति और ध्वनि की गति के अनुपात को दर्शाती है।
- सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की सामान्य गति 2 से 3 मैक होती है।
- सुपरसोनिक का अर्थ है किसी वस्तु की गति ध्वनि की गति से भी अधिक है। यह 1 से 5 मैक की सीमा में होती है।
- इसे भारत के DRDO और रूस के NPOM के बीच एक संयुक्त उपक्रम ब्रह्मोस एयरोस्पेस ने विकसित किया है।
- ब्रह्मोस का नाम ब्रह्मपुत्र और मोस्कवा नदियों के नाम पर रखा गया है।
- मुख्य विशेषताएं
- यह दो चरणों वाली मिसाइल है। इसमें पहले चरण के रूप में एक ठोस प्रणोदक बूस्टर इंजन होता है, जो इसे सुपरसोनिक गति तक लाता है और फिर अलग हो जाता है।
- दूसरा चरण लिक्विड रैमजेट इंजन है, जो क्रूज़ चरण में इसे 3 मैक गति तक पहुंचाता है।
- रैमजेट एक प्रकार का एयर-ब्रीदिंग जेट इंजन है, जो अपनी गति का उपयोग करके हवा को संपीडित करता है, ताकि इसे दहन (Combustion) में इस्तेमाल किया जा सके। इस इंजन में कोई रोटेटिंग कंप्रेसर नहीं होता है।
- मिसाइल की उड़ान सीमा 290 कि.मी. तक है।
- यह 'दागो और भूल जाओ के सिद्धांत' पर काम करती है तथा लक्ष्य तक पहुंचने के लिए अलग-अलग प्रकार के प्रक्षेप-पथों को अपनाती है।
- संस्करण:
- ब्रह्मोस-एनजी (नेक्स्ट जनरेशन) मिसाइल: इसे ब्रह्मोस मिसाइल के हल्के, छोटे और फिर भी स्मार्ट संस्करण के रूप में तैयार किया जाएगा।
- ब्रह्मोस-II: यह एक हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल होगी, जो 5 मैक से अधिक की गति से उड़ेगी।
- ब्रह्मोस मिसाइल का महत्त्व
- उच्च गति और सटीकता: यह मिसाइल अपनी उड़ान के दौरान उच्च सुपरसोनिक गति प्राप्त करती है, जो विशुद्ध सटीकता और महत्वपूर्ण मारक क्षमता प्रदान करती है। प्रभाव के समय उच्च गतिज ऊर्जा (काइनेटिक एनर्जी) से यह क्षमता और भी घातक बन जाती है।
- स्टील्थ गुण: स्टील्थ तकनीक और एडवांस एम्बेडेड सॉफ्टवेयर युक्त गाइडेंस सिस्टम ब्रह्मोस मिसाइल को विशेष क्षमताएं प्रदान करती है। इसमें लो रडार सिग्नेचर है और यह टर्मिनल फेज में केवल 10 मीटर की ऊँचाई पर उड़ सकती है, जिससे यह दुश्मन के रडार की पकड़ में नहीं आती।
- रक्षा आत्मनिर्भरता: ब्रह्मोस एक सफल संयुक्त उद्यम के माध्यम से 'मेक इन इंडिया' का उदाहरण है, जिसमें 200 से अधिक सार्वजनिक और निजी भारतीय उद्योग इसकी उप-प्रणालियों में योगदान दे रहे हैं।
- रक्षा निर्यात: फिलीपींस ब्रह्मोस खरीदने वाला पहला देश था तथा इंडोनेशिया, वियतनाम, मलेशिया, संयुक्त अरब अमीरात, चिली और दक्षिण अफ्रीका सहित कई अन्य देशों ने भी इसमें रुचि दिखाई है। यह प्रवृत्ति वैश्विक हथियार बाजार में भारत के बढ़ते प्रभाव को उजागर करती है।
- अन्य मिसाइलों के साथ तुलना
विशेषताएं | ब्रह्मोस (भारत-रूस) | टॉमहॉक (अमेरिका) | कैलिबर (रूस) | किंजल (रूस) | स्कैल्प (फ्रांस) |
गति | सुपरसोनिक (2-3 मैक) | सबसोनिक (मैक 0.7–0.9) | सबसोनिक (लक्ष्य के पास मैक 2.5 तक बूस्ट) | हाइपरसोनिक (10 मैक तक) | सबसोनिक (लगभग मैक 0.8) |
रेंज | 290 कि.मी. (800 कि.मी. तक विस्तार योग्य) | 1,250–2,500 कि.मी.
| 220-2,500 कि.मी. | 1,500-2,000 कि.मी. | 140 -550 कि.मी.
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लॉन्च प्लेटफॉर्म | जमीन, समुद्र, हवा | जमीन, समुद्र, पनडुब्बियां | समुद्र, पनडुब्बी, हवा | हवा | हवा, जहाज, पनडुब्बी |
निष्कर्ष
ब्रह्मोस एयरोस्पेस परीक्षण सुविधा का उद्घाटन भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता को आगे बढ़ाने, स्वदेशी मिसाइल उत्पादन को मजबूत करने और देश को वैश्विक रक्षा निर्यात परिदृश्य में एक प्रमुख अभिकर्ता के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक रणनीतिक कदम है।