किसान कवच
जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT) से संबद्ध वैज्ञानिकों ने किसान कवच नामक एक स्वदेशी 'कीटनाशक' सूट विकसित किया है।
किसान कवच के बारे में
- इसे BRIC-inStem, बेंगलुरु ने विकसित किया है। यह किसानों की कीटनाशकों के हानिकारक प्रभावों से बचने में मदद करेगा।
- BRIC-inStem- जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान और नवाचार परिषद-स्टेम सेल विज्ञान और पुनर्योजी चिकित्सा संस्थान।
- किट में एक ट्राउजर, पुलओवर और 'ऑक्सिम फैब्रिक' से बना एक फेस-कवर शामिल है।
- ऑक्सीम फैब्रिक किसी भी सामान्य कीटनाशक को रासायनिक रूप से विखंडित कर सकता है। अक्सर जब किसान खेत में कीटनाशक का छिड़काव करते हैं, तब कीटनाशक उनके कपड़ों या शरीर पर लग जाता है।
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- 'कीटनाशक' सूट
मिल्कवीड फाइबर
वस्त्र मंत्रालय द्वारा मिल्कवीड फाइबर सहित नए प्राकृतिक रेशों में अनुसंधान एवं विकास को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
मिल्कवीड फाइबर के बारे में
- यह एक अनोखा प्राकृतिक रेशा है। इसे मिल्कवीड पौधों (एस्क्लेपियास सिरिएका एल) के बीज कोष से प्राप्त किया जाता है।
- यह पौधा उत्तरी अमेरिका का स्थानिक पादप है। भारत में यह राजस्थान, कर्नाटक और तमिलनाडु में जंगली पौधे के रूप में पाया जाता है।
- गुण: इसमें तैलीय पदार्थ और लिग्निन होता है, जो इसे कताई के लिए बहुत भंगुर बनाता है। लिग्निन विशेष रूप से पादपों की कोशिकाओं व कोशिका भित्तियों में पाया जाता है।
- इसमें एम्फीफिलिक गुणों को दिखाने वाली सामग्री पाई जाती है, जो हाइड्रोफिलिक (जल को अवशोषित करने वाले) और हाइड्रोफोबिक (जल-विकर्षक/ प्रतिरोधी) दोनों गुणों को प्रदर्शित कर सकती है।
- उपयोग: इसका अवशोषक सामग्री, जल-सुरक्षा उपकरण (लाइफ जैकेट और बेल्ट) आदि के निर्माण में उपयोग किया जाता है।
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Articles Sources
SLINEX 2024
श्रीलंका और भारत के बीच द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास 'SLINEX 2024' पूर्वी नौसेना कमान के तत्वावधान में शुरू हुआ।
SLINEX के बारे में
- यह 2005 में भारत और श्रीलंका के बीच द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास के रूप में शुरू हुआ था।
- 2024 के अभ्यास में भाग लेने वाले पोत: भारत की ओर से INS सुमित्रा पोत और श्रीलंका की ओर से SLNS सयूरा पोत भाग ले रहे हैं।
- अभ्यास के चरण: यह अभ्यास दो चरणों में आयोजित हो रहा है- समुद्री चरण और बंदरगाह चरण।
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- द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास
गोलान हाइट्स
इजरायल गोलान हाइट्स में यहूदी बस्तियों का विस्तार करने की योजना बना रहा है।
- इजरायल ने 1967 के छह दिवसीय युद्ध (Six-Day War) में सीरिया से गोलान हाइट्स अधिकृत कर लिया था। 1981 में इजरायल ने इसे अपने अधिकार में ले लिया था।

- हालांकि, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इजरायल के अधिकार को मान्यता नहीं दी गई है।
गोलान हाइट्स के बारे में
- अवस्थिति: गोलान हाइट्स दक्षिण-पश्चिमी सीरिया में इजरायल, लेबनान और जॉर्डन की सीमा पर अवस्थित है। यह चट्टानी पठार है।
- इसके पश्चिम में जॉर्डन नदी और गैलिली सागर, उत्तर में माउंट हरमोन, पूर्व में मौसमी नदी वादी अल-रुक्काद तथा दक्षिण में यारमुक नदी स्थित हैं।
- सामरिक महत्त्व:
- सीरिया में गतिविधियों पर निगरानी रखने में सहायक: सीरिया की राजधानी दमिश्क, गोलान हाइट्स से केवल 60 किलोमीटर दूर है। गोलान हाइट्स से राजधानी दमिश्क दिखाई देती है।
- गोलान हाइट्स, सीरिया की ओर से किसी भी सैन्य गतिविधि के खिलाफ प्राकृतिक सुरक्षा का कार्य करती है।
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- गोलान हाइट्स
- छह दिवसीय युद्ध
- Six-Day War
अनुपूरक अनुदान मांग (Supplementary demand for grants)
