देश में एक साथ चुनाव कराने की व्यवस्था तय करने वाले दो विधेयक लोक सभा में औपचारिक रूप से पेश किए गए। ये दो विधेयक हैं-
- 129वां संविधान संशोधन विधेयक, 2024; और
- केंद्र शासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक, 2024.
129वां संविधान संशोधन विधेयक, 2024 के मुख्य प्रावधान
- संविधान में एक नया अनुच्छेद 82A जोड़ा जाएगा:
- एक साथ चुनाव: नए अनुच्छेद के अनुसार भारत का चुनाव आयोग लोक सभा और सभी राज्य विधान सभाओं के लिए एक साथ आम चुनाव कराएगा।
- विधान सभाओं का कार्यकाल: सभी राज्य विधान सभाओं का कार्यकाल लोक सभा के पूर्ण कार्यकाल के साथ समाप्त हो जाएगा।
- अनुच्छेद 83 में संशोधन: इसमें असमाप्त अवधि, मध्यावधि चुनाव और आम चुनाव की परिभाषा दी गई है।
- संशोधन के अनुसार जब लोक सभा 5 वर्ष के पूर्ण कार्यकाल से पहले भंग हो जाती है, तो लोक सभा विघटन की तिथि और पूर्ण कार्यकाल की समाप्ति के बीच की अवधि ‘असमाप्त अवधि’ (Unexpired period) मानी जाएगी।
- समय से पहले लोक सभा विघटन के बाद मध्यावधि चुनाव होंगे। इस चुनाव से जिस नई लोक सभा का गठन होगा उसका कार्यकाल केवल ‘असमाप्त अवधि’ के लिए होगा।
- उदाहरण के लिए- यदि लोक सभा अपने पांच साल के कार्यकाल को पूरा किए बिना तीन साल में भंग हो जाती है, तो मध्यावधि चुनाव के बाद गठित लोक सभा का कार्यकाल केवल दो वर्षों का होगा।
- अनुच्छेद 172 में संशोधन: यह नया प्रावधान राज्य विधान सभाओं के लिए असमाप्त अवधि और पूर्ण कार्यकाल को परिभाषित करता है।
केंद्र शासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 के प्रमुख प्रावधान
- इसके जरिए केंद्र शासित प्रदेश अधिनियम, 1963; राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली अधिनियम, 1991 तथा जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 में संशोधन का प्रस्ताव किया गया है।
- ये संशोधन विधान सभा वाले केंद्र शासित प्रदेशों की विधान सभाओं के कार्यकाल को एक साथ चुनाव के तहत लोक सभा और राज्य विधान सभाओं के कार्यकाल के अनुरूप करने के लिए प्रस्तावित हैं।
एक साथ चुनाव कराने का महत्त्व
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