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भारत का नया सुरक्षा सिद्धांत (INDIA’S NEW SECURITY DOCTRINE)

01 Jul 2025
28 min

सुर्ख़ियों में क्यों?

ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद राष्ट्र को संबोधित करते हुए भारत के प्रधान मंत्री ने भारत के नए सुरक्षा सिद्धांत की रूपरेखा प्रस्तुत की। यह सिद्धांत आतंकवाद के खिलाफ भारत के नजरिये में एक व्यापक बदलाव को दर्शाता है।

भारत के सुरक्षा सिद्धांत में प्रमुख बदलाव

ऑपरेशन सिंदूर भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सिद्धांत में निर्णायक बदलाव का सूचक है। नया सुरक्षा सिद्धांत निम्नलिखित तीन मुख्य स्तंभों पर आधारित है:

स्तम्भ

विवरण

बदलाव और महत्व 

निर्णायक प्रतिशोध

  • भारत पर हुए किसी भी आतंकवादी हमले का मजबूती से और निर्णायक जवाब दिया जाएगा। इसमें भारत अपनी शर्तों पर जवाबी कार्रवाई करेगा और आतंकवाद के मूल ढांचे को निशाना बनाकर हमला करेगा।
    • उदाहरण के लिए- भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (PoJK) में लश्कर-ए-तैयबा एवं जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय सहित 9 प्रमुख आतंकवादी ठिकानों पर हमला किया था।
  • भारत ने भविष्य में किसी भी बड़े आतंकवादी हमले को रोकने के लिए जवाबी कार्रवाई की अपनी सहन-सीमा के स्तर को कम कर दिया है। इससे आतंकवाद का समर्थन करने वाले पक्ष को भी व्यापक आर्थिक व सैन्य क्षति का सामना करना पड़ेगा। 

परमाणु हमले की धमकी के प्रति 'जीरो टॉलरेंस'

  • भारत परमाणु हमले की धमकियों से डरने वाला नहीं है। इस बहाने आश्रय लेने वाले आतंकी ठिकानों पर सटीक और निर्णायक हमले किए जाएंगे।
    • उदाहरण के लिए: जब  रूस में तैनात पाकिस्तान के राजदूत ने चेतावनी दी कि यदि भारत द्वारा हमला किया गया या सिंधु नदी के जल प्रवाह में बाधा उत्पन्न की गई, तो इस्लामाबाद अपने सभी सैन्य शस्त्रागार, जिसमें परमाणु हथियार भी शामिल हैं, का उपयोग कर सकता है — उस समय भी भारत अपने रुख पर अडिग रहा था।

 

  • यह सिद्धांत स्पष्ट करता है कि भारत की आत्मरक्षा की नीति को परमाणु हमले की धमकियों से नहीं रोका जा सकता। यह भारत की पहले की संयमपूर्ण नीति से पूर्णत: भिन्न है।

आतंकवाद के समर्थकों और आतंकवादियों के बीच कोई भेद नहीं किया जाएगा

  • भारत आतंकवादियों और उन्हें आश्रय देने वाली सरकारों को एक ही नजरिए से देखेगा।
    • उदाहरण के लिए: ऑपरेशन सिंदूर ने पारंपरिक मानकों को तोड़ते हुए पाकिस्तान के मुख्य भू-भाग के स्थानों (जैसे पंजाब प्रांत और बहावलपुर जैसे सामरिक क्षेत्रों) को निशाना बनाया था। इस प्रकार आतंकवादियों व उन्हें समर्थन देने वाले राज्य प्रायोजकों को वैध लक्ष्य माना था। 

 

  • इस सिद्धांत के अनुसार, राज्य-प्रायोजित आतंकवाद को राज्य द्वारा अनुमोदित युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा। इस तरह की गतिविधि को उस देश द्वारा अपने प्रॉक्सी एजेंटों के माध्यम से अंजाम दिया गया युद्ध समझा जाएगा।   
  • इसका उद्देश्य उस राज्य प्रायोजित आतंकवाद (State-sponsored terrorism) को समाप्त करना है, जो वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है।

 

 

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के सुरक्षा सिद्धांत के अन्य प्रमुख आयाम

