औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (ITIs) के उन्नयन के लिए राष्ट्रीय योजना
Posted 01 Jul 2025
Updated 24 Jun 2025
18 min read
सुर्ख़ियों में क्यों?
हाल ही में, कैबिनेट ने "औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (ITIs) के उन्नयन और कौशल विकास हेतु पांच राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना के लिए राष्ट्रीय योजना" को मंजूरी दी। बजट 2024-25 के तहत घोषित इस योजना को केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में लागू किया जाएगा।
उद्देश्य
विशेषताएं
व्यावसायिक प्रशिक्षण को भारत की औद्योगिक और आर्थिक संवृद्धि का केंद्रीय स्तंभ बनाना, विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे उभरते क्षेत्रों में।
कुशल कार्यबल की बढ़ती मांग को पूरा करना।
ITI प्रशिक्षकों के ज्ञान और कौशल में वृद्धि करना, पाठ्यक्रम विकास व क्षमता निर्माण को मजबूत करना आदि।
मंत्रालय: कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय।
प्रकार: केंद्र प्रायोजित योजना।
वित्त पोषण:
इस योजना के तहत पांच वर्षों में 60,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसमें केंद्रीय हिस्सेदारी: 30,000 करोड़ रुपये, राज्यों की हिस्सेदारी: 20,000 करोड़ रुपये और उद्योग जगत का खर्च: 10,000 करोड़ रुपये शामिल है।
एशियाई विकास बैंक और विश्व बैंक द्वारा समान रूप से केंद्रीय हिस्से के 50% की सीमा तक का सह-वित्तपोषण किया जाएगा।
योजना की अन्य मुख्य विशेषताएं:
पुनरुद्धार: राज्य सरकारों और उद्योग जगत के सहयोग से, मौजूदा ITIs को सरकारी स्वामित्व वाले व उद्योग जगत प्रबंधित कौशल के आकांक्षी संस्थान के रूप में फिर से स्थापित करना। इनमें ऐसे पुनर्निर्धारित पाठ्यक्रम संचालित किए जाएंगे, जो आधुनिक उद्योगों की बदलती कौशल आवश्यकताओं को पूरा करेंगे।
इस योजना में 1,000 सरकारी ITIs का हब-एंड-स्पोक मॉडल के तहत उन्नयन किया जाएगा, ताकि उन्हें उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरूप बनाया जा सके। पांच राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों (NSTIs) की क्षमता में वृद्धि की जाएगी। ये संस्थान भुवनेश्वर, चेन्नई, हैदराबाद, कानपुर और लुधियाना में स्थित हैं।
इन NSTIs में नए राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र भी स्थापित किए जाएंगे।
वित्तीय सहायता: वित्तीय समस्याओं से निपटने के लिए प्रस्तावित योजना के अंतर्गत आवश्यकता-आधारित निवेश का प्रावधान रखा गया है। इससे प्रत्येक संस्थान की विशिष्ट अवसंरचना, क्षमता और व्यापार-संबंधी आवश्यकताओं के आधार पर निधि आवंटन में लचीलापन रहेगा।
कौशल अंतराल को खत्म करना: योजना को प्रभावी बनाने के लिए यह उद्योग-नेतृत्व वाले स्पेशल पर्पस व्हीकल (SPV) मॉडल को अपनाएगी, जो पहले के सरकारी-केवल दृष्टिकोणों से एक बड़ा बदलाव है।
इससे पाठ्यक्रम नियोजन, बुनियादी ढांचे के उन्नयन और सतत प्रबंधन में ITIs तथा उद्योग के बीच घनिष्ठ सहयोग संभव हो सकेगा।
संतुलन सुनिश्चित करना: स्थानीय कार्यबल की उपलब्धता और उद्योगों की मांग के बीच तालमेल बनाना, ताकि MSMEs समेत सभी उद्योगों को काम करने के लिए तैयार श्रमिक आसानी से मिल सकें।
प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण (ToT) पर विशेष ध्यान देना: NSTIs में अवसंरचना का उन्नयन करके तथा सेवा-पूर्व और सेवा-कालीन प्रशिक्षण प्रदान करके पूरे देश में व्यावसायिक शिक्षा की गुणवत्ता एवं एकरूपता में सुधार किया जाएगा।
'विकसित भारत' विज़न: यह योजना समावेशी विकास और वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता लक्ष्यों को पूरा करने के लिए 2047 तक 'विकसित भारत' के साथ संरेखित है।
ITIs के बारे में
राज्य सरकारों के अधीन संचालित, ITIs 1950 के दशक से भारत में व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण (VET) की नींव रहे हैं।
उत्कृष्टता केंद्रों के बारे में:
ये ऐसे निकाय होते हैं, जो विशिष्ट क्षेत्रक/ क्षेत्रकों के लिए नेतृत्व, सर्वोत्तम पद्धतियां, अनुसंधान, सहायता, प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण और कौशल प्रशिक्षण प्रदान करते हैं।