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मिजोरम ने पूर्ण कार्यात्मक साक्षरता दर हासिल की (Mizoram Achieves Full Functional Literacy)

01 Jul 2025
22 min

सुर्ख़ियों में क्यों?

हाल ही में, मिजोरम के मुख्यमंत्री ने आधिकारिक तौर पर मिजोरम को पूर्ण साक्षर राज्य घोषित किया है। अब मिजोरम पूर्ण कार्यात्मक साक्षरता का दर्जा प्राप्त करने वाला भारत का पहला राज्य बन गया है।

अन्य संबंधित तथ्य

  • मिजोरम ने 95% से अधिक की साक्षरता दर हासिल कर ली है। आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) 2023-24 के अनुसार, अब मिजोरम की साक्षरता दर 98.20% हो गई है।
    • इसके पहले, जून 2024 में लद्दाख, ULLAS कार्यक्रम के तहत पूर्ण कार्यात्मक साक्षरता की घोषणा करने वाली पहली प्रशासनिक इकाई बन गया था।
  • गोवा अब दूसरा राज्य बन गया है, जिसने पूर्ण कार्यात्मक साक्षरता हासिल की है।
  • शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, 95% से अधिक साक्षरता दर को पूर्ण साक्षरता के बराबर माना जाता है।
  • ये उपलब्धियां उल्लास/ ULLAS - नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन के कारण संभव हो पाई हैं।

नोट: केरल ने 1991 में जो पूर्ण साक्षरता घोषित की थी, वह राष्ट्रीय साक्षरता मिशन के अंतर्गत 90% से अधिक साक्षरता दर के आधार पर थी।

साक्षरता बनाम कार्यात्मक साक्षरता

  • साक्षरता: भारत के रजिस्ट्रार जनरल कार्यालय के अनुसार, कोई भी व्यक्ति जिसकी आयु 7 वर्ष या उससे अधिक है और जो किसी भी भाषा को समझने के साथ-साथ पढ़ एवं लिख भी सकता है, उसे साक्षर माना जाता है। 
  • कार्यात्मक साक्षरता: यह केवल पढ़ने और लिखने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसमें पढ़ने, लिखने और जानकारी को समझने की क्षमता भी शामिल होती है जो किसी व्यक्ति को अपने दैनिक जीवन में प्रभावी ढंग से कार्य करने में सक्षम बनाती है, जैसे:
    • मौलिक निर्देशों को पढ़ना और समझना, फॉर्म भरना, तकनीक का उपयोग करना तथा लिखी गई जानकारी के आधार पर सूझबूझ से निर्णय लेना आदि।

आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) 2023-24 के अनुसार भारत में साक्षरता

  • कुल साक्षरता दर (सात वर्ष और उससे अधिक आयु): 80.9% है।
  • शहरी बनाम ग्रामीण: शहरी भारत की साक्षरता दर 88.9% है, जबकि ग्रामीण क्षेत्र की साक्षरता दर 77.5% है।
  • लैंगिक अंतराल: पुरुष साक्षरता दर 87.2% है, जबकि महिला साक्षरता दर 74.6% है।

ULLAS - नव भारत साक्षरता कार्यक्रम (NILP) के बारे में

  • परिभाषित साक्षरता: ऐसे विद्यार्थी जो पढ़ व लिख सकते हैं, बुनियादी गणितीय कौशल से युक्त हैं और डिजिटल एवं वित्तीय साक्षरता रखते हैं (सिर्फ अपने नाम का हस्ताक्षर करना या लिखना नहीं)।
  • योजना का प्रकार: यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP), 2020 के अनुरूप है।
  • लक्ष्य: ULLAS योजना का उद्देश्य 5 करोड़ शिक्षार्थियों को साक्षर बनाना है। इसमें "ऑनलाइन टीचिंग, लर्निंग एंड असेसमेंट सिस्टम (OTLAS)" की मदद से हर साल 1 करोड़ शिक्षार्थियों को साक्षर बनाया जाएगा।
    • OTLAS एक कंप्यूटर एप्लीकेशन है, जो ULLAS योजना के वेब पोर्टल और मोबाइल ऐप में जुड़ी हुई है। इसे राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) ने विकसित किया है।
  • योजना की अवधि: वित्त वर्ष 2022-23 से 2026-27 तक।
  • संबंधित मंत्रालय: शिक्षा मंत्रालय
  • लक्षित समूह: 15 वर्ष और उससे ऊपर के ऐसे सभी वयस्क, जिन्होंने किसी कारणवश औपचारिक स्कूली शिक्षा प्राप्त नहीं की। 
  • योजना के घटक: इसमें मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मक ज्ञान, महत्वपूर्ण जीवन कौशल (जैसे वित्तीय साक्षरता व डिजिटल साक्षरता), बुनियादी शिक्षा, व्यावसायिक कौशल तथा सतत शिक्षा शामिल हैं।
  • कार्यान्वयन: इसे समाज में कर्तव्यबोध और सामाजिक उत्तरदायित्व को बढ़ावा देने के लिए स्वैच्छिक भागीदारी के माध्यम से लागू किया जा रहा है।
    • सामाजिक चेतना केंद्र: स्कूलों, स्थानीय सांस्कृतिक केंद्रों, सामुदायिक केंद्रों आदि में उपलब्ध स्थानों का उपयोग करके सामाजिक चेतना केंद्र स्थापित किए जाते हैं। यहां स्कूल कार्यान्वयन की इकाई के रूप में कार्य करते हैं। 
  • क्षेत्रीय भाषाओं का उपयोग: DIKSHA पोर्टल और ULLAS मोबाइल ऐप/ पोर्टल के माध्यम से शिक्षण सामग्री स्थानीय भाषाओं में उपलब्ध कराई जाती है।
  • मूल्यांकन और प्रमाणन: FLNAT (फाउंडेशनल लिटरेसी एंड न्यूमेरसी असेसमेंट टेस्ट) वर्ष में दो बार या मांग पर स्थानीय स्कूलों में आयोजित किया जाता है।

साक्षरता के लिए अन्य पहलें:

  • राष्ट्रीय साक्षरता मिशन (National Literacy Mission: NLM): इसे भारत सरकार ने 1988 में शुरू किया था। इसका उद्देश्य निरक्षरता को समाप्त करना और वयस्कों में कार्यात्मक साक्षरता को बढ़ावा देना था।
  • साक्षर भारत मिशन: इसका उद्देश्य राष्ट्रीय साक्षरता स्तर को 80% तक पहुंचाना है। साथ ही, पुरुष एवं महिला साक्षरता अंतराल को 10 प्रतिशत तक कम करना है।
  • निपुण/ NIPUN भारत मिशन: यह मिशन राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 (NEP, 2020) के तहत शुरू किया गया है। इसका उद्देश्य 2025 तक सभी बच्चों को प्राथमिक कक्षा स्तर पर बुनियादी साक्षरता और गणना कौशल प्रदान करना है।

 

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