UGC ने यह ड्राफ्ट विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम, 1956 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए जारी किया है।
- प्रस्तावित बदलावों का उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP), 2020 के अनुरूप विविध शिक्षार्थियों की आवश्यकताओं के लिए समावेशिता और अनुकूलनशीलता को बनाए रखना तथा उच्चतर शिक्षा में वैश्विक मानकों के साथ समन्वय स्थापित करना है।
प्रस्तावित किए गए मुख्य बदलावों पर एक नजर
- वर्ष में दो बार प्रवेश: उच्चतर शिक्षण संस्थान (HEIs) अब वर्ष में दो बार छात्रों को प्रवेश दे सकते हैं।
- विषयों में लचीलापन: स्कूली शिक्षा (12वीं कक्षा) में चुने गए किसी भी विषय के बावजूद, कोई भी छात्र राष्ट्रीय/ विश्वविद्यालय स्तर की प्रवेश परीक्षा के आधार पर किसी भी विषय में प्रवेश के लिए पात्र होगा।
- प्रायर लर्निंग को मान्यता (RPL): प्रवेश RPL के आधार पर होगा। इसका तात्पर्य है कि औपचारिक शिक्षा के बाहर सीखी गई कोई लर्निंग, कार्यस्थल पर प्रशिक्षण या समुदाय में सीखे हुए ज्ञान को मान्यता दी जाएगी।
- क्रेडिट संरचना: न्यूनतम 50% क्रेडिट संबंधित विषय से अर्जित किए जाएंगे तथा शेष 50% कौशल पाठ्यक्रमों और प्रशिक्षुता से अर्जित किए जाएंगे।
- अन्य:
- एक साथ दो स्नातक (UG)/ स्नातकोत्तर (PG) कार्यक्रमों को जारी रखने की अनुमति दी गई है। साथ ही, अध्ययन का विषय/ संस्था/ शिक्षण पद्धति में बदलाव के संदर्भ में भी लचीलापन प्रदान किया गया है।
- छात्रों को अपनी शैक्षिक यात्रा के अलग-अलग चरणों पर एकाधिक प्रवेश और निकास के विकल्प दिए गए हैं।
- नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क (NCrF) के अनुरूप त्वरित डिग्री कार्यक्रम (ADP) और विस्तारित डिग्री कार्यक्रम (EDP) (बॉक्स देखें) के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) प्रदान की गई है।
त्वरित डिग्री कार्यक्रम (ADP) और विस्तारित डिग्री कार्यक्रम (EDP) के बारे में
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