  • दंड द्वारा प्रतिरोध (Deterrence by Punishment): आतंकवादी हमले की स्थिति में दंडात्मक कार्रवाई के जरिए पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को समर्थन देने के अवांछित व्यवहार को रोकने की रणनीति अपनाई गई है। इस रणनीति के तहत पारंपरिक सैन्य कार्रवाई के जरिए अपूरणीय क्षति पहुंचाने की चेतावनी भी शामिल है। 
  • यह पहले की 'डिटरेंस बाय डिनायल' की रणनीति में स्पष्ट बदलाव का संकेत है। इस रणनीति के तहत केवल आतंकवादी हमले को असफल या अप्रभावी बनाने की दिशा में प्रयास किए जाते थे।  
    • उदाहरण के लिए: 'डिटरेंस बाय डिनायल' में भारत केवल अपनी रक्षा और सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करके पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी हमलों की सफलता की संभावना को समाप्त करता था। इस प्रकार संभावित हमलावर को अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने से रोका जाता था। 
  • आर्थिक कार्रवाई: भारत ने अब ऐसी आर्थिक कार्रवाइयों को भी अपनी रणनीतिक कार्रवाई में शामिल कर लिया है, जिनसे सैन्य टकराव की आशंका के बिना भी रणनीतिक दबाव बनाया जा सके।
    • उदाहरण के लिए: भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया था। 
  • भू-राजनीतिक संदेश (Geopolitical Signalling): भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपना पक्ष प्रस्तुत करने और पाकिस्तान पर वैश्विक दबाव बनाने के लिए सात उच्च-स्तरीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल अलग-अलग देशों में भेजे थे। 
  • रणनीतिक रूप से अक्षम करना (Strategic Decapacitation): भारत ने पाकिस्तान के 11 वायुसेना ठिकानों पर हमला कर उसकी वायु सेना की आगे की रणनीति को विफल और अभियान क्षमता को बाधित किया था, जिससे पाकिस्तान दूसरे या तीसरे चरण के टकराव को जारी रखने में असमर्थ हो गया।
  • समन्वित और प्रौद्योगिकी-संचालित कार्रवाई रणनीति:  भारत की जवाबी कार्रवाई सुनियोजित, सटीक और रणनीतिक थी। इसके तहत स्वदेशी उच्च-प्रौद्योगिकी प्रणालियों को ड्रोन युद्ध, बहु-स्तरीय वायु रक्षा और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध सहित राष्ट्रीय रक्षा प्रणाली में एकीकृत किया गया। 
    • उदाहरण के लिए: ड्रोन युद्ध को भारत के सैन्य सिद्धांत (मिलिट्री डॉक्ट्रिन) में शामिल करना।
  • तनाव कम करने की रणनीति (De-escalation Strategy): भारत की रणनीति आतंकवाद के अड्डों पर दंडात्मक कार्रवाई कर उन्हें क्षति पहुंचाने के साथ-साथ पारंपरिक युद्ध से बचते हुए पाकिस्तान को आगे की कार्रवाइयों के प्रति जवाबदेह बनाना भी है। 
    • उदाहरण के लिए: जब पाकिस्तान की ओर से सैन्य तनाव बढ़ाया गया, तो भारत ने त्वरित रूप से अपनी तीनों सेनाओं की संयुक्त जवाबी कार्रवाई द्वारा पाकिस्तानी सेना की युद्ध क्षमताओं को शीघ्र निष्क्रिय कर दिया। 

निष्कर्ष

ऑपरेशन सिंदूर भारत के सैन्य और भू-राजनीतिक विकास में एक ऐतिहासिक मोड़ है। यह सीमा-पार आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई की स्पष्ट मंशा का संकेत है। प्रतिरोध की रणनीति को लागू करके, आतंकवादी ठिकानों को निष्क्रिय करके, शत्रु देश की जवाबी कार्रवाई को निष्फल बनाकर और पूर्ण युद्ध से बचते हुए, भारत ने एक अत्याधुनिक और हाई-इम्पैक्ट अभियान को निष्पादित किया है, जो दक्षिण एशिया में संघर्ष की एक नई परिभाषा प्रस्तुत करता है।

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