केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक साथ चुनाव आयोजित करने से संबंधित विधेयकों को मंजूरी दी | Current Affairs | Vision IAS
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    केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक साथ चुनाव आयोजित करने से संबंधित विधेयकों को मंजूरी दी

    Posted 13 Dec 2024

    14 min read

    हाल ही में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लोक सभा और राज्य विधान सभाओं के एक साथ चुनाव आयोजित करने से संबंधित दो विधेयकों को मंजूरी दी है।

    • इनमें से एक विधेयक का उद्देश्य एक साथ चुनाव कराने के लिए संवैधानिक प्रावधानों को संशोधित करना है। दूसरे विधेयक द्वारा उन केंद्र शासित प्रदेशों से संबंधित कानूनों के प्रावधानों में संशोधन किया जाएगा, जहां विधान सभाएं हैं, ताकि अन्य विधान सभाओं के साथ उनके कार्यकाल को संरेखित किया जा सके।
    • इससे पहले, पूर्व राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली एक उच्च-स्तरीय समिति ने लोक सभा, राज्य विधान सभाओं और स्थानीय निकायों के लिए एक साथ चुनाव कराने हेतु एक रोडमैप की सिफारिश की थी।
    • एक साथ चुनाव कराने का अर्थ है लोक सभा, सभी राज्य विधान सभाओं तथा स्थानीय निकायों यानी नगर पालिकाओं और पंचायतों के चुनाव एक साथ आयोजित कराना।

    एक साथ चुनाव की आवश्यकता

    • शासन पर प्रभाव: बार-बार चुनाव होने से विकास कार्यों में बाधा व देरी होती है तथा आदर्श आचार संहिता (MCC) लागू होने के कारण नीतिगत निर्णय प्रभावित होते हैं।
    • वित्तीय बोझ: एक साथ चुनाव कराने से धनराशि का अधिक प्रभावी और तर्कसंगत उपयोग होगा, जिसे अन्य विकास कार्यों में लगाया जा सकता है।
    • मानव संसाधन: एक साथ चुनाव होने से सुरक्षाबलों और अन्य चुनाव अधिकारियों (जैसे शिक्षकों) को लंबे समय तक उनके प्राथमिक कर्तव्यों से दूर नहीं रहना पड़ेगा।
    • अन्य: मतदाता भागीदारी में वृद्धि, अदालतों पर कम बोझ, आदि।

    एक साथ चुनाव से जुड़ी चिंताएं निम्नलिखित हैं: 

    • इससे क्षेत्रीय दलों की चुनावी संभावनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है; 
    • 5 साल में एक बार लोक जांच के कारण राजनीतिक जवाबदेही में कमी आ सकती है; 
    • बड़ी संख्या में EVMs की आवश्यकता जैसे तार्किक मुद्दे उत्पन्न हो सकते हैं आदि।

    राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशें

    • संवैधानिक संशोधन: संविधान के तीन प्रमुख अनुच्छेदों में संशोधन करने की सिफारिश की गई है। इन संशोधनों के तहत 12 नए उपखंड शामिल किए जाएंगे। इसके अलावा, विधान सभा वाले केंद्र शासित प्रदेशों से संबंधित तीन कानूनों में बदलाव करना होगा।
    • एकल मतदाता सूची: यह सूची संविधान के अनुच्छेद 325 में संशोधन करके भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा राज्य निर्वाचन आयोगों के परामर्श से तैयार की जाएगी।
    • नगर पालिकाओं और पंचायतों के एक साथ चुनाव: इन दोनों के चुनाव लोक सभा और विधान सभाओं के एक साथ चुनाव होने के 100 दिनों के भीतर आयोजित किए जाएंगे।
    • नियत तिथि: लोक सभा और विधान सभा चुनावों को समकालिक करते हुए, राष्ट्रपति आम चुनाव के बाद लोक सभा की पहली बैठक की तारीख को नियत तिथि के रूप में अधिसूचित करेंगे।
    • नए चुनाव: त्रिशंकु सदन या अविश्वास प्रस्ताव आदि की स्थिति में केवल शेष कार्यकाल के लिए नई लोक सभा का गठन किया जाएगा। 
    • Tags :
    • एक साथ चुनाव
    • आदर्श आचार संहिता (MCC)
    • अनुच्छेद 325
    • निर्वाचन आयोग
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