श्रीलंका के राष्ट्रपति भारत की यात्रा पर आए हैं। इस दौरान उन्होंने और भारतीय प्रधान मंत्री ने बैठक की। बैठक में निम्नलिखित मामलों पर चर्चा की गई-
- ऋण समर्थन: श्रीलंका ने 4 बिलियन अमेरिकी डॉलर के आपातकालीन वित्त-पोषण व विदेशी मुद्रा सहायता के लिए भारत की सराहना की है। साथ ही, उन्होंने आधिकारिक ऋणदाता समिति (OCC) के सह-अध्यक्ष के रूप में भारत की भूमिका सहित श्रीलंका की ऋण पुनर्गठन प्रक्रिया में भारत की महत्वपूर्ण सहायता को भी स्वीकार किया।
- ऑफिशियल्स क्रेडिटर्स कमिटी (OCC): वर्ष 2023 में 17 देशों ने OCC का गठन किया था। यह समिति श्रीलंकाई अधिकारियों के ऋण समाधान अनुरोध पर चर्चा के लिए बनाई गई है। इसकी सह-अध्यक्षता भारत, जापान और फ्रांस करते हैं।
- इस समिति में पेरिस क्लब ऋणदाताओं के साथ-साथ अन्य आधिकारिक द्विपक्षीय ऋणदाता भी शामिल हैं।
- व्यापार और निवेश सहयोग: दोनों देशों ने 1998 में हस्ताक्षरित भारत-श्रीलंका मुक्त व्यापार समझौते (ISFTA) की भी सराहना की।
- 2023-24 में दोनों देशों के बीच पण्य व्यापार 5.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया है। भारत श्रीलंका के साथ व्यापार अधिशेष की स्थिति में है।
- दोनों देश इस बात पर सहमत हुए कि अब ऋण-संचालित मॉडल से निवेश-संचालित साझेदारी की ओर रणनीतिक बदलाव की आवश्यकता है।
- सामरिक एवं रक्षा सहयोग: दोनों देश पारंपरिक एवं गैर-पारंपरिक खतरों का मुकाबला करने तथा मुक्त, खुली एवं सुरक्षित समुद्री व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
- भारत के निकटतम समुद्री पड़ोसी के रूप में श्रीलंका ने भारत की सुरक्षा या क्षेत्रीय स्थिरता के लिए हानिकारक किसी भी क्षेत्रीय कार्रवाई को रोकने की प्रतिबद्धता जताई।
- श्रीलंका ने समुद्री क्षेत्र संबंधी जागरूकता बढ़ाने के लिए श्रीलंका में समुद्री बचाव और समन्वय केंद्र की स्थापना के लिए भारत का आभार भी व्यक्त किया।
- क्षेत्रीय और बहुपक्षीय सहयोग: भारत ने कोलंबो सिक्योरिटी कॉन्क्लेव का समर्थन किया तथा श्रीलंका की क्षेत्रीय सुरक्षा पहलों का समर्थन करने की प्रतिबद्धता जताई।
मत्स्य पालन संबंधी मुद्दों पर ध्यान देना
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