लोक सभा ने वित्त वर्ष 2024-25 के प्रथम बैच के लिए अनुपूरक अनुदान मांगों को मंजूरी दी।
अनुपूरक अनुदान मांगों के बारे में
- उद्देश्य: अनुपूरक अनुदान की मांग तब की जाती है जब उस वित्त वर्ष के लिए संसद द्वारा किसी विशेष सेवा हेतु पहले से अधिकृत आवंटन पर्याप्त नहीं पाया जाता है।
- यह तब भी प्रस्तुत किया जा सकता है जब मूल बजट में किसी सेवा के लिए आवंटन नहीं किया जाता है, लेकिन बाद में इस पर व्यय करना आवश्यक हो जाता है।
- प्रक्रिया: राष्ट्रपति संसद के समक्ष एक प्रस्ताव प्रस्तुत करता है, जिसमें अनुमानित अतिरिक्त व्यय की आवश्यकता दिखाई जाती है।
- इसके बाद इस मांग पर संसद के दोनों सदनों में बहस की जाती है और उसे मंजूरी दी जाती है।
- प्रस्तुत करने का समय: इन मांगों को किसी वित्त वर्ष की समाप्ति से पहले पारित करना होता है।
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- अनुपूरक अनुदान मांग
- Supplementary demand
हाइड्रोक्सीमिथेनसल्फोनेट (HMS)
एक हालिया अध्ययन से पता चला है कि हवा में कम सल्फेट सांद्रता कम तापमान (लगभग -35 डिग्री सेल्सियस) के साथ पार्टिकुलेट मैटर (PM) कणों की अम्लता को कम करती है।
- अम्लता में यह कमी PM2.5 के एक घटक HMS के उत्पादन में वृद्धि करती है।
HMS के बारे में
- निर्माण:
- HMS आमतौर पर तरल जल की उपस्थिति में फॉर्मेल्डिहाइड और सल्फर डाइऑक्साइड की अभिक्रिया के परिणामस्वरूप बनता है।
- ठंडे क्षेत्रों में ये अभिक्रियाएं एयरोसोल कणों में भी हो सकती हैं।
- प्रभाव: यह सूक्ष्म पार्टिकुलेट मैटर (PM2.5) का एक हिस्सा है, जो वायु प्रदूषण का कारण बन सकता है और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है।
- एरोसोल में HMS की उपस्थिति कोहरे के निर्माण में योगदान करती है और वायु की गुणवत्ता को खराब करती है।
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- हाइड्रोक्सीमिथेनसल्फोनेट
- HMS
- पार्टिकुलेट मैटर
सर्च एंड रेस्क्यू ऐड टूल (SARAT)
भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र (INCOIS) ने SARAT का अत्याधुनिक संस्करण विकसित किया है।
- यह भारतीय तटरक्षक बल जैसी एजेंसियों को समुद्र में भारतीय खोज और बचाव (SAR) अभियान को सटीक तरीके से चलाने में सहायता करेगा।
SARAT के बारे में
- इसे मेक इन इंडिया के तहत 2016 में पहली बार तैयार किया गया था।
- इसका उद्देश्य समुद्र में खोज और बचाव कार्यों को सुविधाजनक बनाना और संकट में फंसे व्यक्तियों या जहाजों का शीघ्र पता लगाना है।
- यह टूल यूजर्स के लिए मोबाइल एप्लिकेशन के रूप में भी उपलब्ध है।
भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र (INCOIS) के बारे में
- उत्पत्ति: यह पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (MoES) के तहत 1999 में एक स्वायत्त निकाय के रूप में स्थापित हुआ था।
- भूमिका: समाज को सर्वोत्तम संभव समुद्री जानकारी और परामर्श सेवाएं प्रदान करना।
- कार्य: सुनामी, तूफान महोर्मि, ऊंची लहरों आदि पर तटीय आबादी के लिए चौबीसों घंटे निगरानी और चेतावनी सेवाएं प्रदान करना।
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- सर्च एंड रेस्क्यू ऐड टूल
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डायबिटीज बायोबैंक
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने देश का पहला डायबिटीज बायोबैंक चेन्नई में स्थापित किया है।
- मधुमेह (डायबिटीज) क्रॉनिक और चयापचय (मेटाबोलिक) संबंधी बीमारी है। इस बीमारी में अग्न्याशय अपने आप बहुत कम या बिल्कुल भी इंसुलिन नहीं बनाता है।
डायबिटीज बायोबैंक के बारे में
- यह अलग-अलग आबादी समूहों के जैविक नमूनों (Biological samples) का भंडार है।
- यह ICMR की अनुमति से वैज्ञानिक अध्ययनों में सहायता के लिए बायोस्पेसिमेन को एकत्र, प्रोसेस, संग्रहीत और वितरित करेगा।
- बायोबैंक वैज्ञानिकों को मधुमेह के लिए उत्तरदायी आनुवंशिक व जीवनशैली आधारित और पर्यावरणीय कारकों का अध्ययन करने में मदद करेगा।
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