भारत ने विश्व की पहली ग्रीन स्टील टैक्सोनॉमी शुरू की | Current Affairs | Vision IAS
News Today Logo

    भारत ने विश्व की पहली ग्रीन स्टील टैक्सोनॉमी शुरू की

    Posted 13 Dec 2024

    14 min read

    केंद्रीय इस्पात मंत्रालय ने ग्रीन स्टील टैक्सोनॉमी (या वर्गीकरण) शुरू की है।

    ग्रीन स्टील टैक्सोनॉमी की मुख्य विशेषताएं

    • ग्रीन स्टील की परिभाषा:  स्टील की ग्रीननेस को प्रतिशत के रूप में व्यक्त किया जाएगा। यह इस डेटा पर आधारित होगा कि स्टील प्लांट की कार्बन डाइऑक्साइड समतुल्य (CO2e) उत्सर्जन तीव्रता, प्रति टन फिनिश्ड स्टील से 2.2 टन CO2e उत्सर्जन की सीमा से कितनी कम है।
    • स्टार रेटिंग सिस्टम: यह फिनिश्ड स्टील की ग्रीननेस पर आधारित होगी। स्टार रेटिंग के लिए उत्सर्जन सीमा की समीक्षा हर तीन साल में की जाएगी। वर्तमान सीमा इस प्रकार है:
      • फाइव स्टार ग्रीन-रेटेड स्टील: प्रति टन फिनिश्ड स्टील से 1.6 टन CO2e से कम उत्सर्जन तीव्रता वाला स्टील।
      • फोर स्टार ग्रीन-रेटेड स्टील: प्रति टन फिनिश्ड स्टील से 1.6 और 2.0 टन के बीच CO2e की उत्सर्जन तीव्रता वाला स्टील।
      • थ्री स्टार स्टार ग्रीन-रेटेड स्टील: प्रति टन फिनिश्ड स्टील से 2.0 और 2.2 टन के बीच CO2e की उत्सर्जन तीव्रता वाला स्टील।
    • नोडल एजेंसी: नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सेकेंडरी स्टील टेक्नोलॉजी (NISST) माप, रिपोर्टिंग और सत्यापन (MRV) तथा ग्रीननेस सर्टिफिकेट (प्रतिवर्ष जारी) एवं स्टार रेटिंग जारी करने के लिए नोडल एजेंसी होगी।

    ग्रीन स्टील टैक्सोनॉमी का महत्त्व

    • राष्ट्रीय ग्रीन स्टील मिशन के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायक: यह शीघ्र जारी होने वाली ‘ग्रीन स्टील नीति’ के तहत 15,000 करोड़ रुपये के व्यय वाला प्रस्तावित मिशन है। इसका उद्देश्य स्टील उद्योग के विकार्बनीकरण (Decarbonisation) में मदद करना होगा।  
    • वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देगी: यूरोपीय संघ की कार्बन बॉर्डर एडजस्टमेंट मैकेनिज्म (CABM) जैसी वैश्विक नीतियों के तहत अधिक कार्बन उत्सर्जन करने वाले उत्पादों के आयात पर उच्च कर लगाए जा रहे हैं। ग्रीन स्टील अपनाने से भारतीय स्टील को विश्व बाजार में प्रतिस्पर्धी बने रहने में मदद मिलेगी। 
      • साथ ही, यह टैक्सोनॉमी भारत को ग्रीन स्टील निर्माण में अग्रणी बनाएगी।
    • नवाचार और विकास को बढ़ावा देगी: यह ग्रीन स्टील टैक्सोनॉमी स्टील उत्पादन में व्यापक बदलाव सुनिश्चित करेगी। इससे नवाचार को बढ़ावा मिलेगा, और भारत में कम कार्बन उत्सर्जन वाले उत्पादों के लिए एक बाजार तैयार होगा। 

    भारत में स्टील क्षेत्रक के विकार्बनीकरण के लिए शुरू की गई मुख्य पहलें

    • राष्ट्रीय वर्धित ऊर्जा दक्षता मिशन (NMEEE): यह राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन कार्य योजना (NAPCC) के 8 मिशनों में शामिल है।
    • परफॉर्म, अचीव एंड ट्रेड (PAT) योजना: यह NMEEE के तहत बाजार आधारित तंत्र है। इसका उद्देश्य ऊर्जा बचत प्रमाण-पत्रों (ESCerts) के माध्यम से ऊर्जा दक्षता बढ़ाना है।
    • अन्य पहलों में शामिल हैं: ग्रीन हाइड्रोजन एनर्जी मिशन, नेशनल सोलर मिशन, स्टील स्क्रैप रीसाइक्लिंग नीति, 2019 आदि। 
    • Tags :
    • ग्रीन स्टील टैक्सोनॉमी
    • स्टार रेटिंग सिस्टम
    • ग्रीन स्टील
    • ग्रीन स्टील नीति
    • CABM
    • NMEEE
    • NAPCC
    Watch News Today
    Subscribe for Premium